भारत-यूके संबंध | 13 Aug 2022
प्रिलिम्स के लिये:भारत-यूके संबंध, भारत-यूके व्यापक रणनीतिक साझेदारी 2021, भारत-यूके संबंधों के लिये रोडमैप 2030, भारत की इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव, भारत-यूके एफटीए मेन्स के लिये:यूके, भारत-यूके एफटीए के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंध और इसका महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
ग्रांटथॉर्टन की ब्रिटेन मीट्स इंडिया (बीएमआई) रिपोर्ट के अनुसार भारत और यूके के बीच व्यापार वर्ष 2030 तक दोगुना होने की उम्मीद है, यह लक्ष्य वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं के प्रौद्योगिकी विविधीकरण में प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते में निवेश और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ व्यापार साझेदारी में आसानी से प्राप्त किया जा सकेगा।
- व्यावसायिक सेवाएँ भारत में यूके की कंपनियों द्वारा शीर्ष क्षेत्र है, जिसमें महाराष्ट्र प्रमुख निवेश गंतव्य है, जिसके बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और कर्नाटक का स्थान आता है।
प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता:
- परिचय:
- प्रस्तावित एफटीए से चमड़ा, वस्त्र, आभूषण, प्रसंस्कृत कृषि उत्पाद और समुद्री उत्पाद, शिक्षा, फार्मा तथा स्वास्थ्य देखभाल जैसे श्रम प्रधान क्षेत्रों में भारतीय निर्यात को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
- यूके सेब, यूके-निर्मित चिकित्सा उपकरणों और मशीनरी जैसे उत्पादों पर शुल्क कम करने पर विचार कर सकता है।
- यूके की कंपनियाँ भी भारत से डेटा गोपनीयता को मज़बूत करने और अनुबंधों को लागू करने की अपेक्षा करती हैं।
- यूके-भारत व्यापार:
- वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान लगभग 31.92 बिलियन अमेरिकी डाॅलर के संचयी निवेश के साथ यूके भारत में छठाँ सबसे बड़ा निवेशक बना रहा।
- यह भारत में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का लगभग 5.4% है।
- वित्त वर्ष 2022 में UK के साथ वस्तुओं और सेवाओं में भारत का व्यापार 31.34 बिलियन अमरीकी डॉलर हुआ, जो 2015 में 19.51 बिलियन अमरीकी डॉलर था।
- भारत में 618 UK की कंपनियों की पहचान की गई है, वे एक साथ लगभग 4.66 लाख लोगों को रोजगार देती हैं और उनका कुल कारोबार 3,634.9 बिलियन रुपये है।
- वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान लगभग 31.92 बिलियन अमेरिकी डाॅलर के संचयी निवेश के साथ यूके भारत में छठाँ सबसे बड़ा निवेशक बना रहा।
भारत-यूके संबंधों में नये घटनाक्रम:
- यूक्रेन संकट से उत्पन्न चुनौती के बावजूद, भारत-यूके संबंध एक ऊर्ध्वगामी प्रक्षेपवक्र पर रहा है, जिसका उदाहरण वर्ष 2021 में एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के समापन द्वारा दिया गया है।
- इस समझौते ने भारत-यूके संबंधों के लिये वर्ष 2030 रोडमैप भी स्थापित किया, जो मुख्य रूप से द्विपक्षीय संबंधों के लिये साझेदारी योजनाओं की रूपरेखा तैयार करता है।
- दोनों देशों ने रक्षा संबंधी व्यापार और साइबर सुरक्षा और रक्षा सहयोग को गहरा करने पर विमर्श किया गया।
- भारत और यूके में ऑनलाइन अवसंरचना की सुरक्षा के लिये एक नये संयुक्त साइबर सुरक्षा कार्यक्रम की घोषणा की जानी है।
- भारत और यूके की पहली स्ट्रैटेजिक टेक डायलॉग आयोजित करने की भी योजना है, जो उभरती प्रौद्योगिकियों पर एक मंत्रिस्तरीय शिखर सम्मेलन है।
- इसके अतिरिक्त, यूके और भारत समुद्री क्षेत्र में अपने सहयोग को मजबूत करने के लिये सहमत हुये हैं क्योंकि यूके भारत की इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव में शामिल होगा और दक्षिण पूर्व एशिया में समुद्री सुरक्षा मुद्दों पर एक प्रमुख भागीदार बन जाएगा।
- जनवरी 2022 में, भारत और यूके ने भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते के लिये पहले दौर की बातचीत का समापन किया।
- वार्ता ने दुनिया की पाँचवीं (UK) और छठी (भारत) सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच एक व्यापक सौदे को संपन्न की साझा महत्त्वाकांक्षाओं को दर्शाया।
मुक्त व्यापार समझौता (FTA)
- परिचय:
- यह दो या दो से अधिक देशों के बीच आयात और निर्यात में बाधाओं को कम करने हेतु किया गया एक समझौता है।
- एक मुक्त व्यापार नीति के तहत वस्तुओं और सेवाओं को अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पार खरीदा एवं बेचा जा सकता है, जिसके लिये बहुत कम या न्यून सरकारी शुल्क, कोटा तथा सब्सिडी जैसे प्रावधान किये जाते हैं।
- मुक्त व्यापार की अवधारणा व्यापार संरक्षणवाद या आर्थिक अलगाववाद (Economic Isolationism) के विपरीत है।
- भारत और FTA:
- भारत-ऑस्ट्रेलिया ECTA:
- भारत को ऑस्ट्रेलिया द्वारा उसकी 100% टैरिफ लाइनों पर प्रदान की जाने वाली तरजीही बाज़ार पहुँच से लाभ होगा।
- भारत अपनी 70% से अधिक टैरिफ लाइनों पर ऑस्ट्रेलिया को तरजीही पहुँच प्रदान करेगा।
- दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (साफ्टा):
- यह मुक्त व्यापार समझौता, सूचना प्रौद्योगिकी जैसी सभी सेवाओं को छोड़कर, वस्तुओं तक ही सीमित है।
- वर्ष 2016 तक सभी व्यापारिक वस्तुओं के सीमा शुल्क को शून्य करने के लिये समझौते पर हस्ताक्षर किये गए थे।
- भारत-ऑस्ट्रेलिया ECTA:
भारत द्वारा हस्ताक्षरित अन्य व्यापार समझौते
- भारत-UAE व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता:
- व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) दोनों देशों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने हेतु एक संस्थागत तंत्र प्रदान करता है।
- भारत और मॉरीशस के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग और भागीदारी समझौता (CECPA)
- यह एक तरह का मुक्त व्यापार समझौता है जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने और बेहतर बनाने के लिये एक संस्थागत तंत्र प्रदान करना है।
- इस समझौते के तहत देश उत्पादों पर शुल्क कम या खत्म करते हैं। सेवा व्यापार को बढ़ावा देने के लिये देश मानदंडों में भी ढील देते हैं।
- दक्षिण एशिया अधिमान्य व्यापार समझौता (SAPTA):
- यह वर्ष 1995 में लागू हुए सदस्य देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिये है।
- एशिया प्रशांत व्यापार समझौता (APTA):
- पहले बैंकाक समझौता, यह अधिमान्य टैरिफ व्यवस्था है जिसका उद्देश्य सदस्य देशों द्वारा पारस्परिक रूप से सहमत रियायतों के आदान-प्रदान के माध्यम से अंतर-क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देना है।
विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)प्रश्न. निम्नलिखित देशों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त में से कौन आसियान के 'मुक्त व्यापार भागीदारों' में शामिल हैं? (a) केवल 1, 2, 4 और 5 उत्तर: (c) व्याख्या:
अतः विकल्प (c) सही है। प्रश्न. 'क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी' शब्द अक्सर किन देशों के समूह के मामलों के संदर्भ में समाचारों में आता है? (2016) (a) जी20 उत्तर: (b) व्याख्या:
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