भारत-अमेरिका: प्रौद्योगिकी आधारित ऊर्जा समाधान | 30 Dec 2021
प्रिलिम्स के लिये:नेट ज़ीरो,जलवायु परिवर्तन एवं इसके प्रभाव, क्लीन एनर्जी, यूनाइटेड स्टेट्स-इंडिया साइंस एंड टेक्नोलॉजी एंडॉमेंट फंड, ,जलवायु परिवर्तन पर विभिन्न साझेदारी। मेन्स के लिये:भारत-अमेरिका सहयोग, जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा चुनौतियों से निपटना, स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के प्रयास |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत और अमेरिका ने जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा चुनौतियों से निपटने के लिये 'प्रौद्योगिकी आधारित ऊर्जा समाधान: नेट ज़ीरो के लिये नवाचार' नामक एक कार्यक्रम शुरू किया।
- यह यूनाइटेड स्टेट्स-इंडिया साइंस एंड टेक्नोलॉजी एंडॉमेंट फंड (USISTEF) द्वारा इग्निशन ग्रांट के लिये किया गया है।
यूनाइटेड स्टेट्स-इंडिया साइंस एंड टेक्नोलॉजी एंडॉमेंट फंड (USISTEF)
- अमेरिकी सरकार (राज्य विभाग के माध्यम से) और भारत (विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के माध्यम से) ने यूएस-इंडिया साइंस एंड टेक्नोलॉजी एंडॉमेंट फंड (USISTEF) की स्थापना की है।
- यह संयुक्त गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये स्थापित किया गया है जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के माध्यम से नवाचार एवं उद्यमिता को बढ़ावा देगा।
- इस फंड का उद्देश्य अमेरिका और भारतीय शोधकर्त्ताओं एवं उद्यमियों के बीच निरंतर भागीदारी के माध्यम से विकसित प्रौद्योगिकी के व्यावसायीकरण द्वारा सार्वजनिक भलाई के लिये संयुक्त अनुप्रयुक्त अनुसंधान एवं विकास को समर्थन और बढ़ावा देना है।.
- यूएस-इंडिया साइंस एंड टेक्नोलॉजी एंडॉमेंट फंड गतिविधियों को द्वि-राष्ट्रीय इंडो-यूएस साइंस एंड टेक्नोलॉजी फोरम (आईयूएसएसटीएफ) के माध्यम से कार्यान्वित और प्रशासित किया जाता है।
प्रमुख बिंदु:
- परिचय:
- इस कार्यक्रम के माध्यम से भारत-अमेरिका विज्ञान और प्रौद्योगिकी-आधारित उद्यमशीलता पहल की मदद तथा समर्थन किया जाएगा है जो अगली पीढ़ी की स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण तथा कार्बन पृथक्करण के विकास एवं कार्यान्वयन को संबोधित करता है।
- नया कार्यक्रम यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक क्लीन एनर्जी पार्टनरशिप (एससीईपी) के लक्ष्यों के अनुरूप है और इसे द्वि-राष्ट्रीय इंडो-यूएस साइंस एंड टेक्नोलॉजी फोरम (आईयूएसएसटीएफ) द्वारा प्रशासित किया जाएगा।
- SCEP को वर्ष 2021 की शुरुआत में आयोजित ‘लीडर्स समिट ऑन क्लाइमेट’ में दोनों देशों द्वारा घोषित ‘यूएस-इंडिया क्लाइमेट एंड क्लीन एनर्जी एजेंडा 2030 पार्टनरशिप’ के तहत लॉन्च किया गया था।.
