देशों का सैन्य व्यय | 26 Apr 2022
प्रिलिम्स के लिये:रिपोर्ट की मुख्य बातें मेन्स के लिये:सैन्य खर्च और इसे संबंधित चिंताएँ |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (Stockholm International Peace Research Institute-SIPRI) द्वारा प्रकाशित नवीनतम आंँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021 में महामारी के कारण उत्पन्न आर्थिक गिरावट के बावजूद विश्व सैन्य व्यय में बढ़ोतरी देखी गई जो 2.1 ट्रिलियन अमेरिकी डाॅलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंँच गया।
- वर्ष 2021 में तीव्र आर्थिक सुधार के परिणामस्वरूप वैश्विक सैन्य बोझ कुल वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के हिस्से के रूप में 0.1 प्रतिशत अंक से बढ़कर वर्ष 2020 में 2.2% हो गया जो वर्ष 2021 में 2.3% रहा।
SIPRI:
- SIPRI एक स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय संस्थान है जो संघर्ष, आयुध, हथियार नियंत्रण और निरस्त्रीकरण में अनुसंधान के लिये समर्पित है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1966 में स्टॉकहोम (स्वीडन) में हुई थी।
वैश्विक परिदृश्य:
- सर्वाधिक सैन्य व्यय करने वाले शीर्ष देश:
- वर्ष 2021 में पांँच सबसे बड़े सैन्य व्ययकर्त्ता देशों में अमेरिका, चीन, भारत, ब्रिटेन और रूस शामिल थे।
- इन्होने कुल वैश्विक सैन्य व्यय का 62% अपने सैन्य क्षेत्र में व्यय किया जिसमें अकेले अमेरिका और चीन ने 52% का व्यय किया।
- एशिया और ओशिनिया:
- वर्ष 2021 में एशिया और ओशिनिया का सैन्य व्यय कुल 586 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
- इस क्षेत्र में किया गया व्यय वर्ष 2020 की तुलना में 3.5% अधिक था, जिसकी वर्ष 1989 से लगातार बढ़ने की प्रवृत्ति को जारी है।
- वर्ष 2021 में हुई वृद्धि का मुख्य कारण चीनी और भारतीय सैन्य व्यय में वृद्धि थी।
- वर्ष 2021 के दौरान कुल सैन्य खर्च में दोनों देशों का हिस्सा 63% है।
- वर्ष 2021 में एशिया और ओशिनिया का सैन्य व्यय कुल 586 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
- रूस के सैन्य खर्च में वृद्धि:
- ऐसे समय में जब रूस, यूक्रेन सीमा पर अपनी सेना बढ़ा रहा था, उसने वर्ष 2021 में अपने सैन्य खर्च को 2.9% बढ़ाकर 65.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर कर दिया।
- नाटो सदस्यों का व्यय:
- यूरोपीय उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के आठ सदस्य वर्ष 2021 में अपने सशस्त्र बलों पर सकल घरेलू उत्पाद का 2% या अधिक खर्च करने के लक्ष्य तक पहुँच गए।
भारत के संबंध में मुख्य तथ्य:
- भारत का सैन्य खर्च 76.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर है जो दुनिया में तीसरे स्थान पर है।
- यह वर्ष 2020 से 0.9% और वर्ष 2012 से 33% अधिक था।
- चीन और पाकिस्तान के साथ चल रहे तनाव तथा सीमा विवादों के बीच जो कभी-कभी सशस्त्र संघर्षों में बदल जाते हैं, को ध्यान में रखते हुए भारत ने अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण व हथियारों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता दी है।
- स्वदेशी हथियार उद्योग को मज़बूत करने के संदर्भ में वर्ष 2021 के भारतीय सैन्य बजट में पूंजी परिव्यय का 64% घरेलू रूप से उत्पादित हथियारों के अधिग्रहण के लिये निर्धारित किया गया है।