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शासन व्यवस्था

सक्षम केंद्र: डीएवाई-एनआरएलएम

  • 23 Oct 2021
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

सक्षम केंद्र, दीनदयाल अंत्योदय योजना, मनरेगा, सक्षम एप्लीकेशन

मेन्स के लिये:

स्वयं सहायता समूहों की भूमिका, वित्तीय समावेशन में सक्षम केंद्रों का महत्त्व 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में आज़ादी के अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में 13 राज्यों के 77 ज़िलों में कुल 152 वित्तीय साक्षरता और सेवा वितरण केंद्र (सक्षम केंद्र) शुरू किये गए।

  • ये केंद्र ग्रामीण विकास मंत्रालय के दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के तहत शुरू किये गए थे।

प्रमुख बिंदु 

  • सक्षम केंद्र:
    • वित्तीय साक्षरता और सेवा वितरण केंद्र (CLF & SDG) ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों (SHG), परिवारों की बुनियादी वित्तीय ज़रूरतों के लिये वन स्टॉप सॉल्यूशन/सिंगल विंडो सिस्टम के रूप में कार्य करेगा।
    • उद्देश्य:
      • वित्तीय साक्षरता प्रदान करना और एसएचजी सदस्यों तथा ग्रामीण गरीबों को वित्तीय सेवाओं (बचत, ऋण, बीमा, पेंशन आदि) के वितरण की सुविधा प्रदान करना।
    • प्रबंधन:
      • इन केंद्रों का प्रबंधन SHG नेटवर्क द्वारा प्रशिक्षित सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों (CRP) की मदद से किया जाएगा।
  • सक्षम एप्लीकेशन:
    • "सक्षम" नामक एक मोबाइल और वेब-आधारित एप्लीकेशन भी विकसित किया गया है।
      • इसका उपयोग केंद्र के सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों द्वारा प्रत्येक एसएचजी और गाँव के लिये विभिन्न वित्तीय सेवाओं तक पहुँच बनाने, प्रमुख अंतराल की पहचान करने और तदानुसार प्रशिक्षण प्रदान करने तथा आवश्यक वित्तीय सेवाएँ प्रदान करने के लिये किया जाएगा।
  • दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन:
    • परिचय:
    • लक्ष्य:
      • इस योजना का उद्देश्य देश में ग्रामीण गरीब परिवारों हेतु कौशल विकास और वित्तीय सेवाओं तक बेहतर पहुँच के माध्यम से आजीविका के अवसरों में वृद्धि कर ग्रामीण गरीबी को कम करना है।
    • कार्यप्रणाली:
      • इसमें स्व-सहायतित उद्देश्यों की पूर्ति के लिये सामुदायिक पेशेवरों के माध्यम से सामुदायिक संस्थाओं के साथ कार्य किया जाना शामिल है जो DAY-NRLM का एक अनूठा प्रस्ताव है।
      • स्वयं-सहायता संस्थानों और बैंकों के वित्तीय संसाधनों तक पहुँच के माध्यम से अन्य सुविधाओं के साथ-साथ प्रत्येक ग्रामीण गरीब परिवार से एक महिला सदस्य को स्वयं सहायता समूहों (SHGs) में शामिल कर उनका प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, उनकी सूक्ष्म-आजीविका योजनाओं को सुविधाजनक बनाना व उन्हें सार्वभौमिक सामाजिक भागीदारी के माध्यम से आजीविका योजनाओं को लागू करने में सक्षम बनाना है। 
    • कार्यान्वयन:
      • इसे राष्ट्रीय, राज्य, ज़िला और ब्लॉक स्तर पर समर्पित कार्यान्वयन सहायता इकाइयों के साथ विशेष प्रयोजन वाहनों (स्वायत्त राज्य सोसायटी) द्वारा एक मिशन मोड में लागू किया गया है, जो प्रत्येक ग्रामीण गरीब परिवार को निरंतर और दीर्घकालिक समर्थन प्रदान करने के लिये पेशेवर मानव संसाधनों का उपयोग करता है।
  • परिणाम:
    • मिशन ने स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ऋण सेवाओं की अंतिम बिंदु तक पहुँच में सुधार लाने में महत्त्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है।
      • जमा, क्रेडिट, प्रेषण, वृद्धावस्था पेंशन एवं छात्रवृत्ति का वितरण, मनरेगा मज़दूरी का भुगतान और बीमा तथा पेंशन योजनाओं के तहत नामांकन सहित अंतिम बिंदु तक वित्तीय सेवाएँ प्रदान करने के लिये लगभग 1,518 SHG सदस्यों को बैंकिंग संवाददाता एजेंटों (BCAs) के रूप में तैनात किया गया है।
    • ऐसी कृषि-पारिस्थितिकी प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिये जो कि महिला किसानों की आय में वृद्धि करते हैं और उनकी इनपुट लागत तथा जोखिम को कम करते हैं, DAY-NRLM, महिला किसान सशक्तीकरण परियोजना (MKSP) को लागू कर रहा है।
    • अपनी गैर-कृषि आजीविका रणनीति के हिस्से के रूप में DAY-NRLM स्टार्टअप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम (SVEP) और आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना (AGEY) को लागू कर रहा है।
      • SVEP का उद्देश्य स्थानीय उद्यमों को स्थापित करने के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमियों का समर्थन करना है।
      • AGEY को अगस्त 2017 में शुरू किया गया था, जो दूरदराज़ के ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने के लिये सुरक्षित, सस्ती और सामुदायिक निगरानी वाली ग्रामीण परिवहन सेवाएँ प्रदान करता है।
    • DAY-NRLM की एक और उप-योजना है- दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDUGKY)। DDUGKY का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं में प्लेसमेंट से जुड़े कौशल प्रदान करना और उन्हें अर्थव्यवस्था के अपेक्षाकृत उच्च वेतन वाले रोज़गार क्षेत्रों में बनाए रखना है।
    • यह मिशन, 31 बैंकों और राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में ग्रामीण युवाओं को लाभकारी स्वरोज़गार अपनाने के लिये कौशल प्रदान करने हेतु ग्रामीण स्वरोज़गार संस्थानों (RSETI) का समर्थन कर रहा है।

स्रोत: पी.आई.बी

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