नेविगेटिंग इंडियाज़ ट्रांज़िशन टू सस्टेनेबिलिटी | 14 May 2024

प्रिलिम्स के लिये:

व्यावसायिक उत्तरदायित्व और स्थिरता रिपोर्टिंग, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, SEBI, पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG)BRSR

मेन्स के लिये:

भारत में कॉरपोरेट गवर्नेंस में सुधार के उपाय।

स्रोत: पी.डब्ल्यू.सी. 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में पेशेवर सेवा नेटवर्क पी.डब्ल्यू.सी. इंडिया ने 'नेविगेटिंग इंडियाज़ ट्रांज़िशन टू सस्टेनेबिलिटी' नामक एक रिपोर्ट प्रकाशित की है।

  • रिपोर्ट में भारत में अग्रणी कंपनियों की स्थिरता पहल पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

रिपोर्ट की मुख्य बातें क्या हैं?

  • परिचय: 
    • रिपोर्ट विश्लेषण करती है कि कंपनियाँ भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India- SEBI) द्वारा अनिवार्य व्यावसायिक ज़िम्मेदारी और स्थिरता रिपोर्टिंग (Business Responsibility and Sustainability Reporting- BRSR) के प्रकटीकरण के प्रति किस प्रकार अपनी अनुकूलन क्षमता विकसित कर रहे हैं।
    • विश्लेषण में 31 मार्च, 2023 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिये शीर्ष 100 कंपनियों की BRSR रिपोर्ट शामिल है।
    • भारत के व्यवसाय क्षेत्र को 2070 तक भारत के नेट ज़ीरो विज़न को प्राप्त करने में एक महत्त्वपूर्ण समर्थक के रूप में देखा जाता है।
      • नेट ज़ीरो को कार्बन तटस्थता के रूप में जाना जाता है अर्थात उत्पादित ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और वायुमंडल से बाहर निकाले गए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के बीच एक समग्र संतुलन प्राप्त करना।
  • रिपोर्ट की मुख्य बातें:
    • बाज़ार पूंजीकरण के अनुसार, भारत की शीर्ष 100 सूचीबद्ध कंपनियों में से 51% ने BRSR में स्वैच्छिक प्रकटीकरण के बावजूद वित्त वर्ष 2013 के लिये अपने डेटा को प्रदर्शित किया।
    • 34% कंपनियों द्वारा अपने स्कोप 1 उत्सर्जन को तथा 29% द्वारा अपने स्कोप 2 उत्सर्जन को कम किया गया।
      • स्कोप 1 में ऐसे उत्सर्जन स्रोतों को शामिल किया गया है जो किसी संगठन के स्वामित्व या प्रत्यक्ष नियंत्रण में हैं।
      • स्कोप 2 में ऐसे उत्सर्जन स्रोतों को शामिल किया गया है जिनसे कंपनी अप्रत्यक्ष रूप से संबंधित होती है जैसे कंपनी की ऊर्जा खरीद और उपयोग से होने वाला उत्सर्जन। 
    • शीर्ष 100 सूचीबद्ध कंपनियों में से 44% ने अपने उत्पादों या सेवाओं का जीवन-चक्र मूल्यांकन किया।
    • 49% कंपनियों ने नवीकरणीय स्रोतों से अपनी ऊर्जा खपत को बढ़ावा दिया और 31% कंपनियों ने अपने शुद्ध-शून्य लक्ष्य का प्रदर्शन किया।
    • उत्सर्जन में कमी लाने वाली प्रमुख पहलों में LEDs जैसी ऊर्जा-कुशल प्रौद्योगिकियों को अपनाना, कुशल एयर कंडीशनिंग, वेंटिलेशन एवं हीटिंग सिस्टम को अपनाना, ऊर्जा आवश्यकताओं के लिये नवीकरणीय स्रोतों को अपनाना, कार्बन ऑफसेट खरीदना एवं ऑफ-साइट बिजली खरीद समझौतों को अपनाना शामिल है।

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नोट:

  • व्यावसायिक उत्तरदायित्व एंड स्थिरता रिपोर्टिंग (BRSR) का उद्देश्य पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) विचारों पर ध्यान केंद्रित करके व्यवसायों एवं उनके हितधारकों के बीच अधिक सार्थक जुड़ाव की सुविधा प्रदान करना है। 
  • ESG लक्ष्यों में दिशानिर्देशों की एक रूपरेखा शामिल है जो कंपनियों को अपने संचालन में बेहतर शासन, नैतिक आचरण, पर्यावरणीय रूप से सतत् प्रथाओं और सामाजिक ज़िम्मेदारी का पालन करने के लिये प्रेरित करती है। 
    • पर्यावरणीय मानदंड, पर्यावरण के संरक्षक के रूप में कंपनी की भूमिका का आकलन करते हैं। 
    • सामाजिक मानदंड कंपनी के कर्मचारियों, आपूर्तिकर्त्ताओं, ग्राहकों और उन समुदायों के साथ-साथ उन संबंधों का भी मूल्यांकन करते हैं, जिनके आधार पर वे कार्य करती है।
    • शासन एक कंपनी में नेतृत्व, कार्यकारी क्षतिपूर्ति, लेखा परीक्षा, आंतरिक नियंत्रण और शेयरधारकों के अधिकारों पर केंद्रित है। 

ESG

भारत के लिये यह रिपोर्ट कितनी महत्त्वपूर्ण है?

