मीथेन उत्सर्जन | 16 Dec 2022
प्रिलिम्स के लिये:मीथेन गैस, संबंधित पहलें मेन्स के लिये:आर्द्रभूमि उत्सर्जन और वायुमंडलीय सिंक परिवर्तन 2020 में मीथेन वृद्धि की व्याख्या करते हैं। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में एक अध्ययन प्रकाशित किया गया है जिसका शीर्षक है "वेटलैंड एमिशन एंड एटमॉस्फेरिक सिंक चेंजेस एक्सप्लेन मीथेन ग्रोथ इन 2020', जिसमें कहा गया है कि कम नाइट्रोजन ऑक्साइड प्रदूषण और वार्मिंग वेटलैंड्स ने वैश्विक मीथेन उत्सर्जन को 2020 में उच्च स्तर पर वृद्धि हेतु प्रेरित किया है।
प्रमुख बिंदु
- अवलोकन:
- वैश्विक मीथेन उत्सर्जन वर्ष 2019 के 9.9 ppb से वर्ष 2020 में मुख्यतः 15 पार्ट पर बिलियन (ppb) तक पहुँच गया।
- वर्ष 2020 में मानवीय गतिविधियों से होने वाले मीथेन उत्सर्जन में प्रतिवर्ष 1.2 टेराग्राम (Tg) की कमी आई है।
- योगदानकर्त्ता:
- वर्ष 2019 की तुलना में तेल और प्राकृतिक गैस से मीथेन उत्सर्जन में 3.1 Tg प्रतिवर्ष की कमी आई है। कोयला खनन से योगदान में 1.3 Tg प्रतिवर्ष की कमी आई है। अग्नि द्वारा उत्सर्जन में भी प्रतिवर्ष 6.5 Tg की कमी आई है।
- शोध योगदानकर्त्ताओं ने अध्ययन में लिखा है कि वैश्विक स्तर पर वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में अग्नि द्वारा उत्सर्जन में कमी आई है।
- कृषि क्षेत्र से योगदान प्रतिवर्ष 1.6 Tg तक बढ़ गया।
- आर्द्रभूमि से उत्सर्जन में प्रतिवर्ष 6.0 Tg की वृद्धि हुई।
- वर्ष 2019 की तुलना में तेल और प्राकृतिक गैस से मीथेन उत्सर्जन में 3.1 Tg प्रतिवर्ष की कमी आई है। कोयला खनन से योगदान में 1.3 Tg प्रतिवर्ष की कमी आई है। अग्नि द्वारा उत्सर्जन में भी प्रतिवर्ष 6.5 Tg की कमी आई है।
- कारण:
- जल-जमाव वाली मृदा सूक्ष्मजीवों के लिये अनुकूल स्थिति उपलब्ध करती है, जिससे वे अधिक मीथेन का उत्पादन कर सकते हैं।
- वर्ष 2019 की तुलना में 2020 में नाइट्रोजन ऑक्साइड के स्तर में 6% कमी आई है। कम नाइट्रोजन ऑक्साइड प्रदूषण का मतलब है कम हाइड्रॉक्सिल और अधिक मीथेन।
- नाइट्रोजन ऑक्साइड, कारों और ट्रकों के साथ-साथ विद्युत ऊर्जा उत्पादन संयंत्रों द्वारा निष्काषित होकर वायुमंडल में प्रवेश करती है।
- नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOX) मीथेन के स्तर को प्रभावित कर सकता है। यह क्षोभमंडल में (वायुमंडल का ऊपरी भाग) NOx ओज़ोन के साथ मिलकर हाइड्रॉक्सिल रेडिकल बनाता है।
- बदले में ये रेडिकल वायुमंडल से वार्षिक 85% मीथेन को हटा देते हैं।
- मीथेन को हटाने में हाइड्रॉक्सिल रेडिकल्स का योगदान लगभग 7.5 Tg प्रतिवर्ष कम हो गया।
- मोटे तौर हाइड्रॉक्सिल का 53% और शेष 47% प्राकृतिक स्रोतों में मुख्य रूप से आर्द्रभूमि में कम सिंक होना भी मीथेन वृद्धि की मुख्य वजह हो सकती है।
अध्ययन का महत्त्व:
- यह अध्ययन इस रहस्य को सुलझाने में मदद कर सकता है कि वर्ष 2020 के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड जैसी कई अन्य ग्रीनहाउस गैसों में कमी होने पर भी विश्व स्तर पर मीथेन में वृद्धि क्यों हुई।
- हम भविष्य में नाइट्रोजन ऑक्साइड और मीथेन जैसे प्रदूषकों के मानवजनित उत्सर्जन को कम करके मीथेन संबंधी परिवर्तनों के माध्यम से हमारे आर्द्र विश्व को सुरक्षित रखने का अनुमान लगा सकते हैं।
मीथेन:
- परिचय:
- मीथेन सबसे सरल हाइड्रोकार्बन है, जिसमें एक कार्बन परमाणु और चार हाइड्रोजन परमाणु (CH4) होते हैं।
- यह ज्वलनशील है और इसका उपयोग दुनिया भर में ईंधन के रूप में किया जाता है।
- मीथेन एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है।
- वैश्विक तापमान की वृद्धि में पिछले 20 साल के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में 80 गुना अधिक शक्तिशाली रही है।
- मीथेन के सामान्य स्रोत तेल और प्राकृतिक गैस प्रणालियाँ, कृषि गतिविधियाँ, कोयला खनन और अपशिष्ट हैं।
