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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

हॉन्गकॉन्ग विधायिका द्वारा राष्ट्रगान विधेयक पारित

  • 08 Jul 2020
  • 11 min read

प्रीलिम्स के लिये:

उइगर मुसलमान, शिनजियांग (Xinjiang) क्षेत्र एवं हॉन्गकॉन्ग की अवस्थिति

मेन्स के लिये: 

हॉन्गकॉन्ग पर चीन की अधिनायकवादी नीति

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विरोध प्रदर्शन के बीच हॉन्गकॉन्ग विधायिका ने एक राष्ट्रगान विधेयक (National Anthem Bill) पारित किया जो चीन के राष्ट्रगान का अनादर करने वालों को अपराधी घोषित करेगा। 

प्रमुख बिंदु:

  • इस कदम को आलोचकों द्वारा हॉन्गकॉन्ग पर बीजिंग (चीन) की मज़बूत पकड़ के नवीनतम संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
  • इस विधेयक को 41:1 के बहुमत से पारित किया गया। 
  • यह विधेयक उन लोगों को सजा (3 वर्ष तक की जेल या $ 6450 तक का जुर्माना) देने की अनुमति देता है जो चीन के राष्ट्रगान का अपमान करते हैं।
  • इस बिल में कहा गया है कि ‘सभी व्यक्तियों एवं संगठनों’ को चीनी राष्ट्रगान का सम्मान एवं इसकी गरिमा को बनाये रखना चाहिये और इसे "उचित अवसरों" पर बजाना एवं गाना चाहिये।

हॉन्गकॉन्ग में बिल के विरोध में प्रदर्शन:

  • पहली बार हॉन्गकॉन्ग पुलिस ने यहाँ के विक्टोरिया पार्क में आमतौर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम को चिन्हित करते हुए एक वार्षिक जुलूस पर प्रतिबंध लगा दिया।
  • राष्ट्रगान विधेयक आने से एक सप्ताह पहले चीन द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लेकर पहले से चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान अलगाववाद,  तोड़-फोड़ और विदेशी हस्तक्षेप से निपटने का संकेत मिलने के बाद हॉन्गकॉन्ग में तनाव बढ़ गया है।

वैश्विक देशों द्वारा आलोचना: 

  • चीन के इस कदम की संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों और कुछ व्यावसायिक लॉबी ने भी निंदा की क्योंकि यह नियम वैश्विक वित्तीय हब के रूप में प्रसिद्ध हॉन्गकॉन्ग में स्वतंत्रता को नष्ट कर देगा।

चीन समर्थित हॉन्गकॉन्ग सरकार का मत:

  • हॉन्गकॉन्ग में चीनी अधिकारियों एवं चीन समर्थित हॉन्गकॉन्ग सरकार का कहना है कि ये कानून (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून एवं राष्ट्रगान विधेयक) हॉन्गकॉन्ग की उच्च स्तर की स्वायत्तता के लिये कोई खतरा उत्पन्न नहीं करेंगे और आने वाले समय में नए सुरक्षा कानून पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
  • राजनीतिक तटस्थता की अपनी सामान्य नीति को तोड़ते हुए HSBC और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक (Standard Chartered Bank) ने हॉन्गकॉन्ग में नए कानून को अपना समर्थन दिया।

संयुक्त राज्य अमेरिका का हॉन्गकॉन्ग को लेकर दृष्टिकोण:

  • गौरतलब है कि आने वाले कुछ महीनों में अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिये चुनाव होना है परिणामतः ‘लोकतांत्रिक मूल्यों एवं मानवाधिकार’ के परिप्रेक्ष्य में हॉन्गकॉन्ग में हो रहा विरोध प्रदर्शन अमेरिका के चुनावी समय में एक अहम मुद्दा बन गया है।
  • राष्ट्रपति पद के दावेदार जो बिडेन (Joe Biden) ने हॉन्गकॉन्ग में चीन के दबदबे को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना करते हुए कहा कि अगर वे आगामी चुनाव जीतते हैं तो मानवाधिकारों को लेकर चीन पर सख्त रुख अपनाएंगे।         
    • उन्होंने कहा कि बीजिंग का नये राष्ट्रीय सुरक्षा कानून गुप्त एवं व्यापक रूप से लागू किया गया है। जो चीन के बाकी हिस्सों के अलावा हॉन्गकॉन्ग को पहले से ही मिलने वाली स्वतंत्रता एवं स्वायत्तता के लिये एक झटका है।
    • शिनजियांग (Xinjiang) क्षेत्र में जबरन श्रम से होने वाले उत्पादों के आयात को रोकने के लिये मजबूत कदम उठाए जाने चाहिये। 
    • गौरतलब है कि शिनजियांग चीन का वह क्षेत्र है जहाँ संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि यहाँ के शिविरों में 10 लाख से अधिक उइगर मुसलमानों को हिरासत में रखा गया है।

शिनजियांग (Xinjiang) क्षेत्र:

  • शिनजियांग को आधिकारिक तौर पर शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र (Xinjiang Uyghur Autonomous Region) कहा जाता है। 
  • यह चीन के उत्तर-पश्चिम में स्थित चीन का एक स्वायत्त क्षेत्र है।
  • इसकी सीमा मंगोलिया, रूस, कज़ाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताज़िकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमाओं से मिलती है।
  • काराकोरम, कुनलुन और तियान-शान पर्वत शिनजियांग क्षेत्र की सीमाओं के साथ-साथ इसके दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्रों में भी व्याप्त हैं।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष और चीन में लंबे समय तक मानवाधिकारों के लिये कार्य करने वाली वकील नैन्सी पेलोसी (Nancy Pelosi) ने राष्ट्रपति ट्रंप से आग्रह किया कि वर्ष 2019 के कानून के तहत और अधिक दबाव बनाने  की आवश्यकता है जो हॉन्गकॉन्ग की स्वतंत्रता पर उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों की अनुमति देता है।
    • उन्होंने कहा कि यदि हम वाणिज्यिक हितों के कारण चीन में मानवाधिकारों पर बात करने से इनकार करते हैं तो हम दुनिया के किसी भी स्थान पर मानवाधिकारों के लिये बोलने का सारा नैतिक अधिकार खो देते हैं।
  • उल्लेखनीय है कि अमेरिकी सीनेट ने हाल ही में एक बिल पारित किया था जिसमें हॉन्गकॉन्ग की स्वायत्तता के उल्लंघन पर ‘अनिवार्य प्रतिबंध’ का प्रावधान किया गया है 
    • इस बिल के दायरे में चीनी अधिकारियों से सौदा करने वाले बैंक एवं हॉन्गकॉन्ग पुलिस को भी शामिल किया गया है।
  • गौरतलब है कि यह राष्ट्रगान विधेयक ऐसे समय आया है जब अमेरिका और चीन के बीच ‘व्यापार तथा COVID-19 की उत्पत्ति’ जैसे मुद्दों पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। 

नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लेकर चीन का मत:

  • हॉन्गकॉन्ग को लेकर चीन का नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून 7 जुलाई, 2020 से प्रभावी हो चुका है। 
  • वहीँ चीन के इस कदम को लेकर हॉन्गकॉन्ग में लोकतंत्र समर्थकों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए हॉन्गकॉन्ग एवं चीनी अधिकारियों का कहना है कि नया राष्‍ट्रीय सुरक्षा कानून हॉन्गकॉन्ग सरकार और चीन विरोधी प्रदर्शनों की खाई को उजागर करेगा।  

नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून में प्रमुख प्रावधान:

  1. आतंकी गतिविधियों एवं विदेशी सुरक्षा बलों के साथ मिलीभगत करने पर आजीवन कारावास की सजा मिलेगी
  2. चीनी सरकार के पास हॉन्गकॉन्ग में राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में दखलंदाज़ी करने का अधिकार रहेगा
  3. राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को हॉन्गकॉन्ग का कोई भी चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी
  4. अधिकार एवं स्वतंत्रता जिसमें बोलने की स्वतंत्रता, प्रेस की आज़ादी शामिल हैं, वे नए कानून के अनुसार संरक्षित होंगे
  5. राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का उल्लंघन करने वाली कंपनियों या समूहों पर जुर्माना लगाया जाएगा और उनका संचालन निलंबित किया जा सकता है
  6. कुछ विशेष परिवहन वाहनों एवं उपकरणों को नुकसान पहुँचाना आतंकवादी कृत्य माना जाएगा
  7. स्थानीय अधिकारी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले व्यक्तियों की जाँच कर सकते हैं और उनका फोन टेप कर सकते हैं
  8. यह कानून हॉन्गकॉन्ग के स्थायी एवं गैर-स्थायी निवासियों पर लागू होगा
  9. इस कानून के तहत अपराधों से संबंधित संपत्ति को जब्त किया जा सकता है  

आगे की राह:

  • गौरतलब है कि चीन का यह नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून एवं राष्ट्रगान विधेयक चीनी सरकार को लक्षित करने वाली गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाएगा और साथ ही हॉन्गकॉन्ग के मामलों में बाहरी हस्तक्षेप को प्रतिबंधित अथवा दंडित करेगा।
  • विश्लेषकों का मानना है कि चीन द्वारा उठाए गए हालिया कदम हॉन्गकॉन्ग के 'एक देश, दो व्यवस्था' के सिद्धांत का उल्लंघन करते हैं जो हॉन्गकॉन्ग की स्वायत्तता के लिये काफी महत्त्वपूर्ण है।  

स्रोत: द हिंदू 

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