भारत-दक्षिण अफ्रीका द्विपक्षीय बैठक | 05 Sep 2022
प्रिलिम्स के लिये:यूपीएससी, आईएएस, भारत-दक्षिण अफ्रीका संबंध, कौशल विकास, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, ब्रिक्स, IBSA, G20, हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA), विश्व व्यापार संगठन (WTO), मेक इन इंडिया, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR), प्रवासी भारतीय दिवस (PBD), विश्व हिंदी सम्मेलन। मेन्स के लिये:भारत के हितों और भारत-दक्षिण अफ्रीका संबंधों पर देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव एवं आगे की राह। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत और दक्षिण अफ्रीका, उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) एवं कौशल संस्थानों के मध्य गठजोड़ के लिये संस्थागत तंत्र विकसित करने पर सहमत हुए।
बैठक के मुख्य बिंदु:
- परिचय:
- यह द्विपक्षीय बैठक इंडोनेशिया के बाली में संपन्न हुई।
- इस दौरान शैक्षिक गठजोड़ के लिये संस्थागत तंत्र विकसित करने का निर्णय लिया गया
- साथ ही, दोनों देशों के मध्य शिक्षा पर एक संयुक्त कार्यदल गठित करने पर भी सहमति बनी।
- महत्त्व:
- इससे उस सहयोग का और विस्तार होगा जो पहले से मौजूद है तथा शिक्षा के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग की पूरी क्षमता का दोहन किया जा सकेगा।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy-NEP) की शुरूआत ने पहले ही भारतीय शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। भारत और दक्षिण अफ्रीका के संबंध घनिष्ठ तथा मैत्रीपूर्ण हैं और साझा मूल्यों और हितों में निहित हैं।
- शैक्षिक गठजोड़ के लिये संस्थागत तंत्र अकादमिक और कौशल विकास साझेदारी और द्विपक्षीय शिक्षा सहयोग को मज़बूत करेगा।
- इसके अलावा, यह कौशल विकास में कौशल योग्यता और क्षमता निर्माण की पारस्परिक मान्यता में सहायक होगा।
भारत-दक्षिण अफ्रीका संबंध:
- पृष्ठभूमि:
- दक्षिण अफ्रीका में स्वतंत्रता और न्याय के लिये संघर्ष के समय से भारत के संबंध उसके साथ हैं, जब महात्मा गांधी ने एक सदी पहले दक्षिण अफ्रीका में अपना सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया था।
- भारत, दक्षिण अफ्रीका में हुए रंगभेद विरोधी आंदोलन के समर्थन में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में सबसे आगे था। यह वहाँ की रंगभेदी सरकार के साथ व्यापार संबंधों को तोड़ने (वर्ष 1946 में) वाला पहला देश था और बाद में इसने इस सरकार पर पूर्ण राजनयिक, वाणिज्यिक, सांस्कृतिक तथा खेल प्रतिबंध भी लगाए।
- दक्षिण अफ्रीका ने अपनी रंगभेद नीति को समाप्त करने के चार दशकों के बाद वर्ष 1993 में भारत से व्यापार और व्यावसायिक संबंधों को फिर से स्थापित किया।
- दोनों देशों के मध्य नवंबर 1993 में राजनयिक और वाणिज्यिक संबंध बहाल हुए।
- राजनीतिक संबंध:
- वर्ष 1994 में दक्षिण अफ्रीका ने लोकतंत्र की प्राप्ति के बाद मार्च 1997 में भारत और दक्षिण अफ्रीका के मध्य सामरिक साझेदारी पर लाल किला घोषणा (Red Fort Declaration on Strategic Partnership) पर हस्ताक्षर किये, जिसने पुन: संबंध की स्थापना में नए मानदंड निर्धारित किये।
- दोनों देशों के मध्य सामरिक साझेदारी की त्श्वाने घोषणा (Tshwane Declaration- अक्तूबर 2006) द्वारा पुनः पुष्टि की गई।
- ये दोनों घोषणाएँ महत्त्वपूर्ण रही हैं जिन्होंने अतीत में दक्षिण अफ्रीका और भारत दोनों को अपने-अपने राष्ट्रीय उद्देश्यों को प्राप्त करने में योगदान दिया है।
- भारत और दक्षिण अफ्रीका का वैश्विक शासन/बहुपक्षीय मंचों पर अपने विचारों तथा प्रयासों को समन्वित कर एक साथ काम करने का एक लंबा इतिहास रहा है।
