जैव विविधता और पर्यावरण
पौधों और जानवरों की नई प्रजातियों की खोज
- 02 Jul 2024
- 11 min read
प्रिलिम्स के लिये:भारतीय प्राणी सर्वेक्षण, भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण, हिमालयन आइबेक्स, मिनिओप्टेरस श्रीनी, पश्चिमी घाट मेन्स के लिये:भारत की जीव-जंतु और पुष्प विविधता, पर्यावरण संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण |
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
हाल ही में वर्ष 2023 में, भारत ने अपने प्राणिजात और वनस्पतियों के डेटाबेस में कई जानवरों तथा पौधों की प्रजातियों को जोड़ने के साथ जैवविविधता ज्ञान में महत्त्वपूर्ण प्रगति देखी।
- निष्कर्षों को दो प्रकाशनों में संकलित किया गया: भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (Zoological Survey of India- ZSI) द्वारा "एनिमल डिस्कवरीज 2023" और भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (Botanical Survey of India- BSI) द्वारा "प्लांट डिस्कवरीज 2023"।
नोट:
- भारत एक महाविविधता वाला राष्ट्र है, जहाँ विश्व की लगभग 7-8% प्रलेखित प्रजातियाँ पाई जाती हैं तथा विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त 34 जैवविविधता हॉटस्पॉट में से 4 यहाँ पाए जाते हैं।
भारत के प्राणिजात और पुष्प डेटाबेस में प्रमुख जोड़ क्या हैं?
- प्राणिजात संबंधी खोजें:
- भारत ने वर्ष 2023 में प्राणिजात के डेटाबेस में 641 नई प्रजातियाँ शामिल की, जिनमें 442 पूरी तरह से नई प्रजातियाँ और 199 प्रजातियाँ शामिल हैं जिन्हें देश में हाल ही में दर्ज किया गया है।
- महत्त्वपूर्ण एनिमल खोजों में शामिल हैं:
- कैप्रा हिमालयेंसिस (Capra Himalayensis), जो यह साबित करता है कि जम्मू और कश्मीर, लद्दाख तथा हिमाचल प्रदेश की ट्रांस-हिमालयी श्रेणियों में वितरित हिमालयन Ibex, साइबेरियाई Ibex से एक अलग प्रजाति है।
- कर्नाटक के कोडागु ज़िले में मुड़े हुए पंख वाले चमगादड़ की एक नई प्रजाति मिनिओप्टेरस श्रीनी (Miniopterus Srinii) भी पाई गई।
- सबसे अधिक संख्या में जंतुओं की खोज केरल में हुई, जिसमें 74 नई प्रजातियाँ और 27 नए रिकॉर्ड शामिल हैं। इसके बाद पश्चिम बंगाल (72 नई प्रजातियाँ) और तमिलनाडु (64) का स्थान रहा।
- 564 नई प्रजातियों के साथ, नए जीवों/प्राणिजात की खोज में अधिकांश प्रजातियाँ अकशेरुकी (Invertebrates) थीं, जबकि 77 प्रजातियाँ कशेरुकी (Vertebrates) थीं।
- अकशेरुकी जीवों में सबसे बड़ा समूह कीटों (369 प्रजातियाँ) का था और कशेरुकियों में मछली (47 प्रजातियाँ) का रहा।
- इसके बाद सरीसृप, उभयचर, स्तनी वर्ग और सबसे कम एवीज़ पाए गए।
नोट:
- कशेरुकी: इस श्रेणी में रीढ़ की अस्थि, अच्छी तरह से विकसित आंतरिक अस्थियों का ढाँचा, मस्तिष्क के साथ सिर, द्विपक्षीय समरूपता तथा जटिल आंतरिक अंगों वाले जीव-जंतु शामिल हैं। उदाहरण: स्तनधारी, पक्षी, सरीसृप।
- अकशेरुकी: इस श्रेणी में रीढ़ की अस्थि के बिना जीव-जंतुओं में सामान्यतः एक बाह्य कंकाल (Exoskeleton) या नरम शरीर होता है जिसमें भिन्न-भिन्न शारीरिक संरचना तथा सरल आंतरिक अंग प्रणालियाँ होती हैं। उदाहरण: कीड़े, कृमि, जेलीफिश।
- वनस्पतिजात खोजें: वर्ष 2023 में भारत ने अपने वनस्पतिजात/पादप (Floral) डेटाबेस में 339 टैक्सा शामिल किये, जिनमें 326 प्रजातियाँ और 13 इन्फ्रास्पेसिफिक टैक्सा शामिल हैं। इनमें से 171 नए टैक्सा और देश के अंदर नए वितरण रिकॉर्ड के रूप में 168 टैक्सा शामिल हैं।
- टैक्सा (Taxa) का अभिप्राय पादप की उप-प्रजाति या किस्म से है।
- पश्चिम बंगाल (52 नए टैक्सा) में सबसे ज़्यादा नए पादप की खोज दर्ज की गई, उसके बाद केरल और उत्तराखंड का स्थान है।
- खोज में 106 एंजियोस्पर्म, 2 टेरिडोफाइट्स, 16 ब्रायोफाइट्स, 44 लाइकेन, 111 कवक, 50 शैवाल और 10 सूक्ष्मजीव शामिल हैं।
- नई खोजों में कई संभावित बागवानी, कृषि, औषधीय और सजावटी पौधों की वन्य प्रजातियाँ जैसे बेगोनिया, इंपैटेंस, फलियाँ, ज़िजीबर तथा ऑर्किड शामिल हैं।
