भारत-अमेरिका व्यापार नीति मंच | 13 Jan 2023
प्रिलिम्स के लिये:भारत-अमेरिका व्यापार संबंध, IPEF मेन्स के लिये:भारत-अमेरिका व्यापार संबंध- महत्त्व, चुनौतियाँ |
हाल ही में भारत के केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री तथा अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि राजदूत ने वाशिंगटन डी.सी. में भारत-अमेरिका व्यापार नीति मंच (TPF) की 13वीं मंत्रिस्तरीय बैठक की सह-अध्यक्षता की।
भारत-अमेरिका व्यापार नीति मंच:
- परिचय:
- भारत-अमेरिका व्यापार नीति मंच का उद्देश्य कृषि, गैर-कृषि वस्तुओं, सेवाओं, निवेश और बौद्धिक संपदा पर टीपीएफ के कार्य समूहों को सक्रिय करना तथा लाभकारी तरीके से पारस्परिक चिंता के मुद्दों का समाधान करना है।
- साथ ही अतिरिक्त बाज़ार तक पहुँच स्थापित करने जैसे मुद्दों को हल करके दोनों देशों को ठोस लाभ प्रदान करना है।
- प्रमुख बिंदु:
- दोनों पक्षों ने उत्पादों और सेवाओं के अपने द्विपक्षीय वाणिज्य में वृद्धि की सराहना की, जो कि वर्ष 2021 में 160 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया, दोनों राष्ट्रों ने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें अपनी अर्थव्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है।
- अमेरिका ने हिंद-प्रशांत आर्थिक ढाँचे (IPEF) में भारत की भागीदारी का स्वागत किया।
- दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विकास, शांति और समृद्धि को बनाए रखने के लिये IPEF की प्रभावशीलता के बारे में समान राय रखते हैं।
- मंत्रियों ने टर्टल एक्सक्लूडर डिवाइस (TED) डिज़ाइन के पूरा होने पर राष्ट्रीय समुद्रीय और वायुमंडलीय प्रशासन (NOAA) की तकनीकी टीम की सराहना की।
- TED मछली पालन का समुद्री कछुओं की आबादी पर प्रभाव को कम करने में मदद करेगा।
- विभिन्न प्रकार की समस्याओं पर अपने द्विपक्षीय संवादों को विकसित करने में अधिकारियों की सहायता के लिये लचीले व्यापार से संबंधित एक नया TPF कार्य समूह स्थापित किया गया था। अगली TPF मंत्रिस्तरीय बैठक तक इसके केंद्रीय बिंदु निम्नलिखित हैं :
- व्यापार सुगमता
- श्रम अधिकारों और कर्मचारियों के विकास को बढ़ावा देना
- चक्रीय अर्थव्यवस्था: पर्यावरण संरक्षण में व्यापार की भूमिका
अमेरिका के साथ भारत के व्यापारिक संबंध:
- वर्तमान में कोविड-19 महामारी से निपटने के अलावा आर्थिक सुधार, जलवायु संकट और सतत् विकास, महत्त्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियाँ, आपूर्ति शृंखला में लचीलापन, शिक्षा, प्रवासी भारतीय तथा रक्षा एवं सुरक्षा सहित कई अहम मुद्दे भारत-अमेरिका द्विपक्षीय साझेदारी में शामिल हैं।
- अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार एवं सबसे महत्त्वपूर्ण निर्यात बाज़ार है। अमेरिका उन देशों में से एक है जिनके साथ भारत का व्यापार अधिशेष है। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष 32.8 अरब डॉलर का था।
- हालाँकि रूस-यूक्रेन संकट के प्रति भारत और अमेरिका की प्रतिक्रियाएँ काफी विरोधाभासी हैं, दोनों देशों ने व्यापक रणनीतिक लक्ष्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखा है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच संबंधों में खटास के प्रवेश का कारण वाशिंगटन का अभी भी अपनी वैश्विक रणनीति में भारत के लिये किसी ऐसे स्थान की खोज करने में विफलता है, जो भारत के आत्म-समादर और महत्त्वाकांक्षाओं को संतुष्ट कर सके। उपयुक्त उदाहरणों के साथ स्पष्ट कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2019) |