अंतर्राष्ट्रीय संबंध
दक्षिण अफ्रीका में हिंसक विरोध प्रदर्शन
- 16 Jul 2021
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प्रिलिम्स के लिये:दक्षिण अफ्रीका की भौगौलिक अवस्थिति मेन्स के लिये:भारत-दक्षिण अफ्रीका संबंध |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में दंगों और लूटपाट में 70 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई, साथ ही व्यवसायों और देश की बुनियादी अवसंरचना को भी गंभीर नुकसान पहुँचा है।
- वर्ष 1994 में श्वेत अल्पसंख्यक शासन के अंत के बाद इस घटना को सबसे महत्त्वपूर्ण नागरिक अशांति के रूप में देखा जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
हालिया हिंसा के कारण
- इन विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा की रिहाई के आह्वान को लेकर हुई थी, जिन्होंने वर्ष 2009-18 तक देश में बतौर राष्ट्रपति कार्य किया और वर्तमान में वे भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
- पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों और राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों के अधिकारियों ने जैकब जुमा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।
- कई लोगों का मानना है कि राष्ट्रपति के रूप में उनके उत्तराधिकारी सिरिल रामफोसा निर्णायक नेतृत्त्व प्रदान करने में विफल रहे हैं, वे न तो जैकब जुमा की कैद को लेकर लोगों के गुस्से को शांत कर पाए और न ही दक्षिण अफ्रीका के नागरिकों को यह आश्वासन दे पाए कि वे सुरक्षित रहेंगे।
- यद्यपि जैकब जुमा की कैद के कारण हिंसा को बढ़ावा मिला है, किंतु यह हिंसा मुख्य तौर पर महामारी और विफल अर्थव्यवस्था के बीच देश में अंतर्निहित समस्याओं से प्रेरित है।
- वर्ष 2020 में दक्षिण अफ्रीका में वर्ष 1946 के बाद से वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद में सबसे तीव्र गिरावट देखी गई थी।
- वर्ष 2021 के पहले तीन महीनों में बेरोज़गारी 32.6% के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर थी।
सरकार की प्रतिक्रिया
- दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने हिंसा की निंदा की है और कहा है कि हिंसा का कोई औचित्य नहीं है। सरकार के मुताबिक, बहुत सारे अपराधी या अवसरवादी व्यक्ति इस अवधि के दौरान स्वयं को समृद्ध करने की कोशिश कर रहे हैं।
- सरकार ने दक्षिण अफ्रीकी पुलिस की सहायता के लिये सेना भी तैनात की है, हालाँकि दंगे और लूटपाट अभी भी बंद नहीं हुए हैं।
भारत-दक्षिण अफ्रीका संबंध
पृष्ठभूमि:
- दक्षिण अफ्रीका में स्वतंत्रता और न्याय के लिये संघर्ष के समय से भारत के संबंध उसके साथ हैं, जब महात्मा गांधी ने एक सदी पहले दक्षिण अफ्रीका में अपना सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया था।
- भारत, दक्षिण अफ्रीका में हुए रंगभेद विरोधी आंदोलन के समर्थन में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में सबसे आगे था। यह वहाँ की रंगभेदी सरकार के साथ व्यापार संबंधों को तोड़ने (वर्ष 1946 में) वाला पहला देश था और बाद में इसने इस सरकार पर पूर्ण राजनयिक, वाणिज्यिक, सांस्कृतिक तथा खेल प्रतिबंध भी लगाए।
- दक्षिण अफ्रीका ने अपनी रंगभेद नीति को समाप्त करने के चार दशकों के बाद वर्ष 1993 में भारत से व्यापार और व्यावसायिक संबंधों को फिर से स्थापित किया।
- दोनों देशों के बीच नवंबर 1993 में राजनयिक और वाणिज्यिक संबंध बहाल किये गए।
राजनीतिक संबंध:
- वर्ष 1994 में दक्षिण अफ्रीका ने लोकतंत्र की प्राप्ति के बाद मार्च 1997 में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच सामरिक साझेदारी पर लाल किला घोषणा (Red Fort Declaration on Strategic Partnership) पर हस्ताक्षर किये, जिसने पुन: संबंध के लिये नए मानदंड निर्धारित किये।
- दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी की फिर से तशवेन घोषणा (Tshwane Declaration- अक्तूबर 2006) में पुष्टि की गई।
- ये दोनों घोषणाएँ महत्त्वपूर्ण रही हैं जिन्होंने अतीत में दक्षिण अफ्रीका और भारत दोनों को अपने-अपने राष्ट्रीय उद्देश्यों को प्राप्त करने में योगदान दिया है।
- भारत और दक्षिण अफ्रीका का वैश्विक शासन/बहुपक्षीय मंचों पर अपने विचारों तथा प्रयासों को समन्वित कर एक साथ काम करने का एक लंबा इतिहास रहा है।
- उदाहरण के लिये: ब्रिक्स (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका), आईबीएसए (भारत, ब्राज़ील तथा दक्षिण अफ्रीका), जी20, हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA) एवं विश्व व्यापार संगठन (WTO)।
आर्थिक
- भारत, दक्षिण अफ्रीका का पाँचवाँ सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है और चौथा सबसे बड़ा आयात मूल देश है तथा एशिया में दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
- दोनों देश आने वाले वर्षों में व्यापार बढ़ाने के लिये काम कर रहे हैं। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्तमान में 10 अरब अमेरिकी डॉलर का है।
- वर्ष 2016 में दोनों देश रक्षा क्षेत्र में विशेष रूप से 'मेक इन इंडिया' पहल, ऊर्जा क्षेत्र, कृषि-प्रसंस्करण, मानव संसाधन विकास और बुनियादी ढाँचे के विकास के तहत दक्षिण अफ्रीकी निजी क्षेत्र हेतु उपलब्ध अवसरों के संदर्भ में सहयोग के लिये सहमत हुए।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
- दोनों देशों के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने विशेष रूप से ‘स्क्वायर किलोमीटर एरे’ (SKA) परियोजना में सहयोग किया है।
संस्कृति:
- भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICAR) की मदद से पूरे दक्षिण अफ्रीका में सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक गहन कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, जिसमें दक्षिण अफ्रीकी नागरिकों के लिये छात्रवृत्ति प्रदान करना भी शामिल है।
- 9वाँ विश्व हिंदी सम्मेलन सितंबर 2012 में जोहान्सबर्ग में आयोजित किया गया था
भारतीय समुदाय:
- भारतीय मूल के समुदाय का बड़ा हिस्सा वर्ष 1860 के बाद से दक्षिण अफ्रीका में कृषि श्रमिकों के रूप में चीनी और अन्य कृषि बागानों में तथा मिल संचालकों के रूप में काम करने के लिये आया था।
- अफ्रीकी महाद्वीप में दक्षिण अफ्रीका सर्वाधिक भारतीय डायस्पोरा का घर है, जिसकी कुल संख्या 1,218,000 है, जो दक्षिण अफ्रीका की कुल आबादी का 3% है।
- वर्ष 2003 के बाद से भारत प्रत्येक वर्ष 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाता है (जिस दिन महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे)।
आगे की राह:
- भारत-दक्षिण अफ्रीका की साझेदारी प्रगतिशील और अग्रगामी रही है। उनकी समृद्ध संस्कृति एवं लोगों के बीच संपर्क भारत-दक्षिण अफ्रीका संबंधों को गुणवत्ता प्रदान करते हैं।
- यह स्वाभाविक है कि दक्षिण अफ्रीका को एशिया में अन्य भागीदारों की आवश्यकता है जैसे- भारत अफ्रीका में अन्य को साझेदार बनाने में लगा हुआ है। हालाँकि भारत और दक्षिण अफ्रीका दोनों को लगातार इस बात को ध्यान में रखना होगा कि उनके अपने द्विपक्षीय संबंध प्राथमिकता के पात्र हैं और इसमें अपार संभावनाएँ हैं।