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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

कारक-D प्रोटीन: COVID- 19

  • 13 Oct 2020
  • 4 min read

प्रिलिम्स के लिये:

कारक D प्रोटीन, स्पाइक प्रोटीन, ACE2 प्रोटीन

मेन्स के लिये:

COVID-19 और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली

चर्चा में क्यों ?

'जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन' (Johns Hopkins Medicine) के शोधकर्त्ताओं द्वारा किये गए एक नए अध्ययन में पता चला है कि मानव प्रोटीन के कारक-D (Factor D) को अवरुद्ध किये जाने से यह कोरोनोवायरस (SARS-CoV-2) के कारण होने वाली प्रतिक्रियाओं को कम कर सकता है।

प्रमुख बिंदु:

विधि: नए अध्ययन में सामान्य मानव रक्त के सीरम और SARS-CoV-2 स्पाइक प्रोटीन के तीन सब यूनिट्स का इस्तेमाल किया गया, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वायरस प्रतिरक्षा प्रणाली को कैसे नियंत्रित करता है और सामान्य कोशिकाओं को खतरे में डालता है।

फोकस: शोध दल द्वारा मुख्यत: 2 प्रोटीन कारकों H (Factor H) और D (Factor D), जिन्हें 'पूरक' प्रोटीन के रूप में जाना जाता है, पर ध्यान केंद्रित किया गया है। ये प्रोटीन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

निष्कर्ष: शोधकर्त्ताओं ने पाया कि COVID-19 के स्पाइक प्रोटीन कारक-D की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया की अतिउद्दीप्त (Overstimulate) का कारण बनते हैं, जो बदले में कारक-H को उस प्रतिक्रिया की मध्यस्थता (Mediating) करने से रोकता है।

स्पाइक प्रोटीन: SARS-CoV-2 की सतह पर स्पाइक प्रोटीन पाए जाते हैं जिनके माध्यम से यह संक्रमण के लिये लक्षित कोशिकाओं से जुड़ जाता है। ये स्पाइक्स 'हेपरान सल्फेट' नामक कोशिकीय कणों से जुड़े रहते हैं।

  • हेपरान सल्फेट, वृहद् एवं जटिल शर्करा युक्त अणु होते हैं जो फेफड़ों, रक्त वाहिकाओं और चिकनी मांसपेशियों में कोशिकाओं की सतह पर पाये जाते हैं और अधिकांश अंगों का निर्माण करते हैं।

हेपरान सल्फेट, SARS-CoV-2 के साथ अपने शुरुआती संबंध से परिचित होने के बाद  एक अन्य कोशिका-सतह घटक का उपयोग करता है, जिसे ‘एंजियोटेंसिन-परिवर्तित एंज़ाइम-2’ (Angiotensin-Converting Enzyme 2- ACE2) के रूप में जाना जाता है।

  • ACE2 कई प्रकार की कोशिकाओं की सतह पर स्थित एक प्रोटीन है।
  • जब SARS-CoV-2 मानव शरीर में अधिक कोशिकाओं को फैलाने और संक्रमित करने के लिये ACE2 रिसेप्टर्स पर हमला करता है, तो यह कारक-H को कोशिकाओं के साथ जुड़ने के लिये शर्करा अणु का उपयोग करने से रोकता है।
  • कारक-H का मुख्य कार्य उन रासायनिक संकेतों को विनियमित करना है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाने से रोकते हैं।
  • शोध दल ने पाया कि कारक-D को अवरुद्ध करके वे SARS-CoV-2 द्वारा शुरू की गई घटनाओं की विनाशकारी शृंखला को रोकने में सक्षम थे।

महत्त्व:

  • इस शोध कार्य ने COVID- 19 से निपटने हेतु अनुसंधान के लिये एक निश्चित दिशा प्रदान की है।
  • इस अध्ययन के आधार पर अन्य बीमारियों के लिये दवाओं के विकास में भी मदद मिल सकती है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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