मालाबार अभ्यास 2021 | 27 Aug 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में ‘क्वाड’ समूह में शामिल देशों (भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया) की नौसेनाओं ने ‘मालाबार अभ्यास’ के 25वें संस्करण में हिस्सा लिया, जो प्रशांत महासागर में ‘गुआम तट’ पर शुरू किया गया।
- ‘गुआम’ उत्तरी प्रशांत महासागर में एक अमेरिकी द्वीप क्षेत्र है, जो पश्चिम में मैनलैंड अमेरिका की तुलना में पूर्व में चीन के काफी करीब है, जो इसे भारत-प्रशांत अभियानों के लिये एक आदर्श अमेरिकी सैन्य रणनीतिक पोस्ट बनाता है।
प्रमुख बिंदु
- मालाबार अभ्यास:
- यह एक बहुपक्षीय वॉर-गेम नौसैनिक अभ्यास है, जिसे वर्ष 1992 में शुरू किया गया था। यह भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेनाओं के बीच एक द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू हुआ था।
- इस अभ्यास के दो और संस्करण वर्ष 1995 और वर्ष 1996 में आयोजित किये गए, जिसके बाद भारत के परमाणु परीक्षणों की पृष्ठभूमि में वर्ष 2002 तक इसे रोक दिया गया।
- वर्ष 2002 के बाद से यह अभ्यास प्रतिवर्ष आयोजित किया जा रहा है।
- जापान और ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार वर्ष 2007 में भाग लिया था और वर्ष 2014 के बाद से भारत, अमेरिका और जापान प्रतिवर्ष इस अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं।
- भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभुत्व को सीमित करने हेतु भारत के अनुरोध पर वर्ष 2020 में ऑस्ट्रेलिया भी मालाबार अभ्यास में शामिल हुआ।
- बीते एक दशक में यह पहली बार था, जब ‘मालाबार 2020’ में सभी चार क्वाड सदस्यों की भागीदारी देखी गई।
- इसका उद्देश्य स्वतंत्र, मुक्त और समावेशी भारत-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करना तथा नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के लिये प्रतिबद्धता जाहिर करना है।
- यह एक बहुपक्षीय वॉर-गेम नौसैनिक अभ्यास है, जिसे वर्ष 1992 में शुरू किया गया था। यह भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेनाओं के बीच एक द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू हुआ था।
- मालाबार 2021:
- पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में क्वाड के ढाँचे के भीतर यह पहला संयुक्त समुद्री अभ्यास है और जाहिर तौर पर इसका उद्देश्य चीन को एक सख्त संदेश देना है। इसकी मेज़बानी अमेरिका कर रहा है।
- महत्त्व
- रणनीतिक साझेदारी में बढ़ोतरी:
- इस तरह के जटिल अभ्यासों ने संयुक्त समुद्री सुरक्षा अभियानों को शुरू करने में चार नौसेनाओं के बीच तालमेल व आपसी समझ को और बढ़ाया है तथा यह उनकी रणनीतिक साझेदारी को मज़बूत करने हेतु महत्त्वपूर्ण है।
- सतत् इंडो-पैसिफिक गठबंधन:
- एक सतत् इंडो-पैसिफिक गठबंधन की दिशा में एक बड़ा कदम है ताकि आर्थिक और सैन्य रूप से शक्तिशाली चीन द्वारा उत्पन्न बड़े पैमाने पर रणनीतिक असंतुलन को संबोधित किया जा सके।
- कई प्रमुख उदार लोकतंत्रों के बीच एक आम सहमति है कि चीन अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, उदार समाज और नियम-आधारित शासन के लिये खतरा है।
- एक सतत् इंडो-पैसिफिक गठबंधन की दिशा में एक बड़ा कदम है ताकि आर्थिक और सैन्य रूप से शक्तिशाली चीन द्वारा उत्पन्न बड़े पैमाने पर रणनीतिक असंतुलन को संबोधित किया जा सके।
- समुद्र के माध्यम से शांति:
- यह कोई संयोग नहीं है कि 2000 के दशक के मध्य में जैसे-जैसे भारत-अमेरिका संबंधों में सुधार हुआ, चीन का व्यवहार बेहतर होता गया।
- भारत केवल आर्थिक मज़बूती और साझेदारी, जैसे कि मालाबार अभ्यास, से ही चीन के साथ अपने विकल्पों का विस्तार कर सकता है।
- पहाड़ों में शांति का मार्ग समुद्र के माध्यम से कोजा जा सकता है।
- रणनीतिक साझेदारी में बढ़ोतरी:
- क्वाड देशों के साथ अन्य अभ्यास:
- भारत-जापान: जिमेक्स (नौसेना अभ्यास), शिन्यू मैत्री (वायु सेना अभ्यास) और धर्म गार्जियन (सैन्य अभ्यास)।
- भारत-अमेरिका: युद्ध अभ्यास (सेना), वज्र प्रहार (सैन्य), स्पिटिंग कोबरा, संगम, लाल झंडा, कोप इंडिया।
- भारत-ऑस्ट्रेलिया: AUSINDEX (समुद्री), ऑस्ट्रेलिया हिंद (AUSTRA HIND), पिच ब्लैक।
- पैसेज सैन्य अभ्यास (PASSEX)।
क्वाड
- यह भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान चार देशों का गठबंधन है जिसे वर्ष 2007 में स्थापित किया गया था।
- क्वाड की अवधारणा औपचारिक रूप से सबसे पहले वर्ष 2007 में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे द्वारा प्रस्तुत की गई थी।
- इसे प्रायः "एशियाई" या "मिनी" उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के रूप में भी संबोधित किया जाता है, और इसे भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के सैन्य एवं आर्थिक दबदबे के प्रतिसंतुलन के रूप में देखा जाता है।
- क्वाड, जिसे पहले चतुर्भुज सुरक्षा संवाद के रूप में जाना जाता था, अब यह इंगित करने के लिये चतुर्भुज ढाँचे के रूप में जाना जाता है कि यह एक संकीर्ण सुरक्षा वार्ता से आगे निकल गया है।