शासन व्यवस्था
इंडिया क्लाइमेट चेंज नॉलेज पोर्टल
- 28 Nov 2020
- 6 min read
चर्चा में क्यों:
हाल ही में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने ‘इंडिया क्लाइमेट चेंज नॉलेज पोर्टल’ (India Climate Change Knowledge Portal) शुरू किया है।
प्रमुख बिंदु:
इंडिया क्लाइमेट चेंज नॉलेज पोर्टल:
- उद्देश्य: यह पोर्टल नागरिकों को जलवायु परिवर्तन के मुद्दों से निपटने के लिये राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर उठाए जाने वाले सभी प्रमुख कदमों के बारे में नागरिकों के बीच ज्ञान के प्रसार में मदद करेगा।
- लाभ: यह एक ‘एकल बिंदु सूचना संसाधन’ (Single Point Information Resource) होगा जो विभिन्न मंत्रालयों द्वारा किये गये विभिन्न जलवायु संबंधी पहलों के बारे में जानकारी प्रदान करेगा ताकि उपयोगकर्त्ता इन पहलों की अद्यतन स्थिति का लाभ उठा सकें।
घटक: इस पोर्टल में शामिल आठ प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं:
1. भारत की जलवायु प्रोफाइल:
- देश का उत्तरी भाग ग्रीष्मकाल में गर्म और सर्दियों में ठंड के साथ एक महाद्वीपीय जलवायु के रूप में चित्रित किया गया है। देश के तटीय क्षेत्रों में वर्ष भर थोड़े बदलाव के साथ गर्म तापमान और तीव्र वर्षा का अनुभव किया जाता है।
2. राष्ट्रीय नीति ढाँचा:
- उदाहरण के लिये, देश में हानिकारक अपशिष्ट के पर्यावरणीय प्रबंधन के कार्यान्वयन को मज़बूत करने के लिये केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने हानिकारक और अन्य अपशिष्ट (प्रबंधन एवं निपटान) नियम, 2016 में संशोधन किया है।
भारत का राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) लक्ष्य:
- NDC, पेरिस समझौते और इन दीर्घकालिक लक्ष्यों की प्राप्ति के केंद्र में हैं।
- राष्ट्रीय उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के अनुकूल करने के लिये प्रत्येक देश द्वारा NDC के प्रयास।
4. अनुकूलन संबंधी कार्यवाही:
- ऊर्जा की उच्च मांग को पूरा करने के लिये भारत ने स्वच्छ ऊर्जा विकास के लिये कई पहलें की है। उदाहरण: जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन (Jawaharlal Nehru National Solar Mission) जिसका उद्देश्य भारत में सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाना है।
5. शमन क्रिया
- उदाहरण के लिये, जल संबंधी मुद्दों का समाधान करने के लिये भारत सरकार ने राष्ट्रीय जल मिशन (National Water Mission) शुरू किया।
6. द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय सहयोग
- पेरिस जलवायु समझौता बहुपक्षीय सहयोग का एक बड़ा उदाहरण है।
7. अंतर्राष्ट्रीय जलवायु वार्ता
- वर्ष 2015 में पेरिस में पार्टियों के सम्मेलन-21 (COP-21) में, भारत ने वैश्विक औसत तापमान में वृद्धि के लिये लक्ष्य सीमा के रूप में 1.5 डिग्री सेल्सियस स्वीकार किया और एक महत्वाकांक्षी घरेलू नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रम की घोषणा की।
8. रिपोर्ट एवं प्रकाशन
- उदाहरण के लिये, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) द्वारा प्रकाशित ‘भारतीय क्षेत्र पर जलवायु परिवर्तन का आकलन’ (Assessment of Climate Change over the Indian Region) जैसी रिपोर्ट।
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये अन्य पहल:
- राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (National Clean Air Programme- NCAP): यह पाँच वर्ष की कार्ययोजना है जिसमें आधार वर्ष के रूप में वर्ष 2017 से वर्ष 2024 तक पीएम 10 व पीएम 2.5 की सांद्रता में 20-30% की कमी का लक्ष्य रखा गया है।
- भारत 1 अप्रैल, 2020 से भारत स्टेज-IV (BS-IV) से भारत स्टेज-VI (BS-VI) उत्सर्जन मानदंडों में भी स्थानांतरित हो गया है, जिसे पहले वर्ष 2024 तक अपनाया जाना था।
- भारत ने उजाला योजना (UJALA Scheme) के तहत 360 मिलियन से अधिक एलईडी बल्ब वितरित किये हैं जिसके कारण प्रतिवर्ष लगभग 47 बिलियन यूनिट बिजली की बचत हुई है और प्रति वर्ष 38 मिलियन टन CO2 की कमी हुई है।
- अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन: यह एक भारतीय पहल है जिसकी कल्पना अपनी विशेष ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने के लिये सौर-संसाधन संपन्न देशों (जो कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच पूरी तरह से या आंशिक रूप से अवस्थित हैं) के गठबंधन के रूप में की गई है।
- जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPCC) वर्ष 2008 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य जन प्रतिनिधियों, सरकार की विभिन्न एजेंसियों, वैज्ञानिकों, उद्योग एवं समुदायों के बीच जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न खतरे और इससे निपटने के चरणों के बारे में जागरूकता पैदा करना है।