भारत डेनमार्क सहयोग | 01 Mar 2023
प्रिलिम्स के लिये:ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप, विश्व व्यापार संगठन, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, आर्कटिक काउंसिल। मेन्स के लिये:ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप, भारत-डेनमार्क संबंध। |
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने कहा कि भारत और डेनमार्क संयुक्त रूप से नई दिल्ली में 'इंडिया-डेनमार्क: पार्टनर्स फॉर ग्रीन एंड सस्टेनेबल प्रोग्रेस कॉन्फ्रेंस' के दौरान महत्त्वाकांक्षी जलवायु एवं सतत् ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने की व्यवहार्यता प्रदर्शित कर सकते हैं।
- वर्ष 2020 में ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के शुभारंभ के बाद से द्विपक्षीय सहयोग हरित और सतत् विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप:
- ग्रीन स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप एक पारस्परिक रूप से लाभकारी समझौता है जिसका उद्देश्य राजनीतिक सहयोग को आगे बढ़ाना, आर्थिक संबंधों और हरित विकास का विस्तार करना, रोज़गार सृजित करना एवं पेरिस समझौते तथा संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास लक्ष्यों के महत्त्वाकांक्षी कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करने के साथ वैश्विक चुनौतियों व अवसरों को संबोधित करने में सहयोग को मज़बूत करना है।
- विशिष्ट तकनीकों और विशेषज्ञता वाली डेनमार्क की कंपनियों ने प्रमुख रूप से पराली जलाने की समस्या से निपटने सहित वायु प्रदूषण नियंत्रण लक्ष्यों को पूरा करने में भारत की मदद करने की पेशकश की है।
- साझेदारी के तहत अन्य प्रमुख बिंदुओं में कोविड-19 महामारी से निपटना और जल दक्षता तथा जल संकट की स्थिति में सहयोग करना शामिल है।
- बड़ी संख्या में डेनिश फर्मों वाले क्षेत्रों में भारत-डेनमार्क ऊर्जा पार्कों का निर्माण और भारतीय जनशक्ति को प्रशिक्षित करने के लिये एक ‘भारत-डेनमार्क कौशल संस्थान’ का प्रस्ताव किया गया है।
- हरित रणनीतिक साझेदारी का गठन (The Green Strategic Partnership) मौजूदा संयुक्त आयोग और संयुक्त कार्य समूहों के सहयोग के लिये किया जाएगा।
भारत-डेनमार्क सहयोग की स्थिति
- पृष्ठभूमि:
- सितंबर 1949 में स्थापित भारत और डेनमार्क के बीच राजनयिक संबंधों को नियमित उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान द्वारा चिह्नित किया गया है।
- दोनों देशों का उद्देश्य ऐतिहासिक संबंध, आम लोकतांत्रिक परंपराएँ, क्षेत्रीय, साथ ही अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं स्थायित्व के लिये साझेदार के रूप में काम करना है।
- वर्ष 2020 में आयोजित वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को "हरित रणनीतिक साझेदारी" के स्तर तक उन्नत किया गया।
- वाणिज्यिक और आर्थिक संबंध:
- भारत और डेनमार्क के बीच वस्तुओं एवं सेवाओं का द्विपक्षीय व्यापार 78% बढ़कर वर्ष 2016 के 2.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर से वर्ष 2021 में 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है।
- भारत से डेनमार्क को निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में वस्त्र, परिधान एवं सूत से संबंधित, वाहन एवं पुर्जे, धात्विक वस्तुएँ, लौह-इस्पात, जूते एवं यात्रा की वस्तुएँ शामिल हैं।
- भारत में डेनमार्क से होने वाले प्रमुख आयात में औषधीय/दवा संबंधी वस्तुएँ, विद्युत उत्पन्न करने वाली मशीनरी, औद्योगिक मशीनरी, धातु अपशिष्ट एवं अयस्क तथा जैविक रसायन शामिल हैं।
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान:
- भारत का 75वाँ स्वतंत्रता दिवस कोपेनहेगन में बड़े उत्साह के साथ मनाया गया जिसमें बड़ी संख्या में प्रवासी लोगों ने ध्वजारोहण समारोह तथा आज़ादी के अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में आयोजित रंगारंग कार्यक्रमों में भाग लिया।
- इस संदर्भ में महत्त्वपूर्ण सड़कों और सार्वजनिक स्थानों का नाम भारतीय नेताओं के नाम पर रखा गया है, जिनमें आर्हस में आरहु विश्वविद्यालय के पास एक नेहरू रोड और कोपेनहेगन का गांधी पार्क शामिल हैं।
- बौद्धिक संपदा सहयोग:
- वर्ष 2020 में हस्ताक्षर किये गए समझौता ज्ञापन का उद्देश्य दोनों देशों के बीच बौद्धिक संपदा सहयोग बढ़ाना, पेटेंट के लिये आवेदन निपटान हेतु प्रक्रियाओं संबंधी सूचना और सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान -प्रदान, औद्योगिक डिज़ाइन, भौगोलिक संकेतक तथा पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण के क्षेत्र में सहयोग करना है।
- यह वैश्विक नवाचार में एक प्रमुख अभिकर्त्ता बनने और राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति, 2016 के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने की दिशा में भारत की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक कदम होगा।
आगे की राह
- भारत और डेनमार्क को विश्व व्यापार संगठन, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, आर्कटिक परिषद जैसे लोकतंत्र और मानवाधिकारों को प्रोत्साहित करने एवं नियम-आधारित बहुपक्षीय प्रणाली को बढ़ावा देने के लिये बहुपक्षीय मंचों में सहयोग करना चाहिये।