अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत-पोलैंड संबंध
- 11 Feb 2021
- 9 min read
चर्चा में क्यों?
हाल ही में पोलैंड ने भारतीय प्रधानमंत्री को यूरोपीय संघ-भारत शिखर सम्मेलन (मई 2021) और G7 समूह की बैठक के दौरान अपने देश आने हेतु आमंत्रित किया है।
- गौरतलब है कि इस प्रस्तावित यात्रा के दौरान भारत के प्रधानमंत्री यूरोपीय संघ-भारत शिखर सम्मेलन (मई 2021) में हिस्सा लेने के लिये पुर्तगाल और G7 समूह की बैठक में भाग लेने हेतु कॉर्नवाल, यूनाइटेड किंगडम का (जून 2021) का दौरा करेंगे।
- पोलैंड, भारत के साथ COVID-19 महामारी के कारण निलंबित सीधी उड़ानों को फिर से शुरू करने के लिये एक ट्रैवल बबल व्यवस्था (Travel Bubble Arrangement) पर बातचीत कर रहा है।
- ट्रैवल बबल व्यवस्था के अंतर्गत उन देशों या राज्यों को फिर से जोड़ना शामिल है, जिन्होंने घरेलू स्तर पर COVID-19 महामारी से लड़ने में अच्छा प्रदर्शन किया है।
- ट्रैवल बबल की व्यवस्था से ऐसे समूह में देशों को आपसी व्यापार, यात्रा और पर्यटन को पुनः खोलने की सुविधा मिलती है।
प्रमुख बिंदु
- पृष्ठभूमि:
- भारत और पोलैंड के बीच वर्ष 1954 में राजनयिक संबंध स्थापित किये गए जिसके बाद वर्ष 1957 में वारसा में भारतीय दूतावास खोला गया।
- दोनों देशों की वैचारिक धारणाओं में समानता है जो उपनिवेशवाद, साम्राज्यवाद और नस्लवाद के विरोध पर आधारित है।
- पोलैंड के कम्युनिस्ट युग (1944-1989) के दौरान दोनों देशों के बीच उच्च स्तर पर नियमित यात्राओं और राज्य व्यापार संगठनों द्वारा नियोजित व्यापार तथा आर्थिक वार्ताओं के साथ द्विपक्षीय संबंध घनिष्ठ एवं सौहार्दपूर्ण थे।
- वर्ष 1989 में पोलैंड द्वारा लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था को चुनने के बाद भी दोनों देशों की घनिष्ठता बनी हुई है।
- वर्तमान सदी में भारत और पोलैंड के बीच एक सौहार्दपूर्ण राजनीतिक संबंध का उदय देखने को मिला है, विशेष रूप से वर्ष 2004 में पोलैंड के यूरोपीय संघ में शामिल होने के बाद से, जब यह मध्य यूरोप में भारत का एक प्रमुख आर्थिक साझेदार बन गया।
- आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध:
- निर्यात:
- पोलैंड, मध्य यूरोप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार होने के साथ इस क्षेत्र में भारतीय निर्यात के लिये सबसे बड़ा बाज़ार रहा है। ग़ौरतलब है कि पिछले 10 वर्षों में भारत और पोलैंड के द्विपक्षीय व्यापार में लगभग सात गुना वृद्धि देखने को मिली है।
- भारतीय आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019 में भारत और पोलैंड के बीच द्विपक्षीय व्यापार का समग्र मूल्य 2.36 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
- वर्ष 2019 में भारत से पोलैंड को किया गया निर्यात भारत के कुल निर्यात का मात्र 0.48% था और जबकि इससे दौरान भारत के कुल आयात में मात्र 0.15% पोलैंड से संबंधित था।
- आँकड़ों के अनुसार द्विपक्षीय व्यापार में पिछले वर्षों की तुलना में वर्ष 2019 में 2.5% की वृद्धि देखी गई है।
- निवेश:
- पोलैंड में भारतीय निवेश 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है।
- भारत में कुल पोलिश निवेश लगभग 672 मिलियन अमेरिकी डॉलर है।
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI):
- अप्रैल 2000 से मार्च 2019 के बीच भारत को पोलैंड से 672 मिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्राप्त हुआ, जो इस अवधि में भारत में हुए कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का 0.16% था।
