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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 14 Oct, 2019
  • 10 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 14 अक्तूबर, 2019

हगीबिस चक्रवात

Typhoon Hagibis

टायफून (उष्ण कटिबंधीय चक्रवात) हगीबिस के कारण जापान में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।

हगीबिस शब्द का अर्थ:

  • फिलीपींस की भाषा में इसका अर्थ "गति" (Speed) होता है।

हगीबिस नामकरण:

  • टायफून को हगीबिस नाम फिलीपींस द्वारा दिया गया है। इसके अतिरिक्त फिलीपींस ने स्थानीय स्तर पर इसका नाम पेरला (Perla) रखा है।

tropical cyclone

टायफून क्या होते हैं?

  • उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों (लगभग 5-30 डिग्री उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्धों) में विकसित होने वाले चक्रवातों को उष्ण कटिबंधीय चक्रवात कहा जाता है।
  • उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों को अमेरिका में हरिकेन और टारनेडो, आस्ट्रेलिया में विली-विलीज़, चीन तथा जापान में टायफून एवं टायफू व भारत में चक्रवात कहा जाता है।

उष्ण कटिबंधीय चक्रवात बनने की आवश्यक दशाएँ:

  • गर्म और आर्द्र वायु का लगातार आरोहण होना चाहिये क्योंकि चक्रवात को ऊर्जा की आपूर्ति संघनन की प्रक्रिया में छिपी हुई गुप्त ऊष्मा (Latent Heat) से होती है।
  • वृहद् समुद्री सतह, जहाँ समुद्री सतह का तापमान 27 डिग्री सेल्सियस से अधिक होना चाहिये।
  • समुद्री सतह पर निम्न वायुदाब का विकास तथा वायु का अभिसरण (Convergence) एवं आरोहण (Ascent) होना चाहिये।
  • कोरिआलिस बल की उपस्थिति अनिवार्य है क्योंकि यह वायु को चक्रीय गति प्रदान करता है।
  • धरातलीय चक्रवात के ऊपरी वायुमंडल में प्रतिचक्रवातीय दशाएँ होनी चाहिये।

चक्रवातों का नामकरण कैसे किया जाता है?

  • चक्रवातों का नामकरण पहले अक्षांशीय-देशांतर के आधार पर किया जाता था परंतु वर्तमान में चक्रवातों का नामकरण उनके स्थान, विशेषता और विस्तार के आधार पर किया जाता है।
  • चक्रवातों के नामकरण में अक्षर प्रणाली का प्रयोग किया जाता है, इन अक्षरों में से Q, U, X, Z वर्णों को हटा दिया गया है।
  • विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organization- WMO) ने नामों की छह सूचियाँ तैयार की हैं, इन नामों का छह वर्ष बाद पुनः प्रयोग किया जाता है। जो चक्रवात अत्यधिक विनाशकारी होते हैं, उनका नाम सूची से हटा दिया जाता है।

राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव

Rashtriya Sanskriti Mahotsav

14 अक्तूबर, 2019 को जबलपुर (मध्य प्रदेश) में संस्कृति मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव के 10 वें संस्करण का उद्घाटन किया गया है। यह कार्यक्रम 14 से 21 अक्तूबर, 2019 तक आयोजित किया जाएगा।

Rashtriya Sanskriti Mahotsav

राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव क्या है?

  • राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का आयोजन एक भारत श्रेष्ठ भारत पहल के अंतर्गत किया जाता है।
  • इसका प्रथम आयोजन वर्ष 2015 में किया गया था। अब तक नौ राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव आयोजित किये गए हैं जिसमें से दिल्ली और कर्नाटक में 2-2 बार, उत्तर प्रदेश, पूर्वोत्तर, गुजरात, मध्यप्रदेश एवं उत्तराखंड में 1-1 बार आयोजन किया गया है।
  • पिछले राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का आयोजन उत्तराखंड (टिहरी ) में किया गया था।

कार्यक्रम:

  • इस कार्यक्रम में कुछ प्रसिद्ध कलाकार प्रतिभाग करेंगे, साथ ही माटी के लाल थीम के साथ स्थानीय कलाकार भी अपनी प्रतिभा/कला का प्रदर्शन करेंगे।
  • राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव 2019 में असम, कर्नाटक, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान, गोवा, तमिलनाडु, मणिपुर, केरल, जम्मू-कश्मीर, लेह, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और पश्चिम बंगाल आदि राज्यों/संघशासित प्रदेशों के कलाकार भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित करेंगे।
  • इसमें भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं जैसे- लोक संगीत, नृत्य, हस्तशिल्प एवं पाक-कला के जरिये भारत की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा।

