मंगल ग्रह पर कार्बनिक पदार्थ | 17 Jul 2023

प्रिलिम्स के लिये:

पर्सीवरेंस रोवर, जेज़ेरो क्रेटर, उल्कापिंड, मल्टी-मिशन रेडियोआइसोटोप थर्मोइलेक्ट्रिक जेनरेटर, मार्स फीनिक्स लैंडर, क्यूरियोसिटी रोवर, मंगलयान (2013)

मेन्स के लिये:

नासा का मंगल 2020 मिशन, ऑर्गेनिक्स और केमिकल्स के लिये रमन और ल्यूमिनेसेंस के साथ रहने योग्य वातावरण की स्कैनिंग (SHERLOC)

चर्चा में क्यों?  

यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के पर्सीवरेंस रोवर ने मंगल ग्रह के क्रेटर में कार्बनिक यौगिकों के साक्ष्य के विषय में बारे में पता लगाया है।

  • जेज़ेरो क्रेटर में रोवर का लैंडिंग स्थान बीते किसी समय में यहाँ जीवन की प्रबल संभावना को इंगित करता है। कार्बोनेट, मृदा और सल्फेट जैसे विभिन्न खनिजों की प्रचुरता से पता चलता है कि यह क्षेत्र पहले एक झील बेसिन (lake basin) था।

कार्बनिक यौगिक: 

  • कार्बनिक यौगिक मुख्य रूप से कार्बन और हाइड्रोजन के अणु होते हैं तथा इनमें अक्सर ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस एवं सल्फर जैसे अन्य तत्त्व पाए जाते हैं।
  • वे पृथ्वी पर जीवन के प्रमुख निर्माण खंड हैं क्योंकि वे प्रोटीन, न्यूक्लिक एसिड, कार्बोहाइड्रेट, लिपिड के साथ अन्य जैव अणुओं का आधार बनते हैं।
    • इनका उत्पादन गैर-जैविक प्रक्रियाओं, जैसे- ज्वालामुखीय गतिविधि, उल्कापिंड प्रभाव, बिजली गिरने और ब्रह्मांडीय विकिरण द्वारा भी किया जा सकता है।

मंगल ग्रह पर कार्बनिक पदार्थ की उपस्थिति से संबंधित प्रमुख निष्कर्ष: 

  • पूर्व के मिशनों ने पहले ही उल्कापिंडों एवं गेल क्रेटर में मंगल ग्रह की उत्पत्ति वाले कार्बनिक रसायनों की पहचान कर ली थी।
    • केवल मार्स फीनिक्स लैंडर और क्यूरियोसिटी रोवर ने पहले विकसित गैस विश्लेषण एवं गैस क्रोमैटोग्राफी-मास स्पेक्ट्रोमेट्री जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग करके मंगल पर कार्बनिक पदार्थ का पता लगाया था।
  • पर्सिवियरेंस रोवर के माध्यम से नवीनतम शोध में एक नया उपकरण, स्कैनिंग हैबिटेबल एन्वायरननमेंट विद रमन एंड ल्यूमिनसेंस फॉर ऑर्गेनिक्स एंड केमिकल्स (SHERLOC) उपकरण प्रस्तुत किया गया है, जो मंगल ग्रह पर बुनियादी रासायनिक यौगिकों का पता लगाने में सहायता करता है।
    • इससे पता चलता है कि मंगल ग्रह के पास अधिक जटिल कार्बनिक भू-रासायनिक चक्र है।
      • इस ग्रह पर कार्बनिक अणुओं के कई भंडार के विद्यमान होने की संभावना प्रस्तावित की गई है, जिससे संभावना बढ़ गई है कि यह ग्रह जीवन का समर्थन कर सकता है।
      • अध्ययन में जलीय प्रक्रियाओं से जुड़े अणु भी पाए गए, जो यह दर्शाता है कि जल ने मंगल पर विद्यमान कार्बनिक पदार्थों की शृंखला में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई होगी।
  • जीवन के लिये आवश्यक प्रमुख निर्माण खंडों की विस्तारित उपस्थिति से पता चलता है कि मंगल ग्रह पहले की तुलना में लंबे समय तक जीवन समर्थन योग्य रहा होगा।

टिप्पणी:  

  • SHERLOC मंगल ग्रह पर पहला उपकरण है जो कार्बनिक अणुओं का सूक्ष्म पैमाने पर मानचित्रण और विश्लेषण कर सकता है।  
  • यह चट्टानों और मृदा पर्पटी को प्रदीप्त करने के लिये लेज़र का उपयोग करता है और पराबैंगनी प्रकाश के संपर्क में आने पर कार्बनिक यौगिकों द्वारा उत्सर्जित प्रतिदीप्ति या ज्योति का मापन करता है।
  • SHERLOC कार्बनिक यौगिकों से जुड़े खनिजों की भी पहचान कर सकता है, जो उनकी उत्पत्ति और संरक्षण के बारे में तथ्य प्रदान कर सकता है।

पर्सिवरेंस रोवर: 

  • परिचय: पर्सिवरेंस एक कार के आकार का मार्स रोवर है जिसे NASA के मार्स 2020 मिशन के हिस्से के रूप में मंगल पर जेज़ेरो क्रेटर का पता लगाने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
    • इसका निर्माण जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला द्वारा किया गया और 30 जुलाई, 2020 को लॉन्च किया गया।
    • इसने सात महीने की यात्रा के बाद 18 फरवरी, 2021 को मंगल ग्रह पर लैंडिग की।
  • ऊर्जा स्रोत: एक मल्टी-मिशन रेडियोआइसोटोप थर्मोइलेक्ट्रिक जेनरेटर (MMRTG) जो प्लूटोनियम (प्लूटोनियम डाइऑक्साइड) के प्राकृतिक रेडियोधर्मी क्षय से ऊष्मा को विद्युत में परिवर्तित करता है।
  • प्रमुख उद्देश्य:  
    • प्राचीन जीवन के संकेतों की खोज और पृथ्वी पर संभावित वापसी के लिये चट्टान एवं मिट्टी के नमूने एकत्र करना।
    • मंगल ग्रह के भूविज्ञान एवं जलवायु तथा समय के साथ हुए परिवर्तन का अध्ययन करना।
    • ऐसी तकनीकों का प्रदर्शन करना जो भविष्य में मंगल ग्रह पर मानव अन्वेषण को सक्षम कर सकें जैसे कि मंगल ग्रह के वातावरण से ऑक्सीजन का उत्पादन और एक लघु हेलीकॉप्टर का परीक्षण।

विभिन्न मंगल मिशन:

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)

इसरो द्वारा प्रक्षेपित मंगलयान:

  1. को मंगल ऑर्बिटर मिशन भी कहा जाता है। 
  2. के कारण अमेरिका के बाद मंगल ग्रह की परिक्रमा करने वाला भारत दूसरा देश बना।
  3. ने भारत को अपने अंतरिक्ष यान को पहले ही प्रयास में मंगल ग्रह की परिक्रमा करने में सफल होने वाला एकमात्र देश बना दिया।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)

स्रोत : डाउन टू अर्थ