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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत-सेशेल्स

  • 12 Apr 2021
  • 12 min read

चर्चा में ?

हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री और सेशेल्स के राष्ट्रपति के मध्य एक आभासी बैठक संपन्न हुई।

Seychelles

प्रमुख बिंदु:

बैठक में संपन्न कार्यक्रम:

  • संयुक्त उद्घाटन:
    • सेशल्स की राजधानी माहे में कुल 3.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत से निर्मित नए मजिस्ट्रेट भवन (New Magistrates’ Court), 3.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर का 1 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र (Solar Power Plant) तथा सेशेल्स में 10 सामुदायिक विकास परियोजनाओं (Community Development Projects) का उद्घाटन भारतीय प्रधानमंत्री और सेशेल्स के राष्ट्रपति द्वारा किया गया।  
      • इस सभी परियोजनाओं को भारत की मदद से पूरा किया गया है।
    • भारत द्वारा सेशेल्स में अब तक 29 छोटी जन-उन्मुख विकास परियोजनाओं (Small People-Oriented Development Projects )  को पूर्ण किया जा चुका गया है इनके अलावा 1 मेगावाट की  सौर परियोजना को 146 सरकारी भवनों को घरों में सौर प्रणाली स्थापित करने के लिये विकसित किया गया है।
    • यह सौर संयंत्र वर्ष भर में लगभग 400 घरों की बिजली की ज़रूरतों को पूरा करेगा।
  • तीव्र गश्ती पोत:
    • भारत द्वारा ‘पीएस ज़ोरोस्टर’ (PS Zoroaster) जो कि एक तीव्र गश्ती पोत (Fast Patrol Vessel) है, द्वीपीय राष्ट्र सेशेल्स को सौंपा गया है। 
    • कुल 100 करोड़ की लागत से निर्मित 48.9 मीटर लंबा तथा 35 नॉट गति वाले इस गश्ती पोत का निर्माण ‘गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियरिंग’ (रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में) द्वारा किया गया है।
    • इस पोत का इस्तेमाल बहुउद्देश्यीय संचालन हेतु किया जाएगा जिसमें गश्त, तस्करी विरोधी और अवैध शिकार विरोधी अभियान और खोज तथा बचाव कार्य शामिल होंगे।
    • भारत पहले भी वर्ष 2005, 2014 और 2016 में सेशेल्स को इस प्रकार के पोत दे चुका है।

सेशेल्स के प्रति भारत का रुख: 

  • सेशेल्स भारत की ‘सागर’ (Security and Growth for All in the Region-SAGAR) पहल के केंद्र में है।
  • भारत की सुरक्षा क्षमताओं को विकसित करने और अवसंरचनात्मक और विकासात्मक ज़रूरतों को पूरा करने में सेशेल्स की भागीदार का होना भारत के लिये सम्मान की बात है।

भारत के प्रति सेशेल्स का रुख: 

  • भारत सेशेल्स का एक विश्वसनीय और भरोसेमंद साझेदार है।
  • अप्रैल, 2021 के अंत तक अर्थव्यवस्था के खुलने तथा भारत द्वारा सेशेल्स को कोविड-19 टीकों की 50,000 खुराक की मदद की जा चुकी है।
    • सेशेल्स भारत को कोविड -19 की वैक्सीन उपलब्ध कराने वाला पहला देश था। 

भारत-सेशेल्स संबंध: 

पृष्ठभूमि:

  • वर्ष 1976 में सेशेल्स ने अपनी स्वतंत्रता के बाद, भारत के साथ अपने  राजनयिक संबंध स्थापित किये है ।
  • जब से सेशेल्स को स्वतंत्रता प्राप्त हुई, तब से सेशेल्स के स्वतंत्रता दिवस समारोह में भारतीय नौसेना के जहाज़ INS नीलगिरि द्वारा हिस्सा लिया जा रहा है।
    • तब सेशेल्स के राष्ट्रीय दिवस समारोह में भारतीय सैन्य भागीदारी की परंपरा आज तक जारी है।
  • वर्ष 1979 में भारत द्वारा विक्टोरिया (सेशेल्स) में एक मिशन प्रारंभ किया गया जोकि ‘दार-ए-सलाम’ (तंज़ानिया) में स्थापित उच्चायुक्त के साथ समवर्ती रूप से संबद्ध था।
  • वर्ष 1987 में भारत द्वारा अपने पहले स्थायी उच्चायुक्त को सेशेल्स में नियुक्त किया गया था, जबकि सेशेल्स ने वर्ष 2008 के प्रारंभ में नई दिल्ली में अपना स्थायी मिशन खोला।

आर्थिक संबंध:

  • वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान भारत द्वारा सेशेल्स को 84.49 मिलियन अमेरिकी डॉलर के सामान का निर्यात और 5.27 मिलियन अमरीकी डॉलर के सामान का आयात किया गया है।
  • अगस्त, 2015 में भारत और सेशेल्स के मध्य कर सूचना विनिमय समझौते (Tax Information Exchange Agreement- TIEA) पर हस्ताक्षर किये गए थे। सेशेल्स भी दोहरा कराधान अपवंचन समझौता (Double Tax Avoidance Agreement- DTAA) पर हस्ताक्षर करने का इच्छुक है।

ऊर्जा और पर्यावरण:

  • अगस्त 2015 में भारत और सेशेल्स के मध्य ब्लू इकोनॉमी प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किये गए थे।
    • हाल ही में, भारत को हिंद महासागर आयोग (Indian Ocean Commission) के पर्यवेक्षक के रूप में स्वीकार किया गया है, सेशेल्स भी जिसका सदस्य है।
  • सितंबर 2017 में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance-ISA) फ्रेमवर्क समझौते के अनुसमर्थन के साथ, सेशेल्स आधिकारिक रूप से ISA के संस्थापक सदस्यों में शामिल हो गया है।
    • ISA भारत की एक पहल है। 

सांस्कृतिक संबंध :

  • सेशेल्स में भारतीय प्रवासी की महत्त्वपूर्ण उपस्थिति है, जिसके कारण दो ही देशों की सरकारों के समर्थन से दोनों देशों के मध्य सांस्कृतिक संपर्क मुख्य रूप से समुदाय-संचालित (Community-Driven) रहे हैं।
  • सेशेल्स में भारतीय मूल के व्यक्तियों  (PIO) की पहल पर, कई भारतीय सांस्कृतिक समूह नियमित रूप से सेशेल्स में अपनी विशेष प्रस्तुति देते हैं।
  • जून 2018 में दोनों देशों के मध्य मित्रता और सद्भाव को चिह्नित करने हेतु भारत द्वारा सेशेल्स के साथ सांस्कृतिक विनिमय कार्यक्रम (Cultural Exchange Programme- CEP) पर हस्ताक्षर किये गए थे।

भारतीय समुदाय:

  • सेशेल्स के नागरिकों के साथ यहाँ भारतीय मूल के लोगों की संख्या लगभग 10,000 (या जनसंख्या का 11%) अनुमानित है, जो सेशेल्स की  96,000 (अप्रैल 2019) की कुल आबादी के साथ महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
    • ‘गेनफुल एम्प्लॉयमेंट परमिट’ (Gainful Employment Permits) वाले लगभग 10,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से ज़्यादातर निर्माण क्षेत्र, दुकान सहायकों और कुछ व्यवसायों में कामगार  के रूप में कार्य करते हैं।

रक्षा:

  • भारत और सेशेल्स के पास रक्षा और सुरक्षा सहयोग की एक विस्तृत रूपरेखा है, जो वर्षों से सामरिक रूप से महत्त्वपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र (Indian Ocean Region) में बढ़ती समुद्री डकैती और अन्य आर्थिक अपराधों के साथ और अधिक मज़बूत हुई है।
  • वर्ष 2015 में भारत द्वारा सेशेल्स में तटीय सुरक्षा हेतु छह तटीय निगरानी रडार प्रणाली (Coastal Surveillance Radar Systems) स्थापित किये गए।
  • सेशेल्स सरकार द्वारा भारतीय नौ-सेना को एक ओवरसीज़ बेस के निर्माण हेतु अज़म्पसन द्वीप (Assumption Island) को पट्टे पर दिया गया है।  
    • सेशेल्स के अज़म्पसन द्वीप पर बुनियादी  ढाँचे को विकसित करना भारत की सक्रिय समुद्री रणनीति का एक महत्त्वपूर्ण  हिस्सा है क्योंकि यह हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की गतिविधियों पर निगरानी रखता है।
    • भारत इस द्वीप पर  बुनियादी  ढाँचे को "रणनीतिक संपत्ति" के रूप में विकसित कर रहा है।

सागर: 

  • वर्ष 2015 में सागर (Security and Growth for All in the Region- SAGAR) पहल को शुरू किया गया था। यह हिंद महासागर क्षेत्र ( Indian Ocean Region- IOR) में भारत के रणनीतिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।
  • SAGAR पहल के माध्यम से भारत अपने समुद्री पड़ोसियों के साथ आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को मज़बूत कर उनकी समुद्री सुरक्षा क्षमताओं के निर्माण में सहायता करना चाहता है।
  • इसके अलावा भारत अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित कर हिंद महासागर क्षेत्र में एक समावेशी, सहयोगी और अंतर्राष्ट्रीय कानून का सम्मान सुनिश्चित करना चाहता है।
  • सागर की प्रासंगिकता तब और अधिक हो जाती है जब इसे भारत की अन्य नीतियों के साथ जोडकर देखा जाता है, जैसे- एक्ट ईस्ट पॉलिसी (Act East Policy), प्रोजेक्ट सागरमाला (Project Sagarmala), प्रोजेक्ट मौसम (Project Mausam) जो कि भारत द्वारा ब्लू इकोनॉमी आदि पर ध्यान केंद्रित करती है। 

आगे की राह: 

  • सेशेल्स क्षेत्र में कई प्रमुख शक्तियों के निहित स्वार्थों के कारण यह एक रणनीतिक स्थान बना हुआ है, हालांकि अन्य देशों की तुलना में सेशेल्स में भारत की छवि काफी सकारात्मक है। 
  • समकालीन समय में सेशेल्स के भू-सामरिक महत्त्व को कम करके नहीं आंका जा सकता है, बल्कि आने वाले समय में यह और अधिक बढ़ेगा जिस पर चीन अपना प्रभुत्व स्थापित करने की कोशिश कर रहा है ऐसी स्थति में भारत को सख्त रुख अपनाने की आवश्यकता है।
  • समुद्र के पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करते हुए नशीले पदार्थों की तस्करी, IUU (अवैध, बिना लाइसेंस और अनियमित) मछली पकड़ने, समुद्री डकैती और जलवायु परिवर्तन (Climate Change) से निपटने हेतु दोनों देशों को साझा प्रयासों को मज़बूत करने की भी आवश्यकता है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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