उद्देश्य:

  • विभिन्न राज्यों/ संघशासित प्रदेशों के लोगों के बीच सद्भाव को बढ़ाना।
  • देश की विभिन्न संस्कृतियों के लोगों के बीच परस्पर समझ और रिश्तों को बढ़ावा देना।
  • भारत की एकता और अखंडता सुनिश्चित करना।

धर्म गार्जियन 2019

DHARMA GUARDIAN – 2019

भारत और जापान के बीच संयुक्‍त सैन्‍य अभ्‍यास धर्म गार्जियन-2019 (DHARMA GUARDIAN– 2019) का आयोजन 19 अक्तूबर से 2 नवंबर, 2019 तक काउंटर इन्‍सर्जेंसी वारफेयर स्‍कूल- वैरेंटे (Counter Insurgency Warfare School- Vairengte) मिज़ोरम में किया जाएगा।

Indo-Japan Joint Military

कार्यक्रम:

  • इस संयुक्‍त सैन्‍य अभ्‍यास में भारतीय सेना और जापान ग्राउंड सेल्‍फ डिफेंस फोर्सेज़ (Japanese Ground Self Defence Forces- JGSDF) के 25-25 सैनिक, आतंकी गतिविधियों से निपटने हेतु अभ्यास करेंगे।

क्या है धर्म गार्जियन?

  • दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग सहित सामरिक संबंधों को और सुदृढ़ करने हेतु धर्म गार्जियन का आयोजन भारत में वर्ष 2018 में शुरू किया गया था।
  • अंतिम संयुक्त सैन्य अभ्यास भी भारत के मिज़ोरम राज्य में ही आयोजित किया गया था।
  • दोनों ही देशों के विशेषज्ञ, युद्ध परिचालन से जुड़े विभिन्‍न पहलुओं पर अपनी विशेषज्ञता को साझा करते हैं।

उद्देश्य:

  • इस संयुक्त सैन्य अभ्यास के माध्यम से भारतीय सेना और जापानी ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्सेज़ के बीच रक्षा सहयोग एवं समन्वय बढ़ाना।
  • भारत एवं जापान के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूती प्रदान करना।

भारत और जापान के बीच अन्य संयुक्‍त सैन्‍य अभ्‍यास:

  1. द्विपक्षीय समुद्री संयुक्त सैन्य अभ्यास- जिमेक्स (JIMEX)
  2. द्विपक्षीय वायु सैनिक संयुक्त सैन्य अभ्यास- शिन्यु मैत्री (SHINYUU Maitri)
  3. त्रि-पक्षीय (भारत-जापान-अमेरिका) समुद्री संयुक्त सैन्य अभ्यास- मालाबार (Malabar)

प्लॉगिंग

Plogging

हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मामल्लपुरम् के समुद्र तट पर अपनी सुबह की सैर के दौरान कचरा उठाते (इस प्रकार की गतिविधि को प्लॉगिंग कहते हैं) देखा गया।

प्लॉगिंग क्या है?

  • प्लॉगिंग (Plogging) दो शब्दों, स्वीडिश वाक्यांश प्लोकाअप (Plocka Upp) और जॉगिंग (Jogging) का एक संयोजन है।
  • प्लॉगिंग एक प्रकार की अंतर्राष्ट्रीय फिटनेस प्रवृत्ति (International Fitness Trend) है, जिसमें टहलना और कचरा उठाना शामिल है।

NAMO JI

इसकी उत्पत्ति कैसे हुई?

  • इसकी शुरुआत वर्ष 2016 में स्वीडन में एरिक अह्लस्ट्रॉम (Erik Ahlström) द्वारा की गई थी।
  • अपने कार्य पर जाते समय एरिक सड़क पर फैला कचरा उठाते थे, धीरे-धीरे यह उनकी आदत बन गई।
  • बहुत सारे लोग भी इस कार्य को करने लगे और यह एक व्यायाम के रूप में स्थापित हो गया।
  • स्वीडन से प्रारंभ होकर यह आंदोलन सोशल मीडिया के माध्यम से पूरे विश्व में फ़ैल गया है।

प्रभाव:

  • फिटनेस और पर्यावरण के प्रति उत्साही लोगों द्वारा इस आंदोलन को अपनाया गया जिसमें सफाई के साथ-साथ व्यायाम भी शामिल है।
  • सामान्य व्यायाम की तुलना में प्लॉगिंग से अधिक स्वास्थ्य लाभ होता है।
  • इस प्रकार की गतिविधियों से लोगों में सफाई को लेकर एक सामाजिक भावना पैदा होगी जिससे सभी द्वारा स्वच्छ भारत अभियान में बेहतर योगदान दिया जा सकेगा।

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