- उदाहरण के लिये: ब्रिक्स (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका), IBSA (भारत, ब्राज़ील तथा दक्षिण अफ्रीका),G20, हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (Indian Ocean Rim Association-IORA) एवं विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization-WTO) ।
- आर्थिक
- भारत, दक्षिण अफ्रीका का पाँचवाँ सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है और चौथा सबसे बड़ा आयात मूल देश है तथा एशिया में दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
- दोनों देश आने वाले वर्षों में व्यापार बढ़ाने के लिये काम कर रहे हैं। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्तमान में 10 अरब अमेरिकी डॉलर का है।
- वर्ष 2016 में दोनों देश रक्षा क्षेत्र में विशेष रूप से 'मेक इन इंडिया' पहल, ऊर्जा क्षेत्र, कृषि-प्रसंस्करण, मानव संसाधन विकास और बुनियादी ढाँचे के विकास के तहत दक्षिण अफ्रीकी निजी क्षेत्र हेतु उपलब्ध अवसरों के संदर्भ में सहयोग के लिये सहमत हुए।
- भारत, दक्षिण अफ्रीका का पाँचवाँ सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है और चौथा सबसे बड़ा आयात मूल देश है तथा एशिया में दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
- दोनों देशों के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने विशेष रूप से ‘स्क्वायर किलोमीटर एरे’ (SKA) परियोजना में सहयोग किया है।
- संस्कृति:
- भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICAR) की मदद से पूरे दक्षिण अफ्रीका में सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक गहन कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, जिसमें दक्षिण अफ्रीकी नागरिकों के लिये छात्रवृत्ति प्रदान करना भी शामिल है।
- 9वाँ विश्व हिंदी सम्मेलन सितंबर 2012 में जोहान्सबर्ग में आयोजित किया गया था
- रंगभेद विरोधी आंदोलन के समर्थन में भारत अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में अग्रणी था।
- भारतीय समुदाय:
- भारतीय मूल के समुदाय का बड़ा हिस्सा वर्ष 1860 के बाद से दक्षिण अफ्रीका में कृषि श्रमिकों के रूप में चीनी और अन्य कृषि बागानों में तथा मिल संचालकों के रूप में काम करने के लिये आया था।
- अफ्रीकी महाद्वीप में दक्षिण अफ्रीका सर्वाधिक भारतीय डायस्पोरा का घर है, जिसकी कुल संख्या 1,218,000 है, जो दक्षिण अफ्रीका की कुल आबादी का 3% है।
- वर्ष 2003 के बाद से भारत प्रत्येक वर्ष 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाता है (जिस दिन महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे)।
आगे की राह
- संस्कृत भाषा, दर्शनशास्त्र, आयुर्वेद और योग के क्षेत्र में अकादमिक सहयोग तथा छात्र विनिमय कार्यक्रम शुरू किये जाने चाहिये।
- यह हिंदू धर्म और साझा आध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक संबंधों की समझ को व्यापक बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
- कौशल क्षेत्र में सहयोग की व्यवस्था की जानी चाहिये।
- यह पर्यटन उद्यमिता को प्रोत्साहित करेगा, यात्रा, पर्यटन, आतिथ्य और व्यवसाय के उभरते क्षेत्रों में क्षमता निर्माण में मदद करेगा साथ ही लोगों से लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देगा।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:प्रश्न. ब्रिक्स के नाम से जाने जाने वाले देशों के समूह के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2014)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) प्रश्न: "यदि पिछले कुछ दशक एशिया की विकास गाथा के थे, तो अगले कुछ दशक अफ्रीका के होने की उम्मीद है।" इस कथन के आलोक में हाल के वर्षों में अफ्रीका में भारत के प्रभाव का परीक्षण कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2021) |