भारत-बांग्लादेश रेलवे लिंक बहाल | 08 Jun 2022
प्रिलिम्स के लिये:मिताली एक्सप्रेस, मैत्री एक्सप्रेस, मैत्री सेतु ब्रिज, सम्प्रीति अभ्यास, बोंगोसागर अभ्यास। मेन्स के लिये:भारत-बांग्लादेश संबंधों में विभिन्न रुझान, दक्षिण एशिया में कनेक्टिविटी के मुद्दे। |
चर्चा में क्यों?
कोविड-19 महामारी की शुरुआत के कारण ट्रेन सेवाओं को बंद करने के दो वर्ष बाद भारत-बांग्लादेश के बीच यात्री रेल सेवाएँ हाल ही में फिर से शुरू हो गई हैं।
- ट्रेन सेवाओं की बहाली के बाद निम्नलिखित ट्रेनों को झंडी दिखाकर रवाना किया गया है:
- ढाका से कोलकाता के लिये मैत्री एक्सप्रेस।
- न्यू जलपाईगुड़ी से ढाका के बीच मिताली एक्सप्रेस।
- कोलकाता से खुलना के लिये बंधन एक्सप्रेस।
भारत-बांग्लादेश के बीच अन्य महत्त्वपूर्ण रेल लिंक:
- पेट्रापोल (भारत)-बेनापोल (बांग्लादेश)
- गेदे (भारत)-दर्शन (बांग्लादेश)
- सिंहाबाद (भारत)-रोहनपुर (बांग्लादेश)
- राधिकापुर (भारत)-बिरोल (बांग्लादेश)
- हल्दीबाड़ी (भारत)-चिलाहाटी (बांग्लादेश)
- अगरतला (भारत)-अखौरा (बांग्लादेश)
भारत-बांग्लादेश संबंध:
- ऐतिहासिक संबंध:
- 50 साल पूर्व वर्ष 1971 में बांग्लादेश मुक्ति संघर्ष में भारत ने अभूतपूर्व सहयोग किया था क्योंकि इसने बांग्लादेश के नए राष्ट्र के गठन की दिशा में सहयोग किया था।
- रक्षा सहयोग:
- संयुक्त अभ्यास:
- सम्प्रीति (थलसेना) अभ्यास
- टेबल टॉप (वायुसेना)
- IN-BN कॉर्पेट (नौसेना)
- बोंगोसागर अभ्यास (नौसेना)
- संवेदना (SAMVEDNA) (बहुराष्ट्रीय मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) अभ्यास बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और संयुक्त अरब अमीरात के साथ )
- सीमा प्रबंधन: भारत, बांग्लादेश के साथ किसी भी पड़ोसी देश की तुलना में सबसे लंबी भूमि सीमा (4096.7 किमी.) साझा करता है।
- संयुक्त अभ्यास:
- आर्थिक संबंध:
- बांग्लादेश, उपमहाद्वीप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, दोनों देशों के बीच कुल द्विपक्षीय व्यापार 9.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर (2019-20) का है, जो पिछले वित्त वर्ष (2018-19) की तुलना में 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर के अंक को पार कर गया है।
- बांग्लादेश को भारत से होने वाला निर्यात कुल द्विपक्षीय व्यापार का 85% से अधिक है।
- दिसंबर 2020 में द्विपक्षीय व्यापार सहयोग को और बढ़ावा देने के लिये भारत-बांग्लादेश सीईओ मंच की शुरुआत की गई थी।
- