लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

भूगोल

आइसलैंड : अग्नि एवं बर्फ की भूमि

  • 25 Dec 2023
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

मध्य-अटलांटिक कटक, अटलांटिक महासागर, आईजफजालजोकुल, सागर नित्तल प्रसरण, प्लेट विवर्तिनिकी, प्रशांत अग्नि वलय, पृथ्वी का क्षेपण क्षेत्र, प्रशांत महासागर, कामचटका प्रायद्वीप, दक्षिण पूर्व एशिया, हिमालय पर्वत प्रणाली, आल्प्स पर्वत, भूमध्य सागर, एजियन सागर 

मेन्स के लिये:

ज्वालामुखी और इसका विश्वव्यापी वितरण

स्रोत: डाउन टू अर्थ 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में आइसलैंड सरकार ने पुष्टि की है कि राजधानी रेक्जेन्स के पास ज्वालामुखी विस्फोट से मानव जीवन को कोई खतरा नहीं है।

  • आइसलैंड मध्य-अटलांटिक रिज़ पर स्थित है, जो दुनिया की सबसे लंबी पर्वत शृंखला है, लेकिन यह अटलांटिक महासागर के तल पर स्थित है।
  • विस्फोट सिलिंगारफेल और हागाफेल के बीच शुरू हुआ, जो ग्रिंडाविक के मत्स्य उत्पादन वाले शहर के ठीक उत्तर में है, जो रेक्जेन्स प्रायद्वीप पर स्थित है।

आइसलैंड (अग्नि और बर्फ की भूमि) के बारे में महत्त्वपूर्ण तथ्य क्या हैं?

  • आइसलैंड मध्य-अटलांटिक रिज़ पर स्थित है, जो तकनीकी रूप से दुनिया की सबसे लंबी पर्वत शृंखला है, लेकिन अटलांटिक महासागर के तल पर स्थित है।
    • यह कटक यूरेशियन और उत्तरी अमेरिकी टेक्टोनिक प्लेटों को अलग करती है, जिससे यह भूकंपीय गतिविधि का केंद्र बन जाता है। यह अधिकतर अटलांटिक की लंबाई के साथ उत्तर से दक्षिण तक विस्तृत है।
    • हालाँकि उत्तरी अटलांटिक में यह आइसलैंड द्वीप के रूप में समुद्र की सतह से ऊपर उठता है। इसके भूविज्ञान की इस विशेषता ने आइसलैंड के गीज़र (गर्म झरनों), ग्लेशियरों, पहाड़ों, ज्वालामुखियों और लावा क्षेत्रों से बने अद्वितीय परिदृश्य को जन्म दिया है।
  • आइसलैंड यूरोप में सर्वाधिक 33 सक्रिय ज्वालामुखियों का घर है। इस अद्वितीय परिदृश्य ने आइसलैंड को 'अग्नि और बर्फ की भूमि' की उपाधि दी है।
    • आइसलैंड के सबसे प्रसिद्ध ज्वालामुखियों में से एक आईजफजल्लाजोकुल (Eyjafjallajökull) में वर्ष 2010 में विस्फोट हुआ, जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर राख के बादल छा गए थे।
      • अन्य उल्लेखनीय ज्वालामुखियों में हेक्ला (Hekla), ग्रिम्सवोटन (Grímsvötn), होलुह्रौन (Hóluhraun) और लिटली-ह्रुतूर (Litli-Hrútur) शामिल हैं, जो फाग्राडल्सफजाल (Fagradalsfjall) प्रणाली का हिस्सा हैं।

विश्व में अन्य ज्वालामुखी-प्रवण क्षेत्र कौन से हैं?