- निर्यात:
- क्षेत्रीय सहयोग:
- कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र:
- पोलैंड के पास संरक्षण/भंडारण प्रौद्योगिकियों सहित विश्व स्तर के खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों का स्वामित्व है, जबकि भारत कई फलों, डेयरी और कृषि उत्पादों के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है।
- अप्रैल 2017 में दोनों देशों के बीच तकनीकी और संस्थागत सहयोग के लिये कृषि क्षेत्र से जुड़े एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।
- सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र:
- वर्तमान में लगभग 13 भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियाँ पोलैंड में सक्रिय हैं, जो 10,000 से अधिक पेशेवरों को नियुक्त करती हैं और वे भारत से भी अपना यूरोपीय ऑपरेशन चला रही हैं।
- कपड़ा क्षेत्र:
- वर्तमान में कपड़ा क्षेत्र के कुल भारतीय आयात में पोलिश वस्त्रों और परिधानों की हिस्सेदारी मात्र 3.73% (400 मिलियन अमरीकी डॉलर) है।
- अतः भारतीय निर्यातकों के लिये अनुकूल परिस्थितियाँ निर्मित करते हुए इस क्षेत्र के निर्यात में वृद्धि की जा सकती है।
- वर्तमान में भारत द्वारा पोलैंड को निर्यात किया जाने वाला लगभग 30-40% माल इसके द्वारा पुनः अन्य यूरोपीय संघ के देशों में निर्यात किया जाता है।
- खनन/ऊर्जा क्षेत्र:
- पोलैंड के पास प्रतिष्ठित स्वच्छ कोयला तकनीकी ज्ञान है और पोलिश सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने भारत में खनन तथा बिजली क्षेत्रों के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं।
- भारत और पोलैंड द्वारा कोयला तथा खनन क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिये वर्ष 2019 में एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये गए।
- दवा और रसायन क्षेत्र:
- पोलैंड की रणनीतिक स्थिति, स्वास्थ्य कर्मियों की कमी तथा पिछले 5 वर्षों में फार्मा बाज़ार में 25% वृद्धि के कारण भारतीय निर्यातकों और निवेशकों के लिये पोलैंड में अच्छे अवसर हैं।
- कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र:
- सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंध:
- पोलैंड में इंडोलॉजी (Indology) के अध्ययन की एक मज़बूत परंपरा है। पोलिश विद्वानों ने 19वीं शताब्दी में ही संस्कृत के ग्रंथों का अपनी भाषा में अनुवाद कर लिया था।
- पोलिश मिशन द्वारा वर्ष 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ का आयोजन किया।
- महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर पोलिश पोस्ट (Poczta Polska) ने एक स्मारक डाक टिकट जारी किया।
- पोलैंड के गुरुद्वारा साहिब में गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर पोलिश मिशन और पोलैंड के गुरुद्वारा साहिब ने संयुक्त रूप से समारोह आयोजित किया था।
- 21 जून, 2015 को पोलैंड के 21 शहरों में पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Day of Yoga) का आयोजन किया गया था। इन कार्यक्रमों में लगभग 11000 लोगों ने भाग लिया था।
- भारतीय समुदाय:
- पोलैंड में भारतीय समुदाय की संख्या लगभग लगभग 10,000 हैं, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों (वस्त्र, इलेक्ट्राॅनिक्स आदि) से जुड़े व्यापारी (जो साम्यवाद के पतन के बाद आए) और बहुराष्ट्रीय या भारतीय कंपनियों में काम करने वाले पेशेवर तथा सॉफ्टवेयर/आईटी विशेषज्ञ और भारतीय छात्र (जिनकी संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है) शामिल हैं।
स्रोत: द हिंदू