शासन व्यवस्था
गर्भ के चिकित्सकीय समापन संबंधी नियम
- 16 Oct 2021
- 5 min read
प्रिलिम्स के लिये:गर्भ के चिकित्सकीय समापन संबंधी नए नियम मेन्स के लिये:महिलाओं से संबंधित मुद्दे |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सरकार ने गर्भ का चिकित्सकीय समापन (Medical Termination of Pregnancy) (संशोधन) अधिनियम, 2021 के तहत नए नियमों को अधिसूचित किया है।
- गर्भ का चिकित्सकीय समापन (MPT) अधिनियम, 1971 में संशोधन करने के लिये 2021 अधिनियम पारित किया गया था।
प्रमुख बिंदु
- नियमों के बारे में:
- बढ़ी हुई गर्भावधि सीमा: कुछ श्रेणियों की महिलाओं के लिये गर्भावस्था को समाप्त करने की गर्भकालीन सीमा को 20 से बढ़ाकर 24 सप्ताह कर दिया गया है। इसमें सात विशिष्ट श्रेणियाँ हैं:
- यौन हमले या बलात्कार की स्थिति में;
- अवयस्क;
- विधवा और तलाक होने जैसी परिस्थितियों अर्थात् वैवाहिक स्थिति में बदलाव के समय की गर्भावस्था ;
- शारीरिक रूप से अक्षम महिलाएँ;
- मानसिक रूप से बीमार महिलाएँ;
- भ्रूण की विकृति जिसमें बच्चे के असामान्य होने का पर्याप्त जोखिम होता है या बच्चा पैदा होने के बाद गंभीर शारीरिक या मानसिक असामान्यताओं से पीड़ित हो सकता है;
- जटिल मानवीय परिस्थितियों,आपदा या आपातकाल के दौरान गर्भावस्था वाली महिलाएँ।
- राज्य-स्तरीय मेडिकल बोर्ड: भ्रूण की विकृति के मामलों में 24 सप्ताह के बाद गर्भावस्था को समाप्त किया जा सकता है या नहीं, यह तय करने के लिये एक राज्य-स्तरीय मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाएगा।
- मेडिकल बोर्ड को अनुरोध प्राप्त होने के तीन दिनों के भीतर गर्भावस्था के मेडिकल टर्मिनेशन के प्रस्ताव को स्वीकार या अस्वीकार करना होता है।
- गर्भपात प्रक्रिया बोर्ड को अनुरोध प्राप्त होने के पाँच दिनों के भीतर की जानी चाहिये।
- बढ़ी हुई गर्भावधि सीमा: कुछ श्रेणियों की महिलाओं के लिये गर्भावस्था को समाप्त करने की गर्भकालीन सीमा को 20 से बढ़ाकर 24 सप्ताह कर दिया गया है। इसमें सात विशिष्ट श्रेणियाँ हैं:
- महत्त्व:
- नए नियम सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) 3.1, 3.7 और 5.6 को पूरा करने में मदद के लिये ये नए नियम मातृ मृत्यु दर को प्रबंधित करने में योगदान देंगे।
- SDG 3.1 मातृ मृत्यु अनुपात को कम करने से संबंधित है, जबकि SDG 3.7 और 5.6 यौन और प्रजनन स्वास्थ्य एवं अधिकारों तक सार्वभौमिक पहुँच से संबंधित है।
- नए नियम सुरक्षित गर्भपात सेवाओं तक महिलाओं के दायरे और पहुँच को बढ़ाएंगे तथा उन महिलाओं के लिये गरिमा, स्वायत्तता, गोपनीयता और न्याय सुनिश्चित करेंगे जिन्हें गर्भावस्था को समाप्त करने की आवश्यकता है।
- संबंधित मुद्दे:
- हालाँकि नए नियमों ने कुछ हद तक गर्भपात तक पहुँच बढ़ा दी है, लेकिन वे MPT अधिनियम में एक मौलिक दोष को ठीक करने में विफल रहे हैं कि एक महिला को गर्भावस्था को समाप्त करने का निर्णय मूल अधिकार है या नहीं।
- राज्य मेडिकल बोर्ड का गठन उनकी पहुँच खासकर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिये अतिरिक्त चिंताएँ पैदा करता है।
- अधिनियम में केवल स्त्री रोग या प्रसूति में विशेषज्ञता वाले डॉक्टरों द्वारा गर्भपात करने की आवश्यकता है।
- चूँकि ग्रामीण क्षेत्रों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ऐसे डॉक्टरों की 75% कमी है, इसलिये गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात के लिये सुविधाओं तक पहुँचने में मुश्किल हो सकती है।
- समाज अभी भी महिलाओं को प्रजनन स्वायत्तता सुनिश्चित करने में असमर्थ है, जिनमें से कई को न केवल गर्भधारण की योजना बनाने की स्वतंत्रता की कमी है, बल्कि गर्भपात के लिये कई बाधाओं का भी सामना करना पड़ता है।