- आईयूएसएसटीएफ भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और अमेरिकी राज्य विभाग के तहत एक द्विपक्षीय संगठन है।
- यह इस क्षेत्र में 'प्रौद्योगिकी शोस्टॉपर्स' या होनहार संयुक्त भारत-अमेरिका एस एंड टी-आधारित उद्यमशीलता पहल की पहचान और समर्थन करेगा।
- जलवायु परिवर्तन आज हमारी दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है जो इस संकट से निपटने के लिये वैश्विक सहयोग का आह्वान कर रही है।
- अमेरिका-भारत संबंधों में हाल के घटनाक्रम:
- मालाबार अभ्यास: क्वाड राष्ट्रों (भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया) की नौसेनाओं ने अभ्यास के 25 वें संस्करण में भाग लिया।
- ALUAV पर भारत-अमेरिका समझौता: भारत और अमेरिका ने एक एयर-लॉन्च मानव रहित हवाई वाहन (ALUAV) या ड्रोन को संयुक्त रूप से विकसित करने हेतु एक प्रोजेक्ट एग्रीमेंट (PA) पर हस्ताक्षर किये हैं जिसे एक विमान से लॉन्च किया जा सकता है।
- मुक्त व्यापार समझौते के मुद्दे: अमेरिकी प्रशासन ने संकेत दिया है कि अब भारत के साथ द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) करने में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं है।
- निसार: नासा और इसरो एक एसयूवी (स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल) के आकार का उपग्रह विकसित करने में सहयोग कर रहे हैं, जिसे निसार कहा जाता है, जो एक टेनिस कोर्ट के आधे आकार में 0.4 इंच जितना छोटा ग्रह की सतह की गतिविधियों का पता लगाएगा।
- अन्य राष्ट्रों के साथ जलवायु परिवर्तन पर साझेदारी
- यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक क्लीन एनर्जी पार्टनरशिप।
- भारत-यूरोपीय संघ: पेरिस समझौता, आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढाँचे हेतु गठबंधन, पार्टियों का सम्मेलन (सीओपी 26)।
- वन और भूमि उपयोग पर ग्लासगो नेताओं की घोषणा।
- जैव विविधता पर कुनमिंग घोषणा।
जलवायु परिवर्तन
- जलवायु परिवर्तन' शब्द का तात्पर्य प्राकृतिक प्रक्रियाओं या मानव गतिविधि के परिणामस्वरूप सहस्राब्दियों से या हाल ही में वातावरण के व्यवहार के दीर्घकालिक पैटर्न में परिवर्तन से है।
- जलवायु को मौसम से अलग परिभाषित किया जाता है, जो किसी विशेष समय पर जलवायु का विशिष्ट व्यवहार है। मौसम विशिष्ट घटनाओं से निर्मित होता है, उदाहरण के लिये एक विशेष तूफान, एक विशेष अवधि में वर्षा, एक विशेष समय पर तापमान।
- हालांँकि, ऐसे कई संभावित तरीके हैं जिनके द्वारा सीप्रिलिमेट(Cprilimate) का वर्णन किया जा सकता है। ये आमतौर पर तापमान, वर्षा, हवा और बादल में औसत या परिवर्तनशीलता से जुड़े होते हैं।
- जलवायु स्थानिक रूप से भिन्न होती है, उदाहरण के लिये भूमध्य रेखा या समुद्र से दूरी के आधार पर तथा अस्थायी रूप से मौसमी और दैनिक विविधताओं के आधार पर।
जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने हेतु भारतीय पहलें:
- राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP)
- भारत स्टेज-VI (BS-VI) उत्सर्जन मानदंड
- उजाला योजना
- जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (NPCC)
आगे की राह
- हमें इनोवेशन पाइपलाइन को अभूतपूर्व गति से बढ़ाना है और महत्त्वपूर्ण स्वच्छ प्रौद्योगिकियों पर हरित प्रीमियम को कम करने के लिये भारी निवेश करना है और नेट जीरो में संक्रमण हेतु नए बाज़ार और उद्योग बनाने के लिये उद्यमशीलता को आकर्षित करना है।
- तेजी से स्केलेबल स्वच्छ ऊर्जा समाधानों को आगे बढ़ाने के लिये आवश्यक वैश्विक पहल और परिवर्तनकारी रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिये जैसे कि स्मार्ट ऊर्जा उपयोग, नवीकरणीय प्रौद्योगिकियांँ, परिवहन और भवनों का विद्युतीकरण।
- देश के हर शहर, व्यवसाय और वित्तीय संस्थान को नेट-जीरो में संक्रमण के लिये ठोस योजनाओं को अपनाने की तत्काल आवश्यकता है।
- सरकारों के लिये और भी जरूरी है कि वे इस दीर्घकालिक महत्त्वाकांक्षा को बढ़ाएँ, क्योंकि कोविड-19 महामारी को दूर करने के लिये खरबों डॉलर जुटाए गए हैं। अर्थव्यवस्थाओं को पुनर्जीवित करना हमारे भविष्य को फिर से सुधारने का मौका है।