कालाज़ार रोग | 10 Jan 2023
प्रिलिम्स के लिये:कालाज़ार रोग, लीशमैनियासिस, काला बुखार, लसीका फाइलेरिया को खत्म करने के लिये वैश्विक कार्यक्रम (GPELF), राष्ट्रीय कालाज़ार उन्मूलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP) मेन्स के लिये:वेक्टर जनित रोगों के नियंत्रण से संबंधित पहल। |
चर्चा में क्यों?
वर्ष 2007 और 2022 के बीच भारत में कालाज़ार के मामलों की संख्या 98.7% घटकर 44,533 से 834 हो गई, जिसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 632 स्थानिक ब्लॉक (99.8%) ऐसे हैं जिन्हें उन्मूलन का दर्जा प्राप्त है (प्रति 10,000 पर एक से कम मामले)।
- झारखंड के पाकुड़ ज़िले में लिट्टीपारा एकमात्र स्थानिक ब्लॉक है जहाँ प्रति 10,000 जनसंख्या पर 1.23 मामले पाए गए हैं।
कालाज़ार रोग:
- परिचय:
- इसे विसरल लीशमैनियासिस या ब्लैक फीवर या दमदम बुखार के नाम से भी जाना जाता है।
- लीशमैनियासिस के तीन प्रकार हैं:
- आँत का लीशमैनियासिस: यह शरीर के कई अंगों को प्रभावित करता है और रोग का सबसे गंभीर रूप है।
- त्वचीय (Cutaneous) लीशमैनियासिस: यह बीमारी त्वचा के घावों का कारण बनती है और यह बीमारी का आम रूप है।
- श्लेष्मत्वचीय (Mucocutaneous) लीशमैनियासिस: यह बीमारी त्वचा एवं श्लैष्मिक घावों का कारण है।
- यह प्रोटोजोआ परजीवी लीशमैनिया के कारण होने वाली घातक परजीवी बीमारी है और मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया तथा लैटिन अमेरिका में रहने वाले लोगों को प्रभावित करती है।
- यदि समय पर उपचार नहीं किया गया तो यह रोग मृत्यु का कारण बन सकता है।
- लीशमैनियासिस के तीन प्रकार हैं:
- इसे विसरल लीशमैनियासिस या ब्लैक फीवर या दमदम बुखार के नाम से भी जाना जाता है।
- वैश्विक और राष्ट्रीय स्थिति:
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization- WHO) के अनुसार, कालाज़ार दुनिया की दूसरी सबसे घातक परजीवी बीमारी है और नवंबर 2022 तक आठ देशों- ब्राज़ील, इरिट्रिया, इथियोपिया, भारत, केन्या, सोमालिया, दक्षिण सूडान एवं सूडान में लगभग 89% वैश्विक मामले देखने को मिले हैं।
- वैश्विक स्तर पर रिपोर्ट किये गए कालाज़ार के कुल मामलों में भारत का योगदान लगभग 11.5% है।
- भारत में कालाज़ार के 90% से अधिक मामले बिहार और झारखंड से रिपोर्ट किये जाते हैं, जबकि उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल ने ब्लॉक स्तर पर अपने उन्मूलन लक्ष्य को हासिल कर लिया है।
- संचरण:
- यह एक संक्रमित मादा फ्लेबोटोमाइन सैंडफ्लाई के काटने से मनुष्यों में फैलता है।
- संकेत और लक्षण:
- बुखार, वज़न घटना, रक्ताल्पता और यकृत एवंप्लीहा का बढ़ना।
- निवारण:
- कालाज़ार की रोकथाम में सैंडफ्लाई के प्रजनन स्थलों को कम करने और लोगों को सैंडफ्लाई के काटने से बचाने के उपाय शामिल हैं।
- कीटनाशकों, मच्छरदानी और विकर्षक के उपयोग के साथ-साथ आवास की साफ-सफाई, स्वच्छ पानी एवंस्वच्छता के माध्यम से इस रोग का निवारण किया जा सकता है।
- WHO उन क्षेत्रों में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (MDA) की भी सिफारिश करता है जहाँ रोग स्थानिक है।
- कालाज़ार की रोकथाम में सैंडफ्लाई के प्रजनन स्थलों को कम करने और लोगों को सैंडफ्लाई के काटने से बचाने के उपाय शामिल हैं।
- उपचार:
- कालाज़ार के उपचार में सोडियम स्टिबोग्लुकोनेट और मेग्लुमाइन एंटीमोनिएट जैसी दवाओं का उपयोग शामिल है।
- WHO कालाज़ार के उपचार के लिये दो या दो से अधिक दवाओं के संयोजन की सिफारिश करता है, क्योंकि मोनोथेरेपी में उपचार के विफल होने और दवा प्रतिरोध का उच्च जोखिम होता है।
- कालाज़ार के उपचार में सोडियम स्टिबोग्लुकोनेट और मेग्लुमाइन एंटीमोनिएट जैसी दवाओं का उपयोग शामिल है।
- संबंधित पहल:
- वैश्विक:
- 2021-2030 के लिये WHO का नया रोडमैप: 2030 का उद्देश्य उन 20 बीमारियों की रोकथाम, नियंत्रण, समाप्त करना है, जिन्हें उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग कहा जाता है।
- WHO ने लिम्फेटिक फाइलेरियासिस (GPELF) को खत्म करने के लिये ग्लोबल प्रोग्राम भी स्थापित किया है, जिसका उद्देश्य MDA द्वारा लिम्फेटिक फाइलेरियासिस, ऑन्कोसेरसियासिस और कालाज़ार को खत्म किया जाना है।
- GPELF ने वर्ष 2000 में इन बीमारियों को वर्ष 2020 तक वैश्विक स्तर पर खत्म करने का लक्ष्य रखा था जो कि पूर्ण नहीं हो पाया था। कोविड-19 की असफलताओं के बावजूद वर्ष 2030 तकइस लक्ष्य को हासिल करने के लिये WHO द्वारा कार्य में तेज़ी लाई जाएगी।
- भारत की पहल:
- केंद्र सरकार ने वर्ष 2023 तक भारत से कालाज़ार को खत्म करने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये कई कदम उठाए हैं, जिसमें पीएम-आवास योजना के माध्यम से पक्के घर बनाना, ग्रामीण विद्युतीकरण, परीक्षण, उपचार, समय-समय पर उच्च-स्तरीय समीक्षा और पुरस्कार वितरण शामिल है।
- केंद्र एक्टिव केस डिटेक्शन, सर्विलांस, इलाज़ और डायग्नोस्टिक किट, दवाओं एवंस्प्रे की आपूर्ति में भी राज्यों की मदद कर रहा है।
- राष्ट्रीय कालाज़ार उन्मूलन कार्यक्रम
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2002 ने वर्ष 2010 तक भारत में कालाज़ार उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया था जिसे संशोधित कर 2015 कर दिया गया है।
- दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र (SEAR) से कालाज़ार के उन्मूलन के लिये भारत, बांग्लादेश और नेपाल ने एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये हैं।
- वर्तमान में कार्यक्रम संबंधी सभी गतिविधियों को राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (National Vector Borne Disease Control Programme- NVBDCP) के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है, जो एक अम्ब्रेला कार्यक्रम है और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आता है।
- वैश्विक:
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) व्याख्या:
अतः विकल्प (C) सही उत्तर है। |