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राष्ट्रीय उच्च शिक्षा योग्यता ढाँचा

  • 23 Sep 2023
  • 10 min read

प्रिलिम्स के लिये:

NHEFQ, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, शैक्षणिक क्रेडिट बैंक

मेन्स के लिये:

शिक्षा से संबंधित पहल, भारत में उच्च शिक्षा का विनियमन

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने योग्यताओं को मानकीकृत करने और शैक्षणिक गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिये राष्ट्रीय उच्च शिक्षा योग्यता ढाँचा (NHEQF) तैयार किया है।

  • हालाँकि मौजूदा कई दिशा-निर्देशों और रूपरेखाओं के कारण इसके कार्यान्वयन को लेकर चिंताएँ बढ़ गईं हैं जिससे हितधारकों के बीच भ्रम पैदा हो गया है।

राष्ट्रीय उच्च शिक्षा योग्यता ढाँचा:

  • पृष्ठभूमि:
    • 1990 के दशक के अंत से ही विश्व भर में उच्च शिक्षा योग्यता के लिये रूपरेखा निर्दिष्ट करने की मांग को लेकर कई आंदोलन हुए, लेकिन भारत में NHEQF को लेकर चर्चाएँ उतनी मुखर नहीं रहीं।
    • इस पर वर्ष 2012 में केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की 60वीं बैठक में विचार-विमर्श किया गया था, जिसमें UGC को इसका कार्यभार सौंपा गया।
  • परिचय:
    • UGC ने सभी स्तरों पर उच्च शिक्षा योग्यताओं में पारदर्शिता और तुलनीयता की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से NHEQF तैयार किया है। इसके बाद सभी शैक्षणिक संस्थानों पर लागू की जाने वाली रूपरेखा जारी कर दी गई है।
  • मुख्य विशेषताएँ:
    • यह ढाँचा शिक्षा को आठ स्तरों में वर्गीकृत करता है, जिसमें से पहले चार राष्ट्रीय स्कूल शिक्षा योग्यता ढाँचा (NSEQF) का हिस्सा हैं और बाद के चार उच्च शिक्षा योग्यता (स्तर 4.5 से स्तर 8) से संबंधित हैं।
    • NHEQF अध्ययन हेतु कार्यक्रमों के विकास और कार्यान्वयन के लिये दिशा-निर्देश प्रदान करता है, जैसे- कार्यक्रम के बाद के परिणाम, पाठ्यक्रम को सीखने के बाद के परिणाम, पाठ्यक्रम डिज़ाइन, शिक्षा शास्त्र, मूल्यांकन और प्रतिक्रिया।
    • UGC के क्रेडिट फ्रेमवर्क दस्तावेज़ में कहा गया है कि प्रत्येक सेमेस्टर में न्यूनतम 20 क्रेडिट होने चाहिये
      • यह दस्तावेज़ सुझाव देता है कि एक क्रेडिट में 15 घंटे प्रत्यक्ष और 30 घंटे अप्रत्यक्ष शिक्षण शामिल होना चाहिये। इसका अर्थ है कि छात्रों को प्रति सेमेस्टर कम-से-कम 900 घंटे या प्रतिदिन लगभग 10 घंटे अध्ययन करना आवश्यक है।
    • योग्यता प्रकार व्यापक और अनुशासन-स्वतंत्र हैं, जिनमें प्रमाणपत्र, डिप्लोमा, स्नातक डिग्री, स्नातकोत्तर डिग्री और पीएच.डी शामिल हैं। NHEQF में चिकित्सा और कानूनी शिक्षा को छोड़कर, तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा तथा पेशेवर व तकनीकी शिक्षा कार्यक्रमों की योग्यताएँ भी एक ढाँचे के अंतर्गत शामिल हैं।
    • NHEQF नियामकों, उच्च शिक्षा संस्थानों और बाहरी एजेंसियों की भूमिकाओं तथा ज़िम्मेदारियों के साथ-साथ कार्यक्रमों एवं योग्यताओं के अनुमोदन, निगरानी व मूल्यांकन के लिये प्रक्रियाओं तथा मानदंडों जैसे गुणवत्ता आश्वासन तंत्र स्थापित करता है।

नए राष्ट्रीय उच्च शिक्षा योग्यता ढाँचे की समस्याएँ:

  • दिशा-निर्देशों की बहुलता:
    • UGC ने दो अलग-अलग रूपरेखाएँ निर्धारित की हैं- राष्ट्रीय उच्च शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क मसौदा(NHEQF) और राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क।
    • उच्च शिक्षण संस्थानों को पाठ्यक्रमों और संस्थानों में क्रेडिट को पहचान करने, स्वीकार करने तथा स्थानांतरित करने के लिये एक अनिवार्य पद्धति के रूप में एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट को लागू करने की आवश्यकता होती है।
    • अनेक विनियमों की उपस्थिति उच्च शिक्षा योग्यताओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।
  • अस्पष्टता:
    • NHEQF स्पष्ट रूप से पात्रता शर्तों और मार्गों की व्याख्या नहीं करता है जिसके माध्यम से एक छात्र किसी विशेष स्तर पर कार्यक्रम में प्रवेश कर सकता है।
    • स्पष्ट पात्रता शर्तों और मार्गों के अभाव के कारण छात्रों एवं संस्थानों के बीच भ्रम उत्पन्न हो सकता है।
  • आम सहमति का अभाव:
    • कृषि, कानून, चिकित्सा और फार्मेसी जैसे विषय अलग-अलग नियामकों के अधिकार क्षेत्र में हो सकते हैं, लेकिन उन्हें विभिन्न नियामक निकायों में सर्वसम्मति के माध्यम से NHEQF में शामिल किया जा सकता था।
    • सर्वसम्मति की कमी से उच्च शिक्षा प्रणाली खंडित हो सकती है और शैक्षणिक गतिशीलता बाधित हो सकती है।
  • एक डिग्री के अंतर्गत डिग्री (Degrees Within a Degree):
    • यह ढाँचा एक पदानुक्रम बनाता प्रतीत होता है, जो कुछ छात्रों को पीएच.डी कार्यक्रमों में प्रवेश के लिये पात्र होने की अनुमति देता है, जिनके पास न्यूनतम 7.5 CGPA के साथ चार वर्ष की स्नातक डिग्री है।
    • यह दृष्टिकोण अभिजात्यवाद को जन्म दे सकता है, क्योंकि शैक्षणिक प्रदर्शन अक्सर सामाजिक-आर्थिक स्थितियों से प्रभावित होता है।
  • अंतर्राष्ट्रीय मॉडल का प्रभाव:
  • NHEQF यूरोपीय बोलोग्ना प्रक्रिया और डबलिन विवरणकों से बहुत अधिक प्रभावित है।
    • बोलोग्ना प्रक्रिया उच्च शिक्षा योग्यताओं की गुणवत्ता और तुलनीयता सुनिश्चित करने हेतु यूरोपीय देशों के बीच समझौतों की एक शृंखला है।
    • डबलिन डिस्क्रिप्टर स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट डिग्री के लिये छात्रों के मूल्यांकन हेतु योग्यता ढाँचे की एक प्रणाली है।
  • भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली यूरोपीय मॉडल की तुलना में अधिक जटिल और विविध है। NHEQF के विकास को भारतीय राज्यों के साथ व्यापक विचार-विमर्श से लाभ हो सकता है।

आगे की राह

  • भ्रम को कम करने और योग्यता मानकों को सुव्यवस्थित करने के लिये NHEQF तथा नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क को एक व्यापक ढाँचे में विलय करना।
  • भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली की विविधता और जटिलता को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करने के लिये राज्यों के साथ व्यापक एवं अधिक गहन परामर्श में संलग्न रहना चाहिये।
    • सामाजिक-सांस्कृतिक और सामाजिक-आर्थिक कारकों पर विचार करते हुए भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली के अनुरूप अधिगम के परिणाम विकसित करना चाहिये।
  • यह पहचान करना कि अधिगम के परिणाम केवल रोज़गार योग्यता पर ही केंद्रित नहीं होने चाहिये बल्कि समग्र व्यक्तिगत और सामाजिक विकास पर भी केंद्रित होने चाहिये।
  • उच्च शिक्षा प्रणाली को अभिजात्य वर्ग बनाने से रोकने के लिये पीएच.डी कार्यक्रमों में प्रवेश के लिये पात्रता मानदंड की समीक्षा करनी चाहिये।
  • उच्च शिक्षा परिदृश्य विकसित होने पर आवश्यक समायोजन करने के लिये NHEQF की चल रही निगरानी और मूल्यांकन के लिये एक तंत्र स्थापित करन चाहिये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. भारतीय संविधान के निम्नलिखित में से कौन-से प्रावधान शिक्षा पर प्रभाव डालते हैं? (2012)

  1. राज्य की नीति के निदेशक तत्त्व
  2. ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकाय
  3. पंचम अनुसूची
  4. षष्ठ अनुसूची
  5. सप्तम अनुसूची

निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3, 4 और 5
(c) केवल 1, 2 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: (d)

मेन्स:

प्रश्न. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 धारणीय विकास लक्ष्य-4 (2030) के साथ अनुरूपता में है। उसका ध्येय भारत में शिक्षा प्रणाली की पुनः संरचना और पुनः स्थापना है। इस कथन का समालोचनात्मक निरीक्षण कीजिये। (2020)

प्रश्न. भारत की डिजिटल इंडिया में डिजिटल पहल ने किस प्रकार से देश की शिक्षा व्यवस्था के संचालन में योगदान किया है? विस्तृत उत्तर दीजिये। (2021)

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