विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
कोविड-19 का Mu वेरिएंट
- 16 Sep 2021
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प्रिलिम्स के लियेकोविड-19 का Mu वेरिएंट, डेल्टा वेरिएंट, स्पाइक प्रोटीन, कप्पा और लैम्ब्डा वेरिएंट मेन्स के लियेकोविड-19 के Mu वेरिएंट से संबंधित मुद्दे और चिंताएँ |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (Variants of Interest- VOI) की सूची में कोविड-19 का एक नया वेरिएंट जोड़ा है और इसे Mu (B.1.621) नाम दिया है। इसने C.1.2 को एक नए VOI के रूप में भी जोड़ा है।
- जीनोमिक्स पर भारतीय SARS-CoV-2 कंसोर्टियम (Indian SARS-CoV-2 Genomics Consortium- INSACOG) के अनुसार, भारत ने अब तक Mu और C.1.2 नहीं देखा है और डेल्टा वेरिएंट तथा इसके उप-वंश मुख्य वेरिएंट ऑफ कंसर्न (Variants of Concern- VOC) बने हुए हैं।
- C.1.2 दक्षिण अफ्रीका में वर्णित C.1 वेरिएंट का एक उप-वंश है, लेकिन यह अभी वैश्विक स्तर पर नहीं फैला है।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- Mu, B.1.621 वेरिएंट वंश से संबंधित है और इसका नाम ग्रीक वर्णमाला के बारहवें अक्षर लिया गया है। यह पहली बार जनवरी 2021 में कोलंबिया में पाया गया था।
- इसमें म्यूटेशन का एक समूह है जो प्रतिरक्षा से बचने के संभावित गुणों का संकेत देते हैं। इसमें स्पाइक प्रोटीन और अमीनो एसिड परिवर्तनों को प्रभावित करने वाले कई विकल्प हैं।
- इसने म्यूटेशन (Mutations), E484K, N501Y, P681H, D614G देखे हैं, जो अन्य VOI और VOC में सूचित किये गए हैं।
- WHO द्वारा निगरानी किया जाने वाला यह पाँचवां 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' है। अन्य चार वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट इस प्रकार हैं:
वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट:
- इस श्रेणी में उन वेरिएंट्स को शामिल किया जाता है जिनमें शामिल आनुवंशिक परिवर्तन पूर्णतः अनुमानित होते हैं और उन्हें संचारण क्षमता, रोग की गंभीरता या प्रतिरक्षा क्षमता को प्रभावित करने के लिये जाना जाता है।
- ये वेरिएंट्स कई देशों और जनसंख्या समूहों के बीच गंभीर सामुदायिक प्रसारण का कारण भी बने हैं।
वेरिएंट ऑफ कंसर्न:
- वायरस के इस वेरिएंट के परिणामस्वरूप संक्रामकता में वृद्धि, अधिक गंभीर बीमारी (जैसे- अस्पताल में भर्ती या मृत्यु हो जाना), पिछले संक्रमण या टीकाकरण के दौरान उत्पन्न एंटीबॉडी में महत्त्वपूर्ण कमी, उपचार या टीके की प्रभावशीलता में कमी या नैदानिक उपचार की विफलता देखने को मिलती है।
- अब तक ऐसे चार वेरिएंट (अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा) हैं, जिन्हें ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ के रूप में नामित किया गया है और इन्हें बड़ा खतरा माना जाता है।
- अल्फा (वंश B.1.1.7, तथाकथित 'यूके वेरिएंट'), बीटा (वंश B.1.351, 'दक्षिण अफ्रीकी वेरिएंट'), गामा (वंश P.1, 'ब्राज़ील वेरिएंट'), डेल्टा (वंश B.1.617.2)।
म्यूटेशन, वेरिएंट तथा स्ट्रेन
- जब कोई वायरस अपनी प्रतिकृति बनाता है तो वह हमेशा अपनी एक सटीक प्रतिकृति नहीं बना पाता है।
- इसका तात्पर्य यह है कि समय के साथ वायरस अपने आनुवंशिक अनुक्रम के संदर्भ में थोड़ा भिन्न होना शुरू कर सकता है।
- इस प्रक्रिया के दौरान वायरस के आनुवंशिक अनुक्रम में कोई भी परिवर्तन उत्परिवर्तन यानी म्यूटेशन के रूप में जाना जाता है।
- नए म्यूटेशन वाले वायरस को कभी-कभी वेरिएंट कहा जाता है। वेरिएंट एक या कई म्यूटेशन से भिन्न हो सकते हैं।
- जब एक नए वेरिएंट में मूल वायरस की तुलना में अलग-अलग कार्यात्मक गुण होते हैं और यह जन आबादी के बीच अपना स्थान बना लेता है, तो इसे कभी-कभी वायरस के नए स्ट्रेन के रूप में जाना जाता है।
- सभी स्ट्रेन, वेरिएंट होते हैं लेकिन सभी वेरिएंट स्ट्रेन नहीं होते।