- कुल खोजों में पश्चिमी घाट और उत्तर पूर्वी क्षेत्र का योगदान 14% रहा।
- नए पौधों की खोज:
- करकुमा काकचिंगेंस, हल्दी की एक नई प्रजाति है जो मणिपुर के काकचिंग में पाई जाती है।
- एसिस्टेसिया वेनुई, पश्चिम बंगाल के हावड़ा स्थित आचार्य जगदीश चंद्र बोस भारतीय वनस्पति उद्यान में खोजा गया एक पुष्पीय पौधा है।
पशु वर्गीकरण शिखर सम्मेलन-2024
- भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (ZSI) ने संस्थान की 109वीं वर्षगांठ के अवसर पर 30 जून से 3 जुलाई 2024 तक कोलकाता में पशु वर्गीकरण शिखर सम्मेलन, 2024 का आयोजन किया गया।
- इस शिखर सम्मेलन में चार देशों के लगभग 350 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें लंदन के प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय के प्रतिष्ठित प्रतिभागी भी शामिल थे।
- तीन दिवसीय कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने तीन व्यापक विषयों पर गहन चर्चा की:
- वर्गीकरण, प्रणाली विज्ञान एवं विकास
- पारिस्थितिकी एवं पशु व्यवहार
- जैवविविधता एवं संरक्षण
- शिखर सम्मेलन के विचार-विमर्श का उद्देश्य इन महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों की समझ और अनुप्रयोग को आगे बढ़ाना था।
- "फौना ऑफ इंडिया चेकलिस्ट पोर्टल" का शुभारंभ:
- इस शिखर सम्मेलन में इसे भारत में सभी पशु प्रजातियों का दस्तावेज़ीकरण करने वाले अपनी तरह के पहले वैश्विक पोर्टल के रूप में लॉन्च किया गया।
- 'फौना ऑफ इंडिया चेकलिस्ट पोर्टल' अपनी तरह का पहली संपूर्ण जाँच सूची है जिसमें पूरे भारत में पाए जाने वाले 36 फइला एवं 1,04,561 पशु प्रजातियों को कवर करने वाली 121 जानकारियाँ शामिल हैं।
- इसमें स्थानिक, संकटग्रस्त और अनुसूचित प्रजातियों की जानकारी शामिल है जो वैश्विक जैवविविधता का 6.6% हिस्सा हैं।
भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (Zoological Survey of India-ZSI)
- ZSI भी MoEFCC का एक अधीनस्थ संगठन है और इसकी स्थापना वर्ष 1916 में देश की असाधारण समृद्ध जैवविविधता पर ज्ञान के विकास के लिये अग्रणी संसाधनों के सर्वेक्षण एवं अन्वेषण के लिये एक राष्ट्रीय केंद्र के रूप में की गई थी।
- ZSI का मुख्यालय कोलकाता में है तथा देश के विभिन्न भौगोलिक स्थानों पर 16 क्षेत्रीय स्टेशन स्थित हैं।
भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण
- यह देश के जंगली पादप संसाधनों का वर्गीकरण एवं पुष्प संबंधी अध्ययन करने के लिये पर्यावरण और वन मंत्रालय (MoEFCC) के अंतर्गत शीर्ष अनुसंधान संगठन है। इसकी स्थापना वर्ष 1890 में की गई थी।
- इसके नौ क्षेत्रीय मंडल देश के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित हैं। हालाँकि इसका मुख्यालय पश्चिम बंगाल के कोलकाता में है।
और पढ़ें: भारत के जीव-जंतु और पादप डेटाबेस का विस्तार
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न: जैवविविधता के लिये विभिन्न खतरों पर चर्चा कीजिये और भारत में जैवविविधता संरक्षण को बढ़ावा देने में अंतर्राष्ट्रीय समझौतों तथा राष्ट्रीय नीतियों की भूमिका की जाँच कीजिये। |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. हाल ही में हमारे वैज्ञानिकों ने केले के पौधे की एक नई और भिन्न जाति की खोज की है जिसकी ऊँचाई लगभग 11 मीटर तक जाती है तथा उसके फल का गूदा नारंगी रंग का है। यह भारत के किस भाग में खोजी गई है? (2016) (a) अंडमान द्वीप उत्तर: (a) प्रश्न. जैवविविधता निम्नलिखित तरीकों से मानव अस्तित्त्व के लिये आधार बनाती है: (वर्ष 2011)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिये: (a) केवल 1, 2 और 3 उत्तर: (d) मेन्स:प्रश्न. भारत में जैवविविधता किस प्रकार भिन्न है? जैवविविधता अधिनियम, 2002 वनस्पतियों और जीवों के संरक्षण में किस प्रकार सहायक है? (2018) |