मुख्य परीक्षा
भारत की व्यापार गतिशीलता
- 19 Apr 2025
- 7 min read
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
टैरिफ तनाव के बीच अग्रिम शिपमेंट के परिणामस्वरूप अमेरिका को भारत का निर्यात 86.51 बिलियन अमेरिकी डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर रहा, जबकि चीन से आयात बढ़कर 113.45 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो चीन पर बढ़ती निर्भरता और वैश्विक व्यापार गतिशीलता में बदलाव का संकेत है।
भारत के व्यापार प्रदर्शन को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक क्या हैं?
- फ्रंट-लोडिंग रणनीति: निर्यात में हुई तीव्र वृद्धि का श्रेय मुख्य रूप से निर्यातकों को दिया जा सकता है, जिन्होंने अप्रैल में लागू होने वाली प्रत्याशित पारस्परिक टैरिफ वृद्धि से पहले ही शीघ्रता से शिपमेंट का प्रेषण किया।
- मांग और बाज़ार में प्रभुत्व: अमेरिका और ब्रिटेन जैसे प्रमुख बाज़ारों में भारत की निर्यात हिस्सेदारी में क्रमशः 13.73% और 14.31% की वृद्धि हुई, जो मांग में वृद्धि और बाज़ार में विस्तार का संकेत है।
- निर्यात में क्षेत्रवार वृद्धि: इस वृद्धि में प्रमुख योगदान इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र का रहा, जिसमें निर्यात में 32% की वृद्धि दर्ज की गई, जो मुख्य रूप से स्मार्टफोन शिपमेंट में बढ़ोतरी के कारण हुई, जिससे कुल निर्यात 38 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
- कॉफी निर्यात में 40% की वृद्धि हुई और यह 1.8 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया। इसकी मांग में हुई तीव्र वृद्धि का कारण ब्राज़ील में, जो विश्व के शीर्ष कॉफी उत्पादकों में से एक है, अनावृष्टि और उच्च तापमान के कारण वैश्विक आपूर्ति में उत्पन्न हुए व्यवधान था।
- सेवा निर्यात: वित्त वर्ष 2025 के दौरान यह 12.45% की वृद्धि के साथ बढ़कर 383.51 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। सेवाओं का आयात 195.95 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर रहने के साथ, भारत ने अपने सेवा व्यापार में एक महत्त्वपूर्ण अधिशेष बनाए रखा।
भारत का व्यापार परिदृश्य:
- कुल निर्यात: वित्त वर्ष 2024-25 में 820 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया, जो वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में 5.5-6% की वृद्धि है।
- अप्रैल-फरवरी 2025 के लिये व्यापारिक निर्यात 395.63 बिलियन अमरीकी डॉलर होने का अनुमान है, पूरे वर्ष का अनुमान लगभग 438 बिलियन अमरीकी डॉलर है।
- कुल आयात: वित्त वर्ष 2024-25 के लिये 915 बिलियन अमेरिकी डॉलर अनुमानित है, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 675.44 बिलियन अमेरिकी डॉलर (पण्य) से 6.9% अधिक है, जो कमोडिटी की उच्च कीमतों और मांग को दर्शाता है।
- अप्रैल-फरवरी 2025 के लिये सेवाओं का निर्यात 354.90 बिलियन अमरीकी डॉलर दर्ज किया गया, जिसका पूर्ण वर्ष अनुमान 382-383 बिलियन अमरीकी डॉलर है, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 341.1 बिलियन अमरीकी डॉलर से 12% की मज़बूत वृद्धि को दर्शाता है।
- व्यापार घाटा: वित्त वर्ष 2024-25 के लिये 94 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहने का अनुमान है, जो आयात में कमी और सेवा निर्यात वृद्धि के कारण वित्त वर्ष 2023-24 के 238.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से कम है।
भारत के व्यापार बास्केट का क्षेत्रीय प्रदर्शन क्या है?
- प्रमुख निर्यात क्षेत्र:
- भारत के निर्यात बास्केट में पेट्रोलियम उत्पादों का सबसे बड़ा योगदान है। वर्ष 2023 में, भारत ने 55.8 बिलियन अमरीकी डॉलर का परिष्कृत पेट्रोलियम निर्यात किया, जिससे यह विश्व में परिष्कृत पेट्रोलियम का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक बन गया।
- 25% योगदान देने वाले इंजीनियरिंग सामान में मज़बूत वृद्धि देखी गई है, जबकि इलेक्ट्रॉनिक्स, विशेष रूप से स्मार्टफोन में वित्त वर्ष 2020 से 151% की वृद्धि हुई है।
- मसाले और कृषि उत्पाद महत्त्वपूर्ण बने हुए हैं, भारत 180 से अधिक देशों को 225 मसाला उत्पादों का निर्यात करता है।
- प्रमुख आयात क्षेत्र:
- भारत के आयात में कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों का प्रभुत्व है, जो आयात का 32% है, जो देश की 80% से अधिक आयातित ऊर्जा पर निर्भरता को दर्शाता है।
- सांस्कृतिक मांग के कारण अप्रैल 2024 में सोने के आयात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जबकि विनिर्माण क्षेत्र के लिये आवश्यक इलेक्ट्रॉनिक्स और मशीनरी का आयात 11.7% रहा।
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UPSC सिविल सेवा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्सप्रश्न: भुगतान संतुलन के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन चालू खाता प्रदर्शित करता है/गठन करता है? (2014)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: C प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन-से पूँजीगत लेखा की रचना करते हैं? (2013)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये। (a) 1, 2 और 3 उत्तर: B मेन्सप्रश्न: सोने के लिये भारतीयों के उन्माद ने हाल के वर्षों में सोने के आयात में प्रोत्कर्ष (उछाल) उत्पन्न कर दिया है और भुगतान-संतुलन और रुपए के बाह्य मूल्य पर दबाव डाला है। इसको देखते हुए, स्वर्ण मुद्रीकरण योजना के गुणों का परीक्षण कीजिये। (2015) |