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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

प्रधानमंत्री की बांग्लादेश यात्रा

  • 01 Apr 2021
  • 13 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता (Independence of Bangladesh) की स्वर्ण जयंती, राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मजीबुर्रहमान (Bangabandhu Sheikh Mujibur Rahman) की जन्म शताब्दी और भारत तथा बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने के उत्सव में भाग लेने के लिये बांग्लादेश की यात्रा की।

प्रमुख बिंदु

ऐतिहासिक कड़ियों का संयुक्त समारोह:

  • बांग्लादेश ने बंगबंधु शेख मजीबुर्रहमान को वर्ष 2020 का गांधी शांति पुरस्कार (Gandhi Peace Prize) प्रदान करने पर भारत को धन्यवाद दिया।
  • ढाका में बंगबंधु-बापू डिजिटल प्रदर्शनी का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया गया।
  • भारत-बांग्लादेश मित्रता की 50वीं वर्षगाँठ को चिह्नित करने के लिये:
    • दोनों पक्षों ने संबंधित स्मारक डाक टिकट जारी किये।
    • 6 दिसंबर को मैत्री दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। इसी दिन भारत ने वर्ष 1971 में बांग्लादेश को मान्यता दी थी।
    • भारत ने दिल्ली विश्वविद्यालय में बंगबंधु पीठ की स्थापना की घोषणा की।
  • बांग्लादेश ने बांग्लादेश-भारत सीमा पर मुजीब नगर से नादिया तक ऐतिहासिक सड़क का नाम (मुक्ति संग्राम के दौरान इस सड़क के ऐतिहासिक महत्त्व को याद करते हुए)  शाधिनोता शोरोक (Shadhinota Shorok) रखने के बांग्लादेश के प्रस्ताव पर विचार करने के लिये भारत को धन्यवाद दिया। 

जल संसाधन सहयोग:

  • बांग्लादेश ने तीस्ता नदी जल के बँटवारे पर लंबे समय से लंबित अंतरिम समझौते के समाधान के लिये अपने अनुरोध को दोहराया।
    • दोनों सरकारों द्वारा जनवरी 2011 में मसौदा समझौते पर पहले ही सहमति दे दी गई है।
  • भारत ने बांग्लादेश की तरफ से लंबित फेनी नदी के पानी के बंटवारे के लिये अंतरिम समझौते के मसौदे को जल्द अंतिम रूप देने का अनुरोध किया, इस पर दोनों पक्षों ने वर्ष 2011 में सहमति जताई थी।
    • साथ ही दोनों देशों ने संबंधित जल मंत्रालयों को मनु, मुहुरी, खोवाई, गुमटी, धारला और दुधकुमार नामक छः अन्य नदियों के पानी के बँटवारे संबंधी अंतरिम समझौते को भी जल्द पूरा करने का निर्देश दिया।
  • दोनों प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त तकनीकी समिति को निर्देश दिया कि वह गंगा जल साझेदारी संधि (Ganges Water Sharing Treaty), 1996 के अनुसार बांग्लादेश द्वारा प्राप्त गंगा जल के इष्टतम उपयोग के लिये गंगा-पद्मा बैराज की व्यवहार्यता का शीघ्रता से अध्ययन करे।

Ganges-Water

विकास के लिये व्यापार नीतियों पर ज़ोर:

