मिशन ऑन एडवांस्ड एंड हाई-इम्पैक्ट रिसर्च | 09 Jun 2023
प्रिलिम्स के लिये:उद्देश्य, मिशन की संरचना और लक्ष्य, ई-कुकिंग, लिथियम आयन स्टोरेज बैटरी, ग्रीन हाइड्रोजन मेन्स के लिये:मिशन ऑन एडवांस्ड एंड हाई-इम्पैक्ट रिसर्च का महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में विद्युत मंत्रालय तथा नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने संयुक्त रूप से "मिशन ऑन एडवांस एंड हाई-इम्पैक्ट रिसर्च” (MAHIR) नामक एक राष्ट्रीय मिशन की शुरुआत की है।
- वर्ष 2023-24 से लेकर वर्ष 2027-28 तक पाँच वर्ष की प्रारंभिक अवधि के लिये बनाई गई इस योजना के तहत किसी विचार को उत्पाद में परिवर्तित करने हेतु प्रौद्योगिकी जीवन चक्र दृष्टिकोण का उपयोग किया जाएगा।
राष्ट्रीय मिशन MAHIR के प्रमुख बिंदु:
- मिशन का लक्ष्य:
- वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र के लिये उभरती प्रौद्योगिकियों और भविष्य की प्रासंगिकता के क्षेत्रों की पहचान करना तथा प्रासंगिक प्रौद्योगिकियों के स्वदेशी विकास की शुरुआत करना
- सामूहिक विचार-मंथन, सहक्रियात्मक प्रौद्योगिकी विकास और प्रौद्योगिकी के सुचारु हस्तांतरण के लिये मार्ग प्रशस्त करने हेतु विद्युत क्षेत्र के हितधारकों के लिये एक सामान्य मंच प्रदान करना।
- स्वदेशी प्रौद्योगिकियों (विशेष रूप से भारतीय स्टार्ट-अप द्वारा विकसित) की पायलट परियोजनाओं और उनके व्यावसायीकरण की सुविधा का समर्थन करना।
- उन्नत प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान और विकास में तेज़ी लाने के लिये विदेशी गठजोड़ एवं साझेदारी का लाभ उठाना तथा द्विपक्षीय अथवा बहुपक्षीय सहयोग के माध्यम से दक्षताओं, क्षमताओं और उन्नत प्रौद्योगिकियों तक पहुँच बनाने के लिये ज्ञान एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करना।
- वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास सुनिश्चित करना, पोषण और पैमाना बनाना तथा देश के विद्युत क्षेत्र में जीवंत एवं नवोन्मेषी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना।
- विद्युत प्रणाली से संबंधित प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों के विकास के संदेर्भ में देश को अग्रणी देशों में शामिल करना।
- वित्तीयन:
- इस मिशन को दो मंत्रालयों विद्युत मंत्रालय, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत तथा केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के वित्तीय संसाधनों को पूल करके वित्तपोषित किया जाएगा।
- अतिरिक्त धन की आवश्यकता की स्थिति में भारत सरकार के बजटीय संसाधनों से जुटाया जाएगा।
- MAHIR के तहत अनुसंधान के लिये चिह्नित क्षेत्र:
- लिथियम-आयन स्टोरेज बैटरी के विकल्प:
- भारतीय खाना पकाने के तरीकों के अनुरूप इलेक्ट्रिक कुकर/पैन को संशोधित करना
- गतिशीलता के लिये ग्रीन हाइड्रोजन (उच्च दक्षता ईंधन सेल)
- कार्बन अवशोषण/कार्बन कैप्चर
- भू-तापीय ऊर्जा
- ठोस अवस्था प्रशीतन
- ईवी बैटरी के लिये नैनो तकनीक
- स्वदेशी CRGO तकनी
मिशन की संरचना:
- द्वि-स्तरीय संरचना:
- यह द्वि-स्तरीय संरचना है जिसमें एक तकनीकी कार्यक्षेत्र समिति और एक शीर्ष समिति शामिल है।
- शीर्ष समिति:
- यह प्रौद्योगिकी और उत्पाद विकास पर विचार-विमर्श करते हुए अनुसंधान प्रस्तावों को स्वीकृति देती है तथा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग भी प्रदान करती है।
- शीर्ष समिति अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्रदान करते हुए सभी अनुसंधान प्रस्तावों/परियोजनाओं के अंतिम अनुमोदन को शीर्ष समिति द्वारा स्वीकृत किया जाएगा।
- इसकी अध्यक्षता केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री करते हैं।
- तकनीकी कार्यक्षेत्र समिति:
- यह अनुसंधान क्षेत्रों की पहचान करती है, संभावित प्रौद्योगिकियों की सिफारिश करती है और अनुमोदित अनुसंधान परियोजनाओं की निगरानी करती है।
- इसकी अध्यक्षता केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अध्यक्ष द्वारा की जाती है।
- केंद्रीय विद्युत अनुसंधान संस्थान (CPRI), बंगलूरू सर्वोच्च समिति और तकनीकी कार्यक्षेत्र समिति को सभी आवश्यक सचिवीय सहायता प्रदान करेगा।
मिशन का दायरा:
- एक बार अनुसंधान क्षेत्रों की पहचान और अनुमोदन हो जाने के बाद परिणाम से जुड़े वित्तपोषण प्रस्तावों को विश्व स्तर पर आमंत्रित किया जाएगा।
- प्रस्तावों के चयन के लिये गुणवत्ता सह लागत आधारित चयन (QCBS) आधार का उपयोग किया जाएगा।
- भारतीय स्टार्ट-अप्स द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों की पायलट परियोजनाओं को वित्तपोषित किया जाएगा और उनके व्यावसायीकरण की सुविधा प्रदान की जाएगी।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को प्रोत्साहित किया जाएगा।
MAHIR का महत्त्व:
- स्वदेशी विकास:
- देश के भीतर उन्नत तकनीकों का विकास करके भारत आयात पर अपनी निर्भरता कम कर सकता है, आत्मनिर्भरता बढ़ा सकता है और घरेलू नवाचार एवं विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा दे सकता है।
- यह "मेक इन इंडिया" पहल के साथ संरेखित है और स्वदेशी प्रौद्योगिकी संचालित उद्योगों के विकास में योगदान देता है।
- ऊर्जा संक्रमण और शुद्ध शून्य उत्सर्जन:
- MAHIR स्वच्छ और हरित ऊर्जा स्रोतों, ऊर्जा भंडारण समाधानों तथा कार्बन कैप्चर तकनीकों को अपनाने में सहायता कर सकता है।
- यह जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने और एक स्थायी ऊर्जा भविष्य की ओर गति के लिये भारत की प्रतिबद्धता में योगदान देता है।
- आर्थिक विकास और विनिर्माण हब:
- MAHIR का उद्देश्य भारत को उन्नत विद्युत प्रौद्योगिकियों के लिये एक विनिर्माण केंद्र बनाना है।
- अत्याधुनिक तकनीकों को विकसित और तैनात करके यह निवेश आकर्षित कर सकता है, नवाचार-संचालित उद्योगों को बढ़ावा दे सकता है और रोज़गार के अवसर पैदा कर सकता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा/से भारत सरकार के 'हरित भारत मिशन' के उद्देश्य का सर्वोत्तम रूप से वर्णन करता है/करते हैं? (2016)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (c) व्याख्या:
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