जल जीवन मिशन | 14 Jun 2022
प्रिलिम्स के लिये:जल जीवन मिशन (ग्रामीण और शहरी) मेन्स के लिये:ग्रामीण भारत के विकास में जल जीवन मिशन का महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्र सरकार ने घोषणा की कि 50% से अधिक ग्रामीण घरों में नल के पानी की आपूर्ति की जा रही है।
जल जीवन मिशन:
- परिचय:
- वर्ष 2019 में लॉन्च किया गया यह मिशन वर्ष 2024 तक ‘कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन’ (FHTC) के माध्यम से प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर पानी की आपूर्ति की परिकल्पना करता है।
- जल जीवन मिशन का उद्देश्य जल को आंदोलन के रूप में विकसित करना है, ताकि इसे लोगों की प्राथमिकता बनाया जा सके।
- यह मिशन ‘जल शक्ति मंत्रालय’ के अंतर्गत आता है।
- उद्देश्य:
- यह मिशन मौजूदा जल आपूर्ति प्रणालियों और पानी के कनेक्शन की कार्यक्षमता सुनिश्चित करता है; पानी की गुणवत्ता की निगरानी एवं परीक्षण के साथ-साथ सतत् कृषि को भी बढ़ावा देता है।
- यह संरक्षित जल के संयुक्त उपयोग; पेयजल स्रोत में वृद्धि, पेयजल आपूर्ति प्रणाली, धूसर जल उपचार और इसके पुन: उपयोग को भी सुनिश्चित करता है।
- विशेषताएँ:
- जल जीवन मिशन (JJM) स्थानीय स्तर पर पानी की मांग और आपूर्ति पक्ष के एकीकृत प्रबंधन पर केंद्रित है।
- वर्षा जल संचयन, भू-जल पुनर्भरण और पुन: उपयोग के लिये घरेलू अपशिष्ट जल के प्रबंधन जैसे अनिवार्य उपायों हेतु स्थानीय बुनियादी ढाँचे का निर्माण विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों/योजनाओं के साथ अभिसरण में किया जाता है।
- यह मिशन जल के सामुदायिक दृष्टिकोण पर आधारित है तथा मिशन के प्रमुख घटक के रूप में व्यापक सूचना, शिक्षा और संचार शामिल हैं।
- कार्यान्वयन:
- जल समितियाँ ग्राम जल आपूर्ति प्रणालियों की योजना, क्रियान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव करती हैं।
- इनमें 10-15 सदस्य होते हैं, जिनमें कम-से-कम 50% महिला सदस्य एवं स्वयं सहायता समूहों के अन्य सदस्य, मान्यता प्राप्त सामाजिक और स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता (आशा), आंँगनवाड़ी, शिक्षक आदि शामिल होते हैं।
- समितियाँ सभी उपलब्ध ग्राम संसाधनों को मिलाकर एक बारगी ग्राम कार्ययोजना तैयार करती हैं। योजना को लागू करने से पहले इसे ग्राम सभा द्वारा अनुमोदित किया जाता है।
- जल समितियाँ ग्राम जल आपूर्ति प्रणालियों की योजना, क्रियान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव करती हैं।
- फंडिंग पैटर्न:
- केंद्र और राज्यों के बीच फंड शेयरिंग पैटर्न हिमालय तथा उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिये 90:10, अन्य राज्यों के लिये 50:50 है जबकि केंद्रशासित प्रदेशों के मामलों में शत प्रतिशत योगदान केंद्र द्वारा किया जाता है।
JJM की प्रगति :
- JJM डैशबोर्ड के अनुसार, 10 जून, 2022 तक देश भर में लगभग 9.65 करोड़ घरों (50.38%) के पास नल के पानी के कनेक्शन हैं।
- राज्य स्तर पर गोवा, तेलंगाना और हरियाणा ने राज्य के सभी परिवारों को 100% नल कनेक्टिविटी प्रदान की है।
- पुद्दूचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन व दीव जैसे केंद्रशासित प्रदेशों ने भी 100% घरों को नल के जल के कनेक्शन प्रदान किये हैं।
- 90% से अधिक कार्यात्मक घरेलू शौचालय कवरेज (FHTC) वाले राज्य हैं- पंजाब (99.72%), गुजरात (95.91%), हिमाचल प्रदेश (93.05%) और बिहार (92.74%)।
- सबसे कम FHTC वाले राज्य हैं- राजस्थान (24.87%), छत्तीसगढ़ (23.10%), झारखंड (20.57%) और उत्तर प्रदेश (13.86%)।
जल जीवन मिशन (शहरी)
वित्तीय वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट में सतत् विकास लक्ष्य-6 (SDG-6) के अनुसार, सभी शहरों में कार्यात्मक नल के माध्यम से घरों में पानी आपूर्ति की सार्वभौमिक कवरेज प्रदान करने हेतु केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत जल जीवन मिशन (शहरी) योजना की घोषणा की गई है।
- यह जल जीवन मिशन (ग्रामीण) का पूरक है जिसके तहत वर्ष 2024 तक कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (FHTC) के माध्यम से सभी ग्रामीण घरों में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर जल की आपूर्ति की परिकल्पना की गई है।
- जल जीवन मिशन (शहरी) का उद्देश्य:
- नल और सीवर कनेक्शन तक पहुँच सुनिश्चित करना।
- जल निकायों का पुनरुत्थान।
- चक्रीय जल अर्थव्यवस्था की स्थापना।