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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत-नीदरलैंड

  • 13 Apr 2021
  • 8 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत और नीदरलैंड के प्रधानमंत्रियों ने एक आभासी शिखर सम्मेलन (Virtual Summit) में भाग लिया।

  • यह नीदरलैंड के प्रधानमंत्री का मार्च 2021 में हुए आम चुनावों के बाद पहला उच्च स्तरीय शिखर सम्मेलन था।
  • इससे पहले नीदरलैंड के राजा और रानी ने वर्ष 2019 में दोनों देशों द्वारा साझा किये जाने वाले द्विपक्षीय संबंधों को गति देने के लिये भारत का दौरा किया था।

Amsterdam

प्रमुख बिंदु

द्विपक्षीय अनुबद्धता की समीक्षा:

  • दोनों देशों ने व्यापार और अर्थव्यवस्था, जल प्रबंधन, कृषि क्षेत्र, स्मार्ट सिटी, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य एवं अंतरिक्ष जैसे विविध क्षेत्रों में अपने संबंध और मज़बूत करने के लिये विचार साझा किये।
  • भारत-नीदरलैंड के बीच स्वच्छ भारत, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, सागरमाला, आयुष्मान भारत और स्टार्टअप इंडिया जैसे महत्वाकांक्षी तथा अभिनव कार्यक्रमों में सहयोग के अपार अवसर हैं।
  • दोनों देशों ने जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद से मुकाबला और कोविड-19 महामारी जैसी उभरती क्षेत्रीय तथा वैश्विक चुनौतियों पर भी अपने विचार साझा किये एवं हिंद प्रशांत क्षेत्र, आपूर्ति शृंखला की निरंतरता जैसे नए क्षेत्रों में भी मिलकर कार्य करने पर सहमति व्यक्त की।

जल पर सामरिक भागीदारी:

  • दोनों देशों ने जल क्षेत्र पर रणनीतिक साझेदारी को संस्थागत स्वरूप देने पर सहमति व्यक्त की ताकि जल क्षेत्र से जुड़े इंडो-डच सहयोग को और अधिक मज़बूत किया जा सके। इसके अलावा जल विषय पर संयुक्त कार्य बल को मंत्री स्तरीय किये जाने पर भी सहमति बनी।
    • भारत और नीदरलैंड ने वर्ष 2019 में नई दिल्ली में संयुक्त सहयोग के एक भाग के रूप में ‘स्वस्थ पुन: उपयोग के लिये शहरी सीवेज धाराओं के स्थानीय उपचार’ (LOTUS-HR) के दूसरे चरण को शुरू किया था।

अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिये प्रतिबद्धता:

  • दोनों नेताओं ने अंतर्राष्ट्रीय शांति, स्थिरता और संपन्नता के लिये नियम आधारित बहुपक्षीय व्यवस्था के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई तथा मई 2021 में पुर्तगाल में प्रस्तावित भारत-यूरोपीय संघ (European Union) के नेताओं के सफल सम्मेलन की कामना की।

भारत का पक्ष:

  • भारत और नीदरलैंड का जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और महामारी जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिये एक समान दृष्टिकोण है।
  • भारत ने नीदरलैंड का अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance) और आपदा रोधी बुनियादी ढाँचा पर सहयोग (Coalition for Disaster Resilient Infrastructure) को अपना समर्थन देने के लिये धन्यवाद किया।
    • ISA और CDRI दोनों ही भारत की पहल है।
  • भारत ने नीदरलैंड की हिंद-प्रशांत नीति और 2023 में जी-20 के भारत के अध्यक्षीय कार्यकाल में मिलकर काम करने की इच्छा का स्वागत किया।
  • निवेश प्रोत्साहित करने के लिये एक फास्ट ट्रैक तंत्र को स्थापित करने से दोनों देशों के बीच मज़बूत आर्थिक सहयोग को नई गति मिलेगी।

भारत-नीदरलैंड संबंध

आर्थिक और व्यापार:

  • भारत और नीदरलैंड के बीच आर्थिक साझेदारी द्विपक्षीय संबंधों का एक प्रमुख स्तंभ है।
  • नीदरलैंड से भारत में वित्त वर्ष 2018-19 में विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 3.87 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आया था। अतः नीदरलैंड इस अवधि में मॉरीशस और सिंगापुर के बाद भारत में निवेश करने वाला तीसरा सबसे बड़ा निवेशक देश था।
  • भारतीय कंपनियों के विदेशी निवेश का नीदरलैंड मार्च 2018 के अंत तक दूसरा सबसे बड़ा पसंदीदा स्थान था।
  • भारत और नीदरलैंड के बीच वर्ष 2017-18 में द्विपक्षीय व्यापार 8.77 बिलियन अमेरिकी डॉलर था जो वर्ष 2018-19 में बढ़कर 12.87 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
    • इस द्विपक्षीय व्यापार को वर्ष 2025 तक  18-23 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आसपास होने का अनुमान है।
  • नीदरलैंड भारत का यूरोपीय संघ में 5वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और भारत में निवेश करने वाले अग्रणी देशों में से एक है।
  • नीदरलैंड की लगभग 200 कंपनियाँ भारत में और भारत की की लगभग 160 कंपनियाँ नीदरलैंड में सक्रिय हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान नीदरलैंड में निवेश करने वाली भारतीय आईटी कंपनियों में बढ़ोतरी हुई है।

ऐतिहासिक संबंध:

  • भारत-नीदरलैंड संबंध 400 वर्ष से अधिक पुराने हैं, लगभग 17वीं शताब्दी ईस्वी में भारत में पहली डच कंपनी (डच ईस्ट इंडिया कंपनी) स्थापित हुई थी।
  • दोनों देश लोकतंत्र, बहुलवाद और कानून के शासन के सामान्य आदर्शों को भी साझा करते हैं।

सांस्कृतिक संबंध:

  • नीदरलैंड में भारतीय प्रवासियों की बड़ी संख्या मौजूद है। नीदरलैंड्स में भारतीय छात्रों और पेशेवर समुदायों की बढ़ती संख्या के चलते दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधो में मज़बूती देखी जा रही है, साथ ही इससे तकनीकी साझेदारी को भी बढ़ावा मिल रहा है।
  • भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (Indian Council for Cultural Relation) द्वारा अक्तूबर 2011 में हेग में एक सांस्कृतिक केंद्र (गाँधी केंद्र) की स्थापना की गई।
  •  पाँचवा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Day of Yoga) 16 जून, 2019 को एम्स्टर्डम के प्रतिष्ठित डैम स्क्वायर (Dam Square) में मनाया गया।

आगे की राह

  • नीदरलैंड और भारत को अपनी वास्तविक क्षमता हासिल करना अभी बाकी है। दोनों राष्ट्रों की भू-राजनीतिक तथा आर्थिक आवश्यकताओं को देखते हुए सहयोग की भारी संभावना है।
  • अधिक आर्थिक और रक्षा सहयोग के साथ-साथ सर्वोच्च स्तर पर नेताओं की भागीदारी नए स्तर पर संबंधों को ले जाने के लिये समय की माँग है।
  • अगले पाँच वर्षों में जैसे-जैसे भारत आगे बढ़ेगा, नीदरलैंड की कंपनियाँ भारत आएंगी और भारत को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में सहयोग करेंगी।

स्रोत: पी.आई.बी.

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