प्रिलिम्स फैक्ट: 20 सितंबर, 2021

समुद्री खीरा

Sea Cucumber

हाल ही में भारतीय तटरक्षक बल (ICG) ने तमिलनाडु में मन्नार की खाड़ी और पाक खाड़ी (Palk Bay) क्षेत्रों में दो टन समुद्री खीरा,जो कि एक प्रतिबंधित समुद्री प्रजाति है, को ज़ब्त किया।

Gulf-of-Mannar

प्रमुख बिंदुSea-Cucumber

  • परिचय:
    • समुद्री खीरे समुद्री अकशेरुकीय हैं जो आमतौर पर उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में समुद्र तल पर पाए जाते हैं। उनका नाम उनके असामान्य आयताकार आकार के आधार पर रखा गया है जो एक मोटे खीरे जैसा दिखता है।
    • समुद्री खीरे की लगभग 1,250 प्रजातियाँ पाई जाती हैं, ये सभी टैक्सोनॉमिक क्लास होलोथुरोइडिया से संबंधित हैं।
      • यह वर्ग इचिनोडर्मेटा फाइलम (Echinodermata Phylum) के अंतर्गत आता है, जिसमें कई अन्य प्रसिद्ध समुद्री अकशेरुकीय भी शामिल हैं, जैसे कि समुद्री तारे, समुद्री अर्चिन और रेत डॉलर।
    • वे समुद्री आवासों के संतुलन को बनाए रखने के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
  • महत्त्व:
    • वे प्रवाल पारिस्थितिकी तंत्र के अभिन्न अंग हैं क्योंकि समुद्री खीरा चयापचय के बाद मुख्य उपोत्पाद के रूप में कैल्शियम कार्बोनेट मुक्त करता है जो कि प्रवाल भित्तियों के अस्तित्व के लिये आवश्यक है।
    • वे समुद्री दुनिया के अपशिष्ट संग्रहकर्त्ता के रूप में कार्य करते हैं और पोषक तत्त्वों को पुन: चक्रित करते हैं, इस प्रकार समुद्री खीरे प्रवाल भित्तियों को अनुकूल स्थिति में रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • खतरा:
    • अवैध व्यापार और तस्करी के बाद इन प्रजातियों की सबसे अधिक मांग दक्षिण-पूर्व एशिया, मुख्य रूप से चीन में भोजन और पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में है।
  • संरक्षण:
  • संरक्षण के प्रयास:
    • वर्ष 2020 में लक्षद्वीप प्रशासन ने 239 वर्ग किमी. में समुद्री खीरे के लिये विश्व का पहला संरक्षण क्षेत्र बनाया।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे 

Delhi-Mumbai Expressway

हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने आठ लेन वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर कार्य प्रगति की दो दिवसीय समीक्षा का समापन किया।

  • यह एक्सप्रेसवे विश्व का सबसे लंबा हाईवे होगा और मार्च 2023 तक इस एक्सप्रेसवे के पूरा होने की उम्मीद है।

प्रमुख बिंदु

Delhi-Mumbai-Expressway

  • परिचय:
    • यह 1380 किलोमीटर का आठ लेन वाला एक्सप्रेसवे है जिसे यातायात के दबाव के आधार पर 12-लेन एक्सप्रेसवे तक बढ़ाया जा सकता है।
    • यह हरियाणा के सोहना से शुरू होकर मुंबई के पास मीरा भायंदर के आस-पास समाप्त होगा।
  • मुख्य विशेषताएँ:
    • इस लेन पर ये जन सुविधाएँ उपलब्ध होंगी - रिसॉर्ट्स, रेस्तराँ, फूड कोर्ट, फ्यूल स्टेशन, ट्रक ड्राइवरों के लिये सुविधाएँ, रसद पार्क।
    • दुर्घटना पीड़ितों हेतु एक हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस सेवा और एक हेलीपोर्ट होगा जो व्यापार के लिये भी ड्रोन सेवाओं का उपयोग करेगा।
    • यह एक्सप्रेसवे एशिया में पहला और विश्व में दूसरा है जिसमें वन्यजीवों की अप्रतिबंधित आवाजाही के लिये पशु ओवरपास की सुविधा है।
      • एक्सप्रेसवे में दो प्रतिष्ठित 8-लेन सुरंगें भी शामिल होंगी, एक सुरंग मुकुंदरा अभयारण्य राजस्थान के माध्यम से और दूसरी माथेरान पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र महाराष्ट्र से होकर गुज़रेगी।
  • महत्त्व:
    • यह जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत जैसे आर्थिक केंद्रों हेतु कनेक्टिविटी में सुधार करेगा।
    • इसके परिणामस्वरूप 320 मिलियन लीटर से अधिक वार्षिक ईंधन की बचत होगी और CO2 उत्सर्जन में कमी आएगी। इस परियोजना से हज़ारों लोगों को रोज़गार भी मिला है।