प्रयोगशाला में विकसित मानव भ्रूण मॉडल | 13 Sep 2023
प्रिलिम्स के लिये:मानव भ्रूण, इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन, स्टेम सेल मेन्स के लिये:भ्रूण अनुसंधान से संबंधित नैतिक विचार, अनुसंधान का महत्त्व और भ्रूण मॉडल का अध्ययन |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
हाल ही में वैज्ञानिकों ने स्टेम सेल और रसायनों का उपयोग करके प्रयोगशाला में "मानव भ्रूण" मॉडल विकसित कर एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है, जो प्रारंभिक भ्रूण विकास पर प्रकाश डालती है।
भ्रूण मॉडल निर्माण:
- इज़रायल के शोधकर्ताओं ने 14 दिन के मानव भ्रूण का एक मॉडल बनाने हेतु स्टेम सेल और रसायनों के संयोजन का उपयोग किया।
- स्टेम सेल और रसायनों का यह मिश्रण भ्रूण जैसी संरचना निर्माण का एक महत्त्वपूर्ण आरंभिक बिंदु था।
- इज़रायली शोधकर्ताओं का यह मॉडल सहज रूप से विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं को एकत्रित करने में सक्षम था, जो कि भ्रूण का निर्माण करती हैं, भ्रूण को पोषक तत्त्व प्रदान करती हैं, शरीर का विकास सुनिश्चित करती हैं और भ्रूण को सहारा देने के लिये प्लेसेंटा एवं गर्भनाल जैसी संरचनाएँ बनाती हैं।
- यह विधि विशेष रूप से प्रभावी नहीं रही क्योंकि स्टेम कोशिकाओं के संयोजन का केवल 1% ही सहज रूप से एकत्रित हो पाया जो कि बेहतर दक्षता की आवश्यकता को दर्शाती है।
मॉडल से प्रारंभिक विकास के बारे में जानकारी:
- मॉडल डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA) दोहराव और गुणसूत्र वितरण में त्रुटियों को उजागर करने में मदद करते हैं।
- शोधकर्ताओं ने पाया कि DNA दोहराव की असामान्यताएँ प्रक्रिया के आरंभ में होती हैं, जो कोशिका विभाजन को प्रभावित करती हैं।
- ये मॉडल भ्रूण के विकास में जीन के कार्यों और उनकी भूमिकाओं का अध्ययन करने में सक्षम बनाते हैं।
भ्रूण मॉडल और अनुसंधान का महत्त्व:
- गर्भाशय में प्रत्यारोपित होने के बाद प्रारंभिक भ्रूण विकास का अध्ययन करना नैतिक रूप से चुनौतीपूर्ण होता है।
- इन प्रारंभिक चरणों के दौरान अनुसंधान महत्त्वपूर्ण होता है क्योंकि अधिकांश गर्भपात और जन्म दोष इसी अवधि में होते हैं।
- सामान्य भ्रूण विकास और आनुवंशिक कारकों को समझने से इनविट्रो निषेचन परिणामों में सुधार हो सकता है।
- यह शोधकर्ताओं को भ्रूण के विकास पर आनुवंशिक, पश्चजात (Epigenetic) और पर्यावरणीय प्रभावों को समझने में सहायता करता है।
क्या लैब-विकसित भ्रूण का उपयोग गर्भावस्था के लिये किया जा सकता है?