- मीथेन सबसे सरल हाइड्रोकार्बन है, जिसमें एक कार्बन परमाणु और चार हाइड्रोजन परमाणु (CH4) होते हैं।
- प्रभाव:
- अधिक ग्लोबल वार्मिंग क्षमता: यह अपनी ग्लोबल वार्मिंग क्षमता के मामले में कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में लगभग 80-85 गुना अधिक शक्तिशाली है।
- यह अन्य ग्रीनहाउस गैसों को कम करने के साथ-साथ ग्लोबल वार्मिंग में और अधिक तेज़ी से कमी लाने के लिये एक महत्त्वपूर्ण लक्ष्य स्थापित करता है।
- ट्रोपोस्फेरिक ओज़ोन के उत्पादन को बढ़ावा देता है: बढ़ते उत्सर्जन से क्षोभमंडलीय ओज़ोन वायु प्रदूषण में वृद्धि हो रही है, जिससे वार्षिक रूप से दस लाख से अधिक मौतें समय से पहले होती हैं।
- अधिक ग्लोबल वार्मिंग क्षमता: यह अपनी ग्लोबल वार्मिंग क्षमता के मामले में कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में लगभग 80-85 गुना अधिक शक्तिशाली है।
मीथेन उत्सर्जन में कटौती के लिये पहल:
- भारतीय:
- ‘'हरित धारा': भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने एंटी-मिथेनोजज़ेनिक फीड सप्लीमेंट 'हरित धारा' विकसित की है, जो मवेशी मीथेन उत्सर्जन को 17-20% तक कम कर सकता है और इसके परिणामस्वरूप उच्च दूध उत्पादन भी हो सकता है।
- भारत ग्रीनहाउस गैस कार्यक्रम: विश्व संसाधन संस्थान (WRI) भारत (गैर-लाभकारी संगठन), भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) तथा ऊर्जा और संसाधन संस्थान (TERI) के नेतृत्व में भारत GHG कार्यक्रम ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को मापने व प्रबंधित करने के लिये उद्योग के नेतृत्व वाला स्वैच्छिक ढाँचा है।
- यह कार्यक्रम उत्सर्जन को कम करने और भारत में अधिक लाभदायक, प्रतिस्पर्द्धी व टिकाऊ व्यवसायों एवं संगठनों को चलाने के लिये व्यापक माप तथा प्रबंधन रणनीतियों का निर्माण करता है।
- जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्ययोजना (NAPCC): NAPCC को वर्ष 2008 में लॉन्च किया गया था जिसका उद्देश्य जनता के प्रतिनिधियों, सरकार की विभिन्न एजेंसियों, वैज्ञानिकों, उद्योग और समुदायों के बीच जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न खतरे एवं इसका मुकाबला करने के लिये जागरूकता पैदा करना है।
- भारत स्टेज-VI मानदंड: भारत स्टेज-IV (BS-IV) के बाद भारत स्टेज-VI (BS-VI) नवीनतम उत्सर्जन संबंधी मानदंड है।
- वैश्विक:
- मीथेन अलर्ट एंड रिस्पांस सिस्टम (MARS):
- MARS बड़ी मात्रा में मौजूदा और भविष्य के उपग्रहों से डेटा को एकीकृत करेगा, जो दुनिया में कहीं भी मीथेन उत्सर्जन की घटनाओं का पता लगाने की क्षमता रखता है तथा संबंधित हितधारकों को इस पर कार्रवाई करने के लिये सूचनाएँ भेजता है।
- वैश्विक मीथेन प्रतिज्ञा:
- वर्ष 2021 में ग्लासगो जलवायु सम्मेलन, CoP26 में लगभग 100 देश स्वैच्छिक प्रतिज्ञा में एक साथ आए थे, जिसे वैश्विक मीथेन प्रतिज्ञा के रूप में संदर्भित किया गया था, इसका उद्देश्य वर्ष 2020 के स्तर से वर्ष 2030 तक मीथेन उत्सर्जन को कम-से-कम 30% कम करना है।
- ग्लोबल मीथेन इनिशिएटिव:
- GMI एक अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक-निजी भागीदारी है जो स्वच्छ ऊर्जा स्रोत के रूप में मीथेन के उपयोग के समक्ष उत्पन्न बाधाओं को कम करने पर बल देता है।
- मीथेन अलर्ट एंड रिस्पांस सिस्टम (MARS):
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. ‘मीथेन हाइड्रेट’ के निक्षेपों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन से सही हैं?
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) व्याख्या:
अतः विकल्प (D) सही उत्तर है। Q. निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2019)
उपर्युक्त में से कौन-से फसल/बायोमास अवशेषों को जलाने के कारण वातावरण में छोड़े जाते हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) |