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पृथ्वी का आंतरिक क्रोड

  • 27 Jan 2023
  • 5 min read

हाल ही में नए शोध के अनुसार, पृथ्वी के आंतरिक क्रोड ने अपनी सतह की तुलना में तेज़ी से घूमना बंद कर दिया है, अर्थात् यह अब धीमी गति से घूम रहा है। 

निष्कर्ष के प्रमुख बिंदु

  • क्रियाविधि: 
    • इस अध्ययन में पिछले छह दशकों में आए भूकंपों से भूकंपीय तरंगों की जाँच की गई है।
    • इन संकेतों के समय और प्रसार में परिवर्तन का विश्लेषण करके वे आंतरिक क्रोड के घूर्णन का अनुमान लगा सकते हैं, जिसके बारे में माना जाता है कि यह मैंटल तथा शेष ग्रहों की तुलना में स्वतंत्र रूप से घूमता है।
  • निष्कर्ष: 
    • 1970 के दशक की शुरुआत में आंतरिक क्रोड बाकी ग्रहों की तुलना में थोड़ी तेज़ी से घूमने लगा लेकिन वर्ष 2009 के आसपास पृथ्वी के घूमने के साथ सामंजस्य बिठाने से पहले यह धीमा हो गया था।
    • आंतरिक क्रोड अब सतह की तुलना में धीमी गति से घूम रहा है। अगला परिवर्तन वर्ष 2040 के दशक के मध्य में हो सकता है।
    • परिणामों से प्रतीत होता है कि पृथ्वी का आंतरिक क्रोड औसतन प्रत्येक 60-70 वर्षों में अपनी घूर्णन गति को बदलता है।
  • महत्त्व: 
    • यह अध्ययन कुछ शोधकर्त्ताओं को ऐसे मॉडल बनाने और परीक्षण करने के लिये प्रेरित कर सकता है जो संपूर्ण पृथ्वी को एक एकीकृत गतिशील प्रणाली के रूप में प्रदर्शित कर सकते हैं।
    • आंतरिक क्रोड की धीमी गति, ग्रहों की घूर्णन गति साथ ही कोर कैसे विकसित होता है, को प्रभावित कर सकती है। 

पृथ्वी का आंतरिक क्रोड:

  • परिचय: 
    • यह पृथ्वी की सबसे आतंरिक परत है। यह प्लूटो के आकार का गर्म लोहे का गोला है।
    • पृथ्वी की अन्य शीर्ष परतों द्वारा उस पर आरोपित भार के दबाव के कारण आंतरिक क्रोड ठोस है।
    • यह बाहरी कोर से अलग है, जो कि तरल है। 
    • हम जिस सतह पर रहते हैं, उससे लगभग 5,000 किलोमीटर (3,100 मील) नीचे, आंतरिक क्रोड स्वतंत्र रूप से घूम सकता है क्योंकि यहाँ तरल धातु बाहरी क्रोड में तैरती रहती है। 
  • रेडियस (दायरा): 
    • आंतरिक क्रोड की औसत त्रिज्या 1220 किमी. है।
    • भीतरी और बाहरी क्रोड के बीच की सीमा पृथ्वी की सतह से लगभग 5150 किमी. नीचे स्थित है।
    • इस सीमा को लेहमन भूकंपीय विच्छिन्नता (Lehman Seismic Discontinuity) कहा जाता है।
  • तापमान:  
    • 7,200–8,500ºF (4,000–4,700ºC) के मध्य। 
  • विशेषता: 
    • यहाँ बहुत उच्च ताप और विद्युत चालकता होने की संभावना व्यक्त की जाती है।

 पृथ्वी की तीन परतें: 

  • क्रस्ट: यह पृथ्वी की बाहरी परत है और ठोस चट्टान ज़्यादातर बेसाल्ट और ग्रेनाइट से बनी है।
  • मेंटल: यह क्रस्ट के नीचे स्थित है और 2900 किमी. तक मोटा है। इसमें गर्म, घने, लौह एवं मैग्नीशियम युक्त ठोस चट्टान शामिल हैं।
  • क्रोड: यह पृथ्वी का केंद्र है और दो भागों तरल बाहरी क्रोड और ठोस आंतरिक क्रोड से बना है। बाहरी क्रोड निकल, लोहा और पिघली हुई चट्टान से बना है।

Lithosphere

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  0

प्रिलिम्स:

प्रश्न. पृथ्वी ग्रह की संरचना में मैंटल के नीचे कोर मुख्य रूप से निम्नलिखित में से किससे बना है? (2009)

(a) अल्युमीनियम
(b) क्रोमियम
(c) लोहा
(d) सिलिकॉन

उत्तर: (c) 


मेन्स:

प्रश्न. मेंटल प्लूम को परिभाषित कीजिये तथा प्लेट विवर्तनिकी में इसकी भूमिका की व्याख्या कीजिये। (2018)

स्रोत: द हिंदू  

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