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कृषि

राष्‍ट्रीय कृषि सम्‍मेलन – रबी अभियान 2019

  • 21 Sep 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

20 सितंबर, 2019 को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने रबी अभियान-2019 के लिये राष्‍ट्रीय कृषि सम्‍मेलन की शुरुआत की।

सम्मेलन के प्रमुख बिंदु

  • इस सम्मेलन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण राज्‍य मंत्री ने खाद्यान्‍नों के अभूतपूर्व उत्‍पादन (285 मिलियन टन) के बारे में चर्चा की और केंद्र प्रायोजित योजनाओं को कारगर रूप से लागू करने के लिये राज्‍य सरकारों की सराहना की।
  • राज्य सरकारों के इस सहयोग से ही चावल (116 मिलियन टन), गेहूं (102.5 मिलियन टन), दलहनों और तिलहनों का सर्वाधिक उत्‍पादन संभव हुआ है।
  • हालाँकि तिलहनों की कमी एक चिंताजनक बिंदु है, खाद्य तेलों की उत्‍पादन क्षमता को बढ़ाने और आयात में कमी लाने के लिये एक अलग अभियान शुरू करने की आवश्यकता है।
  • ज़िला स्‍तर पर किसान संगठनों से परामर्श के बाद उर्वरकों की मांग की जानी चाहिये। साथ ही राज्‍य के कृषि विभागों को समय रहते केंद्र सरकार को उर्वरक की अपनी मांगों से अवगत कराना चाहिये, जिससे फसलों के महत्त्वपूर्ण चरणों में किसानों के लिये उर्वरकों की उपलब्‍धता को सुनिश्चित किया जा सके।
  • कृषि विभाग ने राज्‍यों के कृषि विभागों की सक्रिय भागीदारी से रबी फसलों, दलहनों और तिलहनों के लिये बीज के मिनी किट वितरित करने का निर्णय लिया है।
  • जहाँ तक किसान क्रेडिट कार्ड का सरोकार है, बड़ी संख्‍या में किसानों को इसमें शामिल करने के लिये पंजीकरण शुल्‍क में छूट देने, किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए न्‍यूनतम समय, ऋणों की संख्‍या बढ़ाने जैसे अनेक बदलाव किये गए हैं।
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार के लिए राज्‍यों के कृषि विभागों से विवरण प्राप्‍त किये गए है और तदनुसार योजना की समीक्षा की जाएगी।
  • जल्‍द ही रबी तिलहनों और दलहनों के लिए न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य के बारे में निर्णय लिया जाएगा।

तिलहन और दलहन के विषय में

  • इसके अतिरिक्त तिलहन और दलहन की 45 जैव बायोफोर्टिफिकेशन किस्में जारी की गई हैं। इनमें प्रोटीन और पोषक तत्त्वों आदि की काफी मात्रा मौजूद है।

क्या किये जाने की आवश्यकता है?

  • इसके लिये आवश्यक है कि किसानों को सर्वाधिक लाभ मुहैया कराने के लिये खेती को कृषि प्रयोगशालाओं से सीधे जोड़ा जाए। 
  • उर्वरकों की ज़रूरतों की जानकारी ज़िला स्तर पर मुहैया कराई जाए तथा इसे बाद में संबंधित राज्य सरकारों के कृषि विभाग द्वारा आगे केंद्र सरकार को प्रेषित किया जाए।
  • ज़िला स्तर पर यूरिया जैसे उर्वरकों का अतिरिक्त भंडार बनाने की संभावनाएँ तलाशी जानी चाहिये।
  • राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ चर्चा सत्र के दौरान कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग की ओर से क्रेडिट, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, न्यूनतम समर्थन मूल्य संचालन, किसान कल्याण और उर्वरक जैसे विषयों पर प्रस्तुतियाँ दी गईं।

स्रोत: pib

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