सामाजिक न्याय
अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस, 2021
- 14 Aug 2021
- 6 min read
प्रिलिम्स के लिये:अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस और वर्ष 2021 के लिये इसकी थीम मेन्स के लिये:युवा क्षमता को साकार करने संबंधी भारत सरकार की पहलें और संबंधित चुनौतियाँ |
चर्चा में क्यों?
युवाओं की समस्याओं को पहचानने और उन पर ध्यान दिलाने के लिये प्रत्येक वर्ष 12 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है।
- राष्ट्रीय युवा दिवस प्रत्येक 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती के रूप में मनाया जाता है।
प्रमुख बिंदु:
इतिहास:
- वर्ष 1999 में संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया।
- यह संयुक्त राष्ट्र महासभा में, लिस्बन में युवाओं के कल्याण के लिये ज़िम्मेदार मंत्रियों के विश्व सम्मेलन द्वारा की गई एक सिफारिश पर आधारित था।
- प्रथम अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस 12 अगस्त, 2000 को मनाया गया था।
वर्ष 2021 के लिये थीम:
- ट्रांसफॉर्मिंग फूड सिस्टम्स: यूथ इनोवेशन फॉर ह्यूमन एंड प्लैनेटरी हेल्थ।
युवा क्षमता को साकार करने संबंधी चुनौतियाँ:
- शिक्षा और कौशल की कमी: भारत की अल्प वित्तपोषित शिक्षा प्रणाली रोज़गार के उभरते अवसरों का लाभ उठाने के लिये युवाओं को आवश्यक कौशल प्रदान करने हेतु अपर्याप्त रूप से सुसज्जित है।
- विश्व बैंक के अनुसार, शिक्षा पर सार्वजनिक व्यय वर्ष 2020 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का केवल 3.4% था।
- महामारी का प्रभाव: विभिन्न अध्ययनों से पता चलता है कि स्कूल बंद होने से बच्चों के सीखने, जीवन और मानसिक कल्याण पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।
- अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि विश्व में 65% किशोरों ने महामारी के दौरान कम सीखने की सूचना दी।
- युवा महिलाओं संबंधी मुद्दे: बाल विवाह, लिंग आधारित हिंसा, दुर्व्यवहार और तस्करी के प्रति उनकी संवेदनशीलता, ये सभी मुद्दे युवा महिलाओं को उनकी पूरी क्षमता हासिल करने से रोकते हैं।
- रोज़गारविहीन विकास: भारत के सकल घरेलू उत्पाद में मुख्य योगदानकर्त्ता सेवा क्षेत्र है जो श्रम प्रधान नहीं है और इस प्रकार रोज़गारविहीन विकास को बढ़ाता है।
- इसके अलावा भारत की लगभग 50% आबादी अभी भी कृषि पर निर्भर है जो कि अल्प-रोज़गार और प्रच्छन्न बेरोज़गारी के लिये प्रसिद्ध है।
- निम्न सामाजिक पूंजी: इसके अलावा भुखमरी का उच्च स्तर, कुपोषण, बच्चों में बौनापन, किशोरियों में रक्ताल्पता का उच्च स्तर, खराब स्वच्छता आदि ने भारत के युवाओं की उत्पादकता की क्षमता को कम कर दिया है।
भारत की पहल:
- राष्ट्रीय युवा नीति-2014 भारत के युवाओं के लिये एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करती है, इसका उद्देश्य देश के युवाओं की क्षमता का विकास करना तथा उनके माध्यम से भारत को अन्य राष्ट्रों के बीच अपना उपयुक्त स्थान स्थापित करने में सक्षम बनाना है।
- रोज़गार के लिये:
- कौशल विकास के लिये:
- सामाजिक मुद्दों के लिये:
- स्वास्थ्य और पोषण के लिये:
वैश्विक पहल:
आगे की राह
- 365 मिलियन (30 प्रतिशत) की युवा आबादी के साथ भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश एक बड़ी कामकाजी आयु की आबादी का आर्थिक लाभ है।
- भारत को सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु एक महत्त्वपूर्ण कदम के रूप में किशोरों के अनुकूल स्वास्थ्य सुविधाओं, लाभकारी रोज़गार तथा पोषण तक पहुँच में सुधार के प्रयास कर एक स्वस्थ युवा आबादी सुनिश्चित करनी चाहिये।