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जैव विविधता और पर्यावरण

मिशन इनोवेशन 2.0

  • 10 Feb 2021
  • 9 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री (Union Minister of Science & Technology) ने मिशन इनोवेशन (Mission Innovation) के दूसरे चरण की शुरुआत की है।

  • भारत ने मिशन इनोवेशन के संचालन समिति में नेतृत्व की भूमिका निभाई। यह विश्लेषण और संयुक्त अनुसंधान व व्यवसाय तथा निवेशक उप-समूहों का सदस्य है।

प्रमुख बिंदु

मिशन इनोवेशन:

  • गठन:
    •  मिशन इनोवेशन की घोषणा 30 नवंबर, 2015 को पेरिस जलवायु समझौते (Paris Climate Agreement) से अलग (Sideline) जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये की गई थी।
  • सदस्यता:
    • यह 24 देशों और यूरोपीय संघ के वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा नवाचार में तेज़ी लाने के लिये एक वैश्विक पहल है।
  • सिद्धांत:
    • सभी सदस्यों द्वारा चयनित प्राथमिक क्षेत्रों में पाँच वर्षों में अपने स्वच्छ ऊर्जा नवाचार निवेश को दोगुना करने की प्रतिबद्धता व्यक्त गई है।
    • प्रत्येक सदस्य अपनी प्राथमिकताओं, नीतियों, प्रक्रियाओं और कानूनों के अनुसार स्वतंत्र रूप से अपनी निधि का सबसे उचित उपयोग निर्धारित करने और दोहरे लक्ष्य को प्राप्ति के लिये अपने स्वयं के अनुसंधान तथा विकास प्राथमिकताओं एवं उनके उचित मार्ग को परिभाषित करता है।
    • एमआई सदस्य कई मामलों में अपने संपूर्ण ऊर्जा नवाचार बजट के कुछ हिस्सों को अपनी सीमा रेखा के भीतर पूर्ण करने को प्राथमिकता देते हैं।
  • उद्देश्य:
    • सार्वजनिक क्षेत्र के निवेश को संतोषजनक स्तर तक बढ़ाना।
    • निजी क्षेत्र की संलग्नता और निवेश में वृद्धि करना।
    • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाना।
    • नवाचार की परिवर्तनकारी क्षमता के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
  • नवाचार में आने वाली चुनौतियाँ:
    • नवाचार की चुनौतियाँ मिशन नवाचार का एक प्रमुख हिस्सा है, जिनका उद्देश्य प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अनुसंधान, विकास और प्रदर्शन का लाभ उठाना है जो अंततः ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने, ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने तथा स्वच्छ आर्थिक विकास के नए अवसर पैदा करने में मदद कर सकती हैं।
  • मिशन नवाचार की 8 चुनौतियाँ:
    • IC1 - स्मार्ट ग्रिड, IC2 - बिजली से ग्रिड तक पहुँच, IC3 - कार्बन कैप्चर, IC4 - सतत् जैव ईंधन, IC5 - कन्वर्टिंग सनलाइट, IC6 - स्वच्छ ऊर्जा सामग्री, IC7 - किफायती कूलिंग और हीटिंग वाले भवन, IC8 - अक्षय और स्वच्छ हाइड्रोजन
  • पहले चरण से पता चलता है कि नवाचार चुनौतियों के तहत किये गए कार्य अपेक्षाकृत कम समय में पूरे कर लिये गए जो आईसी के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिये सदस्यों के नेतृत्व और स्वैच्छिक प्रयासों पर निर्भर थे।
  • इन संसाधनों ने नाटकीय रूप से उन्नत प्रौद्योगिकियों की उपलब्धता को तेज़ कर दिया है जो भविष्य की स्वच्छ, सस्ती और विश्वसनीय ऊर्जा को परिभाषित करेगा।

 मिशन इनोवेशन 2.0:

