मिशन डेफस्पेस | 20 Oct 2022

प्रिलिम्स के लिये:

सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची, रक्षा क्षेत्र में पहल, HAL HPT-32।

मेन्स के लिये:

मिशन डेफस्पेस, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण, रक्षा के स्वदेशीकरण का महत्त्व और संबंधित चुनौतियाँ।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में आयोजित डेफएक्सपो में प्रधानमंत्री ने 'मिशन डेफस्पेस' लॉन्च किया है।

  • उन्होंने चौथी रक्षा स्वदेशीकरण सूची भी जारी की, जिसमें निश्चित समय सीमा के बाद 101 वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाना है।
  • उन्होंने एक्सपो के दौरान इंडिया पवेलियन में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा डिज़ाइन और विकसित स्वदेशी ट्रेनर विमान HTT-40 (हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर-40) का भी अनावरण किया।

मिशन डेफस्पेस

  • परिचय:
    • यह भारतीय उद्योग और स्टार्ट-अप के माध्यम से अंतरिक्ष क्षेत्र में तीनों सेवाओं (भारतीय वायु सेना, नौसेना और सेना) के लिये अभिनव समाधान विकसित करने का एक महत्त्वाकांक्षी प्रयास है।
    • अंतरिक्ष क्षेत्र में रक्षा आवश्यकताओं के आधार पर नवीन समाधान प्राप्त करने के लिये 75 चुनौतियों का निराकरण किया जा रहा है।
    • स्टार्टअप्स, इनोवेटर्स और निजी क्षेत्र को समस्याओं के समाधान खोजने के लिये आमंत्रित किया जाएगा जिसमें आक्रामक और रक्षात्मक दोनों क्षमताएँ शामिल होंगी।
    • इसका उद्देश्य अंतरिक्ष युद्ध के लिये सैन्य अनुप्रयोगों की एक शृंखला विकसित करना और निजी उद्योगों को भविष्य की आक्रामक और रक्षात्मक आवश्यकताओं के लिये सशस्त्र बलों के समाधान की पेशकश करने में सक्षम बनाना है।
    • अंतरिक्ष में रक्षा अनुप्रयोगों से न केवल भारतीय सशस्त्र बलों को मदद मिलेगी बल्कि विदेशी मित्र राष्ट्रों तक भी इसका विस्तार किया जा सकता है।

रक्षा का स्वदेशीकरण:

  • परिचय:
    • स्वदेशीकरण में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने और आयात के बोझ को कम करने के दोहरे उद्देश्य के लिये देश के भीतर रक्षा उपकरण के विकास और उत्पादन करने की क्षमता है।
    • रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता रक्षा उत्पादन विभाग के प्रमुख उद्देश्यों में से एक है।
    • रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO), रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (DPSUs) और निजी संगठन रक्षा उद्योगों के स्वदेशीकरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
    • भारत दुनिया के सबसे बड़े हथियार आयातकों में से एक है और सशस्त्र बलों द्वारा अगले पाँच वर्षों में रक्षा खरीद पर लगभग 130 बिलियन अमेरिकी डाॅलर खर्च करने की उम्मीद है।
  • चौथी स्वदेशीकरण सूची:
    • इसमें उन उपकरणों पर विशेष ध्यान देना है, जिन्हें विकसित किया जा रहा है और अगले 5-10 वर्षों में इसके फर्म ऑर्डर में तब्दील होने की संभावना है।
    • चौथी सूची में सूचीबद्ध उपकरण न केवल घरेलू रक्षा उद्योग को सशस्त्र बलों की प्रवृत्ति के साथ भविष्य की ज़रूरतों को समझने में मदद करेंगे बल्कि इससे देश के भीतर अपेक्षित अनुसंधान और विकास तथा विनिर्माण क्षमता के लिये पर्याप्त अवसर भी प्राप्त होंगे ।
  • महत्त्व:
    • घरेलू उद्योग को बढ़ावा :
      • ये आयुध और प्लेटफॉर्म घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के साथ देश में अनुसंधान एवं विकास तथा विनिर्माण को बदल देंगे।
    • राजकोषीय घाटे को कम करना और राष्ट्रवाद को बढ़ावा देना:
      • राजकोषीय घाटे में कमी, संवेदनशील सीमाओं और शत्रुतापूर्ण पड़ोसियों से सुरक्षा, रोज़गार सृजन तथा भारतीय सेनाओं के बीच अखंडता व संप्रभुता की मज़बूत भावना के साथ राष्ट्रवाद और देशभक्ति की भावना को प्रोत्साहित करना, स्वदेशीकरण के कुछ अन्य लाभ होंगे।

HTT-40 स्वदेशी ट्रेनर विमान:

  • HTT-40 भारतीय वायु सेना (IAF) के लिये हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित एक बेसिक ट्रेनर विमान है।
  • यह IAF के पुराने बेड़े HPT-32 दीपक ट्रेनर विमानों की जगह लेगा।
  • यह अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ ईंधन दक्षता और पावर रेटिंग प्रदान करता है।
  • यह कम दूरी से उड़ान भरने के साथ तेज़ी से ऊँचाई पर पहुँच सकता है।
  • इसकी अधिकतम गति 450 किमी/घंटा है और यह अधिकतम 1,000 किमी की ऊँचाई तक पहुँच सकता है। फ्लैप डाउन के साथ इसकी स्टॉल गति 135 किमी/घंटा होती है।

HTT-40

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. भारतीय रक्षा के संदर्भ में 'ध्रुव' क्या है? (2008)

(a) विमान ले जाने वाला युद्धपोत
(b) मिसाइल ले जाने वाली पनडुब्बी
(c) उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर
(d) अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल

उत्तर: (c)


प्रश्न. भारत-रूस रक्षा सौदों पर भारत-अमेरिका रक्षा सौदों का क्या महत्त्व है? हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता के संदर्भ में चर्चा कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2020)

प्रश्न. एस-400 वायु रक्षा प्रणाली तकनीकी रूप से दुनिया में वर्तमान में उपलब्ध किसी भी अन्य प्रणाली से कैसे बेहतर है? (मुख्य परीक्षा, 2021)

स्रोत: द हिंदू