  • रिपोर्ट ESG विचारों पर ज़ोर देते हुए स्थिरता की दिशा में भारत की यात्रा पर प्रकाश डालती है।
    • रिपोर्ट कंपनियों को उनके स्थिरता प्रयासों के लिये जवाबदेह होने के लिये प्रोत्साहित करती है।
  • यह रिपोर्ट SEBI द्वारा शुरू किये गए BRSR ढाँचे के अनुरूप है। रिपोर्ट अनुपालन और पारदर्शी प्रकटीकरण के लिये एक मार्गदर्शक के रूप में भी कार्य करती है। 
  • यह रिपोर्ट स्थिरता, निवेशकों के विश्वास को बढ़ाने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
    • वैश्विक स्तर पर, सतत् प्रथाएँ एक प्रतिस्पर्धात्मक रूप से लाभकारी बन रही हैं और यह रिपोर्ट भारत को अनुकूल स्थिति में रखती है।
  • नीति निर्माता सतत् प्रथाओं को बढ़ावा देने वाले नियमों और नीतियों को आकार देने के लिये इस रिपोर्ट से अंतर्दृष्टि प्राप्त कर सकते हैं। 
  • भारत में स्थिरता की ओर बदलाव केवल नियमों को पूर्ण करने के विषय में नहीं है, बल्कि यह एक ज़िम्मेदार तरीके से विकास को बढ़ावा देने के विषय में भी है।
    • रिपोर्ट पर्यावरण और सामाजिक कल्याण के साथ आर्थिक विकास को संतुलित करने की आवश्यकता पर ज़ोर देती है।

भारत में ESG अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये क्या पहल की गई हैं?

  • वर्ष 2011 में कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs- MCA) ने व्यवसाय की सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक ज़िम्मेदारियों पर राष्ट्रीय स्वैच्छिक दिशानिर्देश (NVGs) जारी किये, जो कंपनियों के लिये ESG प्रकटीकरण मानकों को परिभाषित करने में एक प्रारंभिक कदम था।
  • SEBI ने 2012 में व्यवसाय उत्तरदायित्व रिपोर्ट (BRR) पेश की, जिसमें बाज़ार पूँजीकरण द्वारा शीर्ष 100 सूचीबद्ध संस्थाओं को अपनी वार्षिक रिपोर्ट में BRR को शामिल करने की आवश्यकता थी। बाद में इसे वर्ष 2015 में शीर्ष 500 सूचीबद्ध संस्थाओं तक बढ़ा दिया गया।
  • "ज़िम्मेदार व्यावसायिक आचरण पर राष्ट्रीय दिशानिर्देश" (NGBRCs) में 9 सिद्धांत शामिल हैं और BRSR सूचीबद्ध कंपनियों से इस बारे में प्रकटीकरण का अनुरोध करता है कि वे इन सिद्धांतों के संबंध में क्या कर रहे हैं।
  • कंपनियों के पास ग्लोबल रिपोर्टिंग इनिशिएटिव (GRI), कार्बन डिस्क्लोज़र प्रोजेक्ट (CDP) और सस्टेनेबिलिटी अकाउंटिंग स्टैंडर्ड्स बोर्ड (SASB) जैसी ESG प्रथाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने के लिये विभिन्न रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क का उपयोग करने का अवसर है।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI):

  • SEBI भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के अनुसार 12 अप्रैल, 1992 को स्थापित एक वैधानिक निकाय (एक गैर-संवैधानिक निकाय जिसे संसद द्वारा स्थापित किया गया) है।
  • SEBI का मूल कार्य प्रतिभूतियों में निवेशकों के हितों की रक्षा करना तथा प्रतिभूति बाज़ार को बढ़ावा देना एवं विनियमित करना है।
  • SEBI का मुख्यालय मुंबई में स्थित है तथा क्षेत्रीय कार्यालय अहमदाबाद, कोलकाता, चेन्नई और दिल्ली में स्थित हैं।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड देश में प्रतिभूति बाज़ार की निगरानी तथा विनियमन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके महत्त्व को बताते हुए इसके समक्ष आने वाली बाधाओं पर चर्चा कीजिये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न   

प्रिलिम्स:

प्रश्न. पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा उन विदेशी निवेशकों को, जो स्वयं को सीधे पंजीकृत कराए बिना भारतीय स्टॉक बाज़ार का हिस्सा बनना चाहते है, निम्नलिखित में से क्या जारी किया जाता है? (2019)

(a) जमा प्रमाण-पत्र
(b) वाणिज्यिक पत्र
(c) वचन-पत्र (प्रॉमिसरी नोट)
(d) सहभागिता पत्र (पार्टिसिपेटरी नोट)

उत्तर: (d)


मेन्स:

Q."हाल के दिनों का आर्थिक विकास श्रम उत्पादकता में वृद्धि के कारण संभव हुआ है।" इस कथन को समझाइये। ऐसे संवृद्धि प्रतिरूप को प्रस्तावित कीजिये जो श्रम उत्पादकता से समझौता किये बिना अधिक रोज़गार उत्पत्ति में सहायक हो। (2022)