  • नवाचार में तेज़ी लाने के साझा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये सभी सदस्य एक अन्य चरण (2.0) को विकसित करने हेतु सहमत हुए हैं, इस चरण में शामिल हैं:
    • वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करने और सीखने में तेज़ी लाने के लिये वर्तमान गतिविधियों पर एक उन्नत नवाचार मंच का निर्माण करना।
    • नया सार्वजनिक-निजी नवाचार गठजोड़ - ये मिशन स्वैच्छिक प्रतिबद्धताओं द्वारा समर्थित महत्त्वाकांक्षी और प्रेरणादायक लक्ष्यों के आसपास निर्मित होते हैं जिन्हें स्वच्छ ऊर्जा समाधान लागत, पैमाने, उपलब्धता आदि द्वारा सुगम बनाया जा सकता है।

मिशन के साथ भारतीय पहल

  • स्वच्छ ऊर्जा अंतर्राष्ट्रीय ऊष्मायन केंद्र:
    • जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के तहत स्थापित स्वच्छ ऊर्जा अंतर्राष्ट्रीय ऊष्मायन केंद्र (Clean Energy International Incubation Centre) ने स्टार्ट-अप नवाचार पारिस्थितिकी का सहयोग करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • सौर क्षमता में बढ़ोतरी:
    • भारत ने सौर संस्थापित क्षमता में 13 गुना की वृद्धि करके अपने गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली उत्पादन को 134 गीगावाट तक बढ़ा दिया है, यह कुल बिजली उत्पादन का लगभग 35% है।
      • भारत को राष्ट्रीय सौर मिशन (National Solar Mission- जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना का एक हिस्सा) से अपनी सौर क्षमता बढ़ाने में मदद मिली है।
    • भारत का उद्देश्य वर्ष 2030 तक अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में 450 गीगावाट बिजली उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य प्राप्त करना है।
  • जैव ईंधन:
    • भारत, पेट्रोल और डीज़ल में जैव ईंधन (Biofuel) मिश्रण के अनुपात को बढ़ाने के लिये काम कर रहा है:
      • इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम: इस कार्यक्रम का उद्देश्य पेट्रोल में इथेनॉल को मिश्रित करके इसे जैव ईंधन की श्रेणी में लाना और जैव ईंधन के आयात में कटौती करके लाखों डॉलर की बचत करना है।
      • राष्‍ट्रीय जैव ईंधन नीति, 2018 का उद्देश्य वर्ष 2030 तक पेट्रोल में 20% और डीज़ल में 5% तक इथेनॉल का सम्मिश्रण करना है।
    • भारत में जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा समर्थित जैव ईंधन में उत्कृष्टता के पाँच केंद्र जैव ईंधन, बायो हाइड्रोजन और बायो जेट जैसे उन्नत जैव ईंधन पर अनुसंधान कार्य कर रहे हैं।
  • उज्ज्वला योजना:
    • यह स्वच्छ ईंधन से खाना पकाने की दुनिया की सबसे बड़ा योजना है, जिसको वर्ष 2016 में लॉन्च किया गया था। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय इसे  अपने तेल विपणन कंपनियों के माध्यम से संचालित करता है।
    • उज्ज्वला योजना के माध्यम से शुरू में गरीबी रेखा (Below Poverty Line) से नीचे के 5 करोड़ परिवारों को 31 मार्च, 2019 तक मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने का लक्ष्य था। यह लक्ष्य हासिल कर लिया गया है।
    • भारत ने अब तक लगभग 150 मिलियन कनेक्शन जारी किये हैं।
  • एक स्थायी भविष्य के लिये उत्सर्जन फ्रेमवर्क से परहेज:
    • एक साझेदारी के तहत भारत और स्वीडन ने स्थायी भविष्य के लिये अवॉइडेड इमिशन फ्रेमवर्क (Avoided Emission Framework) ढाँचा विकसित किया है।
    • इस साझेदारी के तहत वर्ष 2030 तक CO2 उत्सर्जन में लगभग 100 मिलियन टन की कमी लाने के लिये आठ कंपनियों का चयन किया गया है।

Mission-Innovation

स्रोत: पी.आई.बी.

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