- नहीं, ये मॉडल केवल प्रारंभिक भ्रूण विकास का अध्ययन करने के लिये हैं।
- ये सामान्यतः 14 दिनों के बाद नष्ट हो जाते हैं और प्रत्यारोपण की अनुमति नहीं होती है।
- वर्ष 1979 में यूके में 14 दिन की सीमा प्रस्तावित की गई थी, जो प्राकृतिक भ्रूण प्रत्यारोपण के समाप्त होने की अवधि के बराबर थी।
- यह उस बिंदु को चिह्नित करता है जब कोशिकाएँ एक "एकल भ्रूण" का निर्माण शुरू कर देती हैं और युग्म में इनका विखंडन संभव नहीं हो पाता है।
- भ्रूण के कोशिकाओं के समूहों के विकास के साथ ही इसके संबंध में नैतिक चिंताओं (Ethical Considerations) में परिवर्तन शुरू हो जाता है।
- वर्ष 1979 में यूके में 14 दिन की सीमा प्रस्तावित की गई थी, जो प्राकृतिक भ्रूण प्रत्यारोपण के समाप्त होने की अवधि के बराबर थी।
- नैतिक चिंताएँ तब होती हैं जब यह कोशिकाओं का एक समूह होता है और जब यह भ्रूण बन जाता है तो प्रायः प्रिमिटिव स्ट्रीक के रूप में संदर्भित किया जाता है।
- प्रिमिटिव स्ट्रीक एक रेखीय संरचना है जो भ्रूण में दिखाई देती है, यह रेडियल समरूपता (डिंब की तरह) से हमारे शरीर की द्विपक्षीय समरूपता (बाएँ एवं दाएँ हाथ और पैरों द्वारा चिह्नित) में परिवर्तन को चिह्नित करती है।
मानव भ्रूण:
- मानव भ्रूण निषेचन से लेकर गर्भधारण के आठवें सप्ताह के अंत तक एक विकासशील मानव होता है।
- मानव भ्रूण के विकास के तीन मुख्य चरण होते हैं: पूर्व-प्रत्यारोपण चरण, आरोपण चरण और ऑर्गोजेनेसिस चरण।
- मानव भ्रूण विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं से बना होता है जो विभिन्न ऊतकों और अंगों में विभेदित होते हैं।
- मानव भ्रूण सामान्यतः महिला प्रजनन पथ या प्रयोगशाला में मानव शुक्राणु द्वारा मानव अंडे (Oocyte) के निषेचन द्वारा बनाया जाता है।
स्टेम सेल:
- स्टेम सेल एक ऐसी कोशिका है जिसमें शरीर में विशेष प्रकार की कोशिकाओं में विकसित होने की अद्वितीय क्षमता होती है।
- भविष्य में इनका उपयोग उन कोशिकाओं और ऊतकों को बदलने के लिये किया जा सकता है जो बीमारी के कारण क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गए हैं।
- उनके दो अद्वितीय गुण हैं जो उन्हें ऐसा करने में सक्षम बनाते हैं:
- वे नई कोशिकाओं का निर्माण करने के लिये बार-बार विभाजित हो सकते हैं।
- जैसे-जैसे वे विभाजित होते हैं, वे शरीर का निर्माण करने वाली अन्य प्रकार की कोशिकाओं में बदल सकते हैं।
स्टेम सेल का प्रकार |
स्रोत |
स्टेम सेल की क्षमताl |
भ्रूणीय टोटिपोटेंट स्टेम कोशिकाएँ |
ये स्टेम कोशिकाएँ निषेचित भ्रूण के शुरुआती चरणों में पाई जाती हैं, आमतौर पर निषेचन के बाद पहले कुछ दिनों के अंतर्गत। |
शरीर में किसी भी कोशिका का निर्माण हो सकता है, यहाँ तक कि प्लेसेंटा (गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय में एक अंग जो बढ़ते बच्चे को ऑक्सीजन और पोषक तत्व प्रदान करता है)भी बन सकता है। |
भ्रूण प्लुरिपोटेंट स्टेम कोशिकाएँ |
यह थोड़े अधिक विकसित भ्रूण (निषेचन के लगभग 4-5 दिन बाद) के आंतरिक कोशिका द्रव्यमान से प्राप्त होती हैं। |
शरीर में कई अलग-अलग प्रकार की कोशिकाएँ बन सकती हैं लेकिन प्लेसेंटा नहीं बन सकता। |
वयस्क मल्टीपोटेंट स्टेम कोशिकाएँ |
मानव शरीर में विभिन्न ऊतकों में पाया जाता है, जैसे: अस्थि मज्जा या त्वचा। |
मल्टीपोटेंट स्टेम कोशिकाएँ अधिक विशिष्ट होती हैं। ये केवल ऊतकों के अनुसार विशिष्ट प्रकार की कोशिकाओं में ही विकसित हो सकती हैं जिनमें वे पाई जाती हैं। उदाहरण के लिये, अस्थि मज्जा स्टेम कोशिकाएँ विभिन्न रक्त कोशिका प्रकारों में विकसित हो सकती हैं, लेकिन त्वचा कोशिकाओं में नहीं। |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. अक्सर सुर्खियों में रहने वाली 'स्टेम कोशिकाओं' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2012)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) व्याख्या:
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