लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

सामाजिक न्याय

भारत में गरीबी की स्थिति पर शोध पत्र: विश्व बैंक

  • 20 Apr 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

विश्व बैंक, आईएमएफ, निर्धनता, एनएसएसओ, निर्धनता से संबंधी पहलें।

मेन्स के लिये:

महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, भारत में गरीबी और संबंधित मुद्दे।

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में विश्व बैंक द्वारा 'पावर्टी हैज़ डिक्लाइन ओवर द लास्ट डिकेड बट नॉट अस मच अस यूथ थॉट' (Poverty has Declined over the Last Decade But Not As Much As Previously Thought) शीर्षक से शोध पत्र प्रकाशित किया गया है। 

  • यह पत्र अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा प्रकाशित एक वर्किंग पेपर से समानता रखता है जिसमे  जिसमें कहा गया था कि भारत ने राज्य द्वारा वित्त पोषित खाद्य हैंड आउट्स (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) के माध्यम से अत्यधिक गरीबी को लगभग समाप्त कर दिया गया है और जिससे 40 वर्षों में उपभोग असमानता अपने निम्नतम स्तर पर पहुँच चुकी है। 

Poverty-in-india

रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएंँ:

  • अत्यधिक गरीबी में गिरावट: भारत में अत्यधिक गरीबी की स्थिति में वर्ष 2011 की तुलना में वर्ष 2019 में 12.3% अंक की कम आयी है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में तुलनात्मक रूप से तेज़ से गिरावट के साथ गरीबी वर्ष  2019 में वर्ष 2011 के स्तर 22.5% से घटकर10.2% हो गई है।
    • वर्ष 2011 के बाद से खपत असमानता में मामूली कमी हुई है लेकिन अप्रकाशित राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण-2017 की तुलना में यह अंतर बहुत कम है। 
    • वर्ष 2015-2019 के दौरान गरीबी में कमी की सीमा राष्ट्रीय लेखा आंँकड़ों में रिपोर्ट किये गए निजी अंतिम उपभोग व्यय में वृद्धि के आधार पर पहले के अनुमानों की तुलना में काफी कम होने का अनुमान है। 
    • विश्व बैंक ने द्वारा "अत्यधिक गरीबी" (Extreme Poverty) को प्रति व्यक्ति प्रति दिन 1.90 अमेरिकी डाॅलर से कम पर रहने के रूप में परिभाषित किया है।
  • ग्रामीण बनाम शहरी गरीबी: शहरी भारत की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी में कमी अधिक थी क्योंकि ग्रामीण गरीबी वर्ष 2011 में 26.3% से घटकर वर्ष 2019 में 11.6% हो गई है, जबकि शहरी क्षेत्रों में इसी अवधि में गिरावट 14.2% से 6.3% तक ही हुई है।
    • वर्ष 2011-2019 के दौरान ग्रामीण और शहरी गरीबी में क्रमशः 14.7 और 7.9% की गिरावट आई है।
    •  वर्ष 2016 में भारत में विमुद्रीकरण के साथ शहरी गरीबी में 2% की बढ़ोत्तरी हुई तथा वर्ष 2019 में ग्रामीण गरीबी में 10% की वृद्धि दर्ज की गई।
  • छोटे किसान: छोटे किसानों द्वारा उच्च आय वृद्धि का अनुभव किया गया है। सबसे छोटी जोत वाले किसानों के लिये वास्तविक आय में दो सर्वेक्षण के दौरों (2013 और 2019) के मध्य वार्षिक रूप से 10% की वृद्धि दर्ज की है, जबकि बड़ी जोत वाले किसानों के लिये 2% की वृद्धि हुई है।
    • ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे भूमिधारकों की आय में वृद्धि ग्रामीण क्षेत्रों में आय असमानता में कमी को दर्शाती है। 
    • सबसे छोटे भूमि धारकों में गरीब आबादी का एक बड़ा हिस्सा होता है। इस आय में मज़दूरी, फसल उत्पादन से शुद्ध प्राप्ति, पशु खेती से शुद्ध प्राप्ति तथा गैर-कृषि व्यवसाय से शुद्ध प्राप्ति शामिल है। भूमि को पट्टे पर देने से होने वाली आय पर छूट दी गई है।

रिपोर्ट का महत्त्व:

विश्व बैंक:

  • परिचय: 
    • इसे वर्ष 1944 में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ पुनर्निर्माण और विकास के लिये अंतर्राष्ट्रीय बैंक (IBRD) के रूप में स्थापित किया गया था। बाद में  IBRD को ही विश्व बैंक के रूप में जाना गया।
    • विश्व बैंक समूह विकासशील देशों में गरीबी को कम करने और साझा समृद्धि का निर्माण करने वाले स्थायी समाधानों के लिये काम कर रहे पाँच संस्थानों की एक अनूठी वैश्विक साझेदारी है।
  • सदस्य: 
    • इसके 189 सदस्य देश हैं। 
    • भारत भी एक सदस्य देश है।. 
  • प्रमुख रिपोर्ट
  • पाँच विकास संस्थान: 
    • अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD)
    • अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (IDA)
    • अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC)
    • बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी (MIGA)
    • निवेश विवादों के निपटारे के लिये अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (ICSID)
      • भारत इसका सदस्य नहीं है।

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2