  • दोनों पक्षों ने व्यापार नीतियों, विनियमों और प्रक्रियाओं की भविष्यवाणी और गैर-टैरिफ बाधाओं को हटाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
  • दोनों देशों के बीच व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिये समन्वित तरीके से ज़मीनी सीमा शुल्क स्टेशनों/भूमि बंदरगाहों (Land Customs Station/Land Port) के बुनियादी ढाँचे और सुविधाओं के उन्नयन हेतु तत्काल ज़ोर देने का आह्वान किया गया।
  • द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिये मानकों हेतु सामंजस्य और समझौतों व प्रमाणपत्रों की मान्यता के महत्त्व को दोहराया गया।
    • बांग्लादेश मानक और परीक्षण संस्थान (Bangladesh Standards and Testing Institute) और भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standard) क्षमता निर्माण तथा परीक्षण एवं लैब सुविधाओं के विकास के लिये सहयोग करेंगे।
  • भारत ने अल्प विकसित देश (Least Developed Country) के दर्जे से जल्द बाहर आने पर बांग्लादेश को बधाई दी।
  • दोनों पक्षों ने व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (Comprehensive Economic Partnership Agreement) में प्रवेश करने की संभावनाओं पर चल रहे संयुक्त अध्ययन के जल्द पूरा किये जाने पर ज़ोर दिया।
  • बांग्लादेश ने जूट क्षेत्र के पुनरुद्धार और आधुनिकीकरण के लिये अपनी जूट मिलों में भारतीय निवेश को आमंत्रित किया।
  • भारत ने कटिहार - परबतीपुर - बोर्नगर क्रॉस बॉर्डर इलेक्ट्रिसिटी इंटरकनेक्शन के कार्यान्वयन के लिये तौर-तरीकों को जल्द अंतिम रूप देने का अनुरोध किया।
  • दोनों पक्षों ने भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन और मैत्री सुपर थर्मल पॉवर परियोजना की इकाई-1 के कार्यान्वयन में प्रगति का जायजा लिया।

समृद्धि के लिये कनेक्टिविटी:

  • भारत ने वर्ष 1965 से पहले के रेल संपर्क को पुनर्जीवित करने की बांग्लादेश की पहल पर आभार व्यक्त किया।
  • बांग्लादेश ने भारत-म्याँमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना (India – Myanmar-Thailand Trilateral Highway Project) पहल में भागीदारी के प्रति अपनी उत्सुकता दोहराई।
  • दोनों देशों के बीच बेहतर संपर्क और यात्रियों व माल की आवाजाही को आसान बनाने के लिये दोनों पक्षों ने बांग्लादेश, भारत और नेपाल के लिये समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके BBIN मोटर वाहन समझौते (BBIN Motor Vehicles Agreement) को शीघ्र लागू करने पर सहमति व्यक्त की, ताकि सामानों और यात्रियों की आवाजाही शुरू हो सके। आगे चलकर भूटान को भी इसमें शामिल किया जा सकता है।
  • कोलकाता से चट्टग्राम के ज़रिये अगरतला तक माल की आवाजाही के लिये चट्टग्राम और मोंगला बंदरगाह के इस्तेमाल हेतु ट्रांस-शिपमेंट समझौते को जल्द लागू किये जाने का अनुरोध किया।
    • भारत ने अंतर्देशीय जल पारगमन और व्यापार पर प्रोटोकॉल के एक भाग के रूप में मुंशीगंज और पनगाँव में ट्रांस-शिपमेंट व्यवस्था के लिये भी अनुरोध किया।
    • हाल ही में दक्षिण त्रिपुरा में फेनी नदी पर मैत्री सेतु (भारत और बांग्लादेश के बीच) का उद्घाटन किया गया।
  • बांग्लादेश ने पूर्वोत्तर भारत खासतौर से त्रिपुरा के लोगों द्वारा चट्टग्राम और सिलहट अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के इस्तेमाल की पेशकश की।

सार्वजनिक स्वास्थ्य में सहयोग:

सीमा प्रबंधन और सुरक्षा सहयोग:

  • बांग्लादेश ने मानवीय आधार पर पद्मा नदी के ज़रिये 1.3 किमी. के जलमार्ग का निवेदन दोहराया है। 
    • भारत ने त्रिपुरा-बांग्लादेश क्षेत्र से शुरुआत करते हुए अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सभी लंबित क्षेत्रों में बाड़ लगाने का आग्रह किया।
  • रक्षा सहयोग: कार्यक्रमों के लगातार आदान-प्रदान और प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण में सहयोग बढ़ाने पर ज़ोर दिया गया।
    • भारत ने बांग्लादेश को भारत से रक्षा आयात के लिये $500 मिलियन की लाइन ऑफ क्रेडिट की पेशकश की है।
  • दोनों पक्षों ने आपदा प्रबंधन, पुनर्निर्माण और शमन पर एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये जाने का स्वागत किया।

सहयोग के नए क्षेत्र:

  • विज्ञान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और परमाणु प्रौद्योगिकी के शांतिपूर्ण उपयोग, बिग डेटा, स्वास्थ्य तथा शिक्षा व प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाओं के नए और उभरते क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की ज़रूरत को स्वीकार किया गया।
  • भारत ने बांग्लादेश के 50 युवा उद्यमियों को भारत आने और अपने विचारों को साझा करने के लिये आमंत्रित किया।

क्षेत्र और विश्व में भागीदार:

  • दोनों देश संयुक्त राष्ट्र (United Nations) और अन्य बहुपक्षीय मंचों पर साझा उद्देश्यों के लिये साथ मिलकर काम करना जारी रखने पर सहमत हुए।
  • दोनों पक्षों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सार्क (SAARC) और बिम्सटेक (BIMSTEC) जैसे क्षेत्रीय संगठनों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है, विशेष रूप से कोविड-19 के बाद की स्थिति में। 
  • बांग्लादेश ने मार्च 2020 में सार्क नेताओं की वीडियो कॉन्फ्रेंस बुलाने और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में वैश्विक महामारी के प्रभाव से निपटने के लिये सार्क आपातकालीन प्रतिक्रिया निधि (SAARC Emergency Response Fund) बनाए जाने का प्रस्ताव रखने हेतु भारत को धन्यवाद दिया।
  • बांग्लादेश ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वह अक्तूबर 2021 में पहली बार इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (Indian Ocean Rim Association) की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। अतः उसने हिंद महासागर क्षेत्र में अधिक समुद्री सुरक्षा तथा रक्षा पर काम करने के लिये भारत से सहयोग का आग्रह किया।
  • भारत ने न्यू डेवलपमेंट बैंक (New Development Bank) में शामिल होने के बांग्लादेश के फैसले का स्वागत किया।

दोनों प्रधानमंत्रियों की अन्य घोषणाएँ:

  • भारतीय सशस्त्र बलों के शहीदों, जिन्होंने वर्ष 1971 के मुक्ति संग्राम में अपने जीवन का बलिदान किया, के सम्मान में आशूगंज, ब्राह्मणबारिया में एक स्मारक की आधारशिला रखी गई।
  • पाँच पैकेजों वाले (अमीन बाज़ार-कालियाकोर, रूपपुर-ढाका, रूपपुर- गोपालगंज, रूपपुर- धामराई, रूपपुर-बोगरा) रूपपुर पॉवर इवैक्यूएशन प्रोजेक्ट (Rooppur Power Evacuation Project) के लिये आधारशिला समारोह।
  • तीन बॉर्डर हाटों यथा- नलीकाटा (भारत)- सायदाबाद (बांग्लादेश), रिनगकु (भारत)- बागान बारी (बांग्लादेश) और भोलागुंज (भारत)- भोलागुंज (बांग्लादेश) का उद्घाटन।
    • बॉर्डर हाट का उद्देश्य स्थानीय बाज़ारों के माध्यम से स्थानीय उपज के विपणन की एक पारंपरिक प्रणाली की स्थापना करके दोनों देशों की सीमाओं के पार दूरदराज़ के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को लाभ पहुँचाना है।
  • बांग्लादेश में ढाका को और भारत की तरफ न्यू जलपाईगुड़ी को जोड़ने वाली मिताली एक्सप्रेस (Mitali Express) यात्री ट्रेन का उद्घाटन।

स्रोत: द हिंदू

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