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वैश्विक शस्त्र व्यापार रिपोर्ट: SIPRI

  • 08 Dec 2021
  • 4 min read

वैश्विक हथियारों के व्यापार पर नज़र रखने वाले ‘स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट’ (SIPRI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, तीन भारतीय कंपनियाँ वर्ष 2020 में संयुक्त हथियारों की बिक्री के मामले में दुनिया की शीर्ष 100 कंपनियों में शामिल हैं।

  • ये तीन भारतीय कंपनियाँ- ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड’ (HAL), ‘इंडियन ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज़’ और ‘भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड’ (BEL) हैं।
    • वर्ष 2019 में भी हथियारों की बिक्री के मामले में इन तीनों को शीर्ष 100 में स्थान दिया गया था।

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट

  • यह एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय संस्थान है जो संघर्ष, आयुध, हथियार नियंत्रण एवं निरस्त्रीकरण में अनुसंधान हेतु समर्पित है।
  • वर्ष 1966 में स्टॉकहोम में स्थापित ‘स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट’ नीति निर्माताओं, शोधकर्त्ताओं, मीडिया और इच्छुक जनता को खुले स्रोतों के आधार पर डेटा, विश्लेषण तथा सिफारिशें प्रदान करता है।

प्रमुख बिंदु

  • शीर्ष देश
    • दुनिया भर में शीर्ष 100 कंपनियों में संयुक्त राज्य अमेरिका की कंपनियों की संख्या सबसे अधिक है। इस अवधि के दौरान अमेरिका के हथियारों की बिक्री 285 बिलियन अमरीकी डॉलर थी, जो कि वर्ष 2019 की तुलना में 1.9% की वृद्धि दर्शाता है।
    • वहीं चीन 13% के साथ दूसरे स्थान पर था, जिसके बाद यूनाइटेड किंगडम (7.1%) का स्थान है।
    • शीर्ष 100 कंपनियों में संयुक्त हथियारों की बिक्री के मामले में रूस और फ्राँस क्रमशः 5% और 4.7% के साथ चौथे और पाँचवें स्थान पर थे।
  • भारतीय कंपनियाँ:
    • इंडियन ऑर्डनेंस फैक्ट्री 1.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की बिक्री के साथ 60वें स्थान पर हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 0.2% अधिक है। 
    • HAL 2.97 बिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ 42वें स्थान पर है, जो वर्ष 2019 की बिक्री से 1.5% अधिक है।
    • वर्ष 2019 की तुलना में हथियारों की बिक्री में 1.63 बिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ BEL 66वें स्थान पर है, जो 4% अधिक है।
      • वर्ष 2020 में वैश्विक स्तर पर हथियारों की बिक्री में भारत की हिस्सेदारी 1.2% थी। 6.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की उनकी कुल हथियारों की बिक्री वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में 1.7% अधिक थी जो दुनिया की कुल शीर्ष 100 कंपनियों का 1.2% हिस्सा था।
  • हथियारों की बिक्री में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने के कारक:
    • घरेलू खरीद ने भारतीय कंपनियों को महामारी के नकारात्मक आर्थिक परिणामों से बचाने में मदद की है।
    • वर्ष 2020 में भारत सरकार ने घरेलू कंपनियों की सहायता करने और हथियारों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ाने हेतु 100 से अधिक विभिन्न प्रकार के सैन्य उपकरणों के आयात पर चरणबद्ध प्रतिबंध लगाने की घोषणा की।
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