  • ज्वालामुखी विश्व भर में व्याप्त हैं, जिनमें से अधिकतर विवर्तनिक प्लेटों के किनारों पर क्रियाशील होते हैं, हालाँकि कुछ इंट्राप्लेट ज्वालामुखी भी हैं जो मैंटल हॉटस्पॉट से बनते हैं।
  • परि-प्रशांत बेल्ट:
  • मध्य महाद्वीपीय बेल्ट:
    • यह ज्वालामुखी शृंखला यूरोप, उत्तरी अमेरिका की अल्पाइन पर्वत प्रणाली, एशिया माइनर, काकेशिया, ईरान, अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान से होते हुए तिब्बत, पामीर, टी.एन.-शान, अल्ताई तथा चीन, म्याँमार पूर्वी साइबेरिया के पहाड़ों सहित हिमालय पर्वतीय प्रणाली तक विस्तरित है। 
    • इस शृंखला में आल्प्स पर्वत, भूमध्य सागर (स्ट्रोम्बोली, वेसुवियस, एटना, आदि), एजियन सागर, माउंट अरारत (तुर्की), एल्बर्ज़, हिंदू-कुश और हिमालय के ज्वालामुखी शामिल हैं।
  • मध्य अटलांटिक कटक:
    • मध्य-अटलांटिक कटक (Ridge) उत्तरी और दक्षिणी अमेरिकी प्लेट को यूरेशियन एवं अफ्रीकी प्लेट से अलग करता है।
    • मैग्मा समुद्र तल की दरारों से निकलकर ऊपर की ओर उठता है तथा उपरी भागों पर बहने लगते हैं। जैसे ही मैग्मा जल में मिलता है, यह ठंडा होकर जम जाता है तथा जिन प्लेटों से होकर गुजरता है वे प्लेट कड़े होते जाते हैं और आपस में जुड़ते जाते हैं।
    • अपसारी सीमा के साथ इस प्रक्रिया ने विश्व के महासागरों के नीचे मध्य महासागरीय कटकों के रूप में सबसे लंबी स्थलाकृतिक संरचनाएँ निर्मित की हैं।
  •  इंट्राप्लेट ज्वालामुखी:
    • विश्व में 5% ज्ञात ज्वालामुखी जो प्लेट सीमाओं से जुड़े नहीं हैं, उन्हें आम तौर पर इंट्राप्लेट या "हॉट-स्पॉटज्वालामुखी माना जाता है।
      • ऐसा माना जाता है कि हॉट स्पॉट गहन-मेंटल प्लम के बढ़ने से संबंधित है, जो पृथ्वी के मेंटल में श्यान द्रव (अत्यधिक चिपचिपे पदार्थ) के बहुत धीमी गति से संवहन के कारण होता है।
    • इसे एकल समुद्री ज्वालामुखी या हवाईयन-एम्परर सी-माउंट शृंखला जैसे ज्वालामुखीय रेखाओं द्वारा दर्शाया जा सकता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स: 

Q. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. बैरेन द्वीप ज्वालामुखी एक सक्रिय ज्वालामुखी है जो भारतीय राज्य-क्षेत्र में स्थित है।
  2. बैरेन द्वीप ग्रेट निकोबार के लगभग 140 किमी. पूर्व में स्थित है।
  3. पिछली बार बैरेन द्वीप ज्वालामुखी में वर्ष 1991 में उद्गार हुआ था और तब से यह निष्क्रिय बना हुआ है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1 और 3

उत्तर: (a)

  • बैरेन द्वीप भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है जो अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थित है। अतः कथन 1 सही है।
  • यह अंडमान सागर में अंडमान द्वीप के दक्षिणी भाग, पोर्ट ब्लेयर से लगभग 140 किमी. दूर स्थित है। बैरेन द्वीप से ग्रेट निकोबार के बीच की दूरी 140 किमी. से अधिक है। अतः कथन 2 सही नहीं है।
  • इस ज्वालामुखी का पहला उद्गार वर्ष 1787 में दर्ज किया गया था। पिछले 100 वर्षों में कम से कम पाँच बार इसका उद्गार हो चुका है। फिर अगले 100 वर्षों तक यह निष्क्रिय रहा। वर्ष 1991 में पुनः बड़े पैमाने पर इसका उद्गार हुआ।
  • तब से विस्फोट हर दो-तीन वर्ष में दर्ज किया गया है; इस शृंखला में नवीनतम उद्गार फरवरी 2016 में हुआ था। अतः कथन 3 सही नहीं है। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।

मेन्स:

Q. परि-प्रशांत क्षेत्र के भू-भौतिकीय अभिलक्षणों का विवेचन कीजिये। (2020)

Q. वर्ष 2021 में घटित ज्वालामुखी विस्फोटों की वैश्विक घटनाओं का उल्लेख करते हुए क्षेत्रीय पर्यावरण पर उनके द्वारा पड़े प्रभाव को बताइये। (2021)

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2