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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

उइगर मानवाधिकार विधेयक

  • 29 May 2020
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये:

उइगर मुस्लिम 

मेन्स के लिये:

अमेरिका-चीन संबंध

चर्चा में क्यों?

हाल ही में अमेरिका के 'प्रतिनिधि सभा' (House of Representatives) ने ‘उइगर मानवाधिकार विधेयक’ (Uighur Human Rights Bill) को मंज़ूरी दी है। विधेयक में ट्रंप प्रशासन से चीन के उन शीर्ष अधिकारियों को दंडित करने की मांग की गई है जिनके द्वारा अल्पसंख्यक मुसलमानों को हिरासत में रखा गया है।

प्रमुख बिंदु:

  • विधेयक के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति को चीन में मुसलमानों के खिलाफ होने वाली अपराध की निंदा करनी होगी तथा शिनजियांग प्रांत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में शिविरों को बंद करने की अपील करनी होगी।
  • यह विधेयक वरिष्ठ चीनी अधिकारियों; जिनमें शिनजियांग कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव आदि शामिल हैं, के खिलाफ प्रतिबंधों का आह्वान करता है।

विधेयक में शामिल अन्य प्रावधान:

  • इस विधेयक के अनुसार, अमेरिका के राज्य सचिव को शिनजियांग प्रांत में पुन: शिक्षा और जबरन श्रम शिविरों में रखे गए लोगों की संख्या की जानकारी देनी होगी।
  • विधेयक, उन प्रौद्योगिकी को चीन को निर्यात कने पर प्रतिबंध लगाता है जो चेहरे तथा आवाज के आधार पर व्यक्तिगत पहचान और निगरानी करने में उपयोग किया जा सकता है।

उइगर मुस्लिम (Uighur Muslim):

  • उइगर मुस्लिम चीन के शिनजियांग प्रांत में निवास करने वाले अल्पसंख्यक हैं।
  • चीन के शिनजियांग प्रांत में इनकी जनसंख्या तकरीबन 40 प्रतिशत है।
  • संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के विशेषज्ञों के अनुसार, कम से कम 1 मिलियन उइगर मुस्लिम और अन्य अल्पसंख्यक समूहों को शिनजियांग प्रांत के शिविरों में नज़रबंद रखा गया है।

Uighur-Muslim

चीन का पक्ष:

  • चीनी सरकार ने लगातार दावा किया है कि वह शिनजियांग प्रांत के शिविरों में लोगों को ‘स्वैच्छिक शिक्षा’ और ‘व्यावसायिक प्रशिक्षण’ प्रदान कर रहा  है। 
  • चीन ने उइगरों तथा अन्य अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार संबंधित घटनाओं से इनकार किया है। चीन के अनुसार, वह उइगरों तथा अन्य अल्पसंख्यकों को इस्लामी चरमपंथ तथा अलगाववाद से बाहर लाने के लिये उन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण दे रहा है।

अमेरिका का पक्ष:

  • अमेरिका का मानना है शिनजियांग में आधुनिक नज़रबंदी के शिविर हैं जहाँ होलोकॉस्ट (बड़े स्तर पर नरसंहार) के बाद इतने बड़े स्तर पर लोगों का दमन किया जा रहा है।
  • अनेक लीक हुए दस्तावेज़ों के अनुसार, शिविरों को उच्च सुरक्षा वाली जेलों के रूप में चलाया जा रहा है, जिसमें कठोर अनुशासन, दंड की व्यवस्था है तथा इन शिविरों से किसी को बाहर जाने की अनुमति नहीं है।

भारत का हित:

  • अनेक मुस्लिम बहुसंख्यक देशों का मानना है कि भारत, चीन की ‘मुस्लिम अल्पसंख्यक नीति’ का खुलकर विरोध नहीं करता है, क्योंकि भारत खुद कश्मीर जैसे क्षेत्रों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ कठोर नीति को बढ़ावा दे रहा है। 

क्यों लाया गया उइगर मानवाधिकार विधेयक?

  • हाल ही में चीन की संसद के समक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा पर मसौदा प्रस्तुत किया गया था, जो पहली बार चीन की सरकार को हॉन्गकॉन्ग के लिये राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों का मसौदा तैयार करने तथा इस ‘विशेष प्रशासनिक क्षेत्र में अपने राष्ट्रीय सुरक्षा अंगों को संचालित करने की अनुमति देता है।
  • चीन के इस मसौदे को प्रस्तुत करने के बाद अमेरिकी संसद द्वारा हांगकांग में सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन को समर्थन देने वाले कानून को पेश किया गया। 
  • अमेरिकी संसद में हॉन्गकॉन्ग प्रदर्शन के समर्थन देने वाले कानून को पेश करने के बाद चीन ने प्रतिक्रिया में कहा था कि अमेरिकी सैन्य जहाज़ों और विमानों को हॉन्गकॉन्ग जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी साथ ही अमेरिका के कई ‘गैर-सरकारी संगठनों’ के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा भी की गई।

आगे की राह:

  • विधेयक पर अभी सीनेट के अनुमोदन की आवश्यकता है, जिसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास अनुमोदन के लिये भेज जाएगा। जहाँ राष्ट्रपति ट्रंप विधेयक पर हस्ताक्षर अथवा वीटो कर सकते हैं। 
  • राष्ट्रपति को 120 दिनों के भीतर ज़िम्मेदार अधिकारियों की सूची बनाकर, उन पर कार्यवाही करनी होगी।
  • उइगर मानवाधिकार विधेयक बिल के पारित होने के बाद चीन और अधिक मज़बूत प्रतिक्रिया कर सकता है जिससे अमेरिका और चीन के मध्य विवाद और अधिक गहरा सकता है। 

स्रोत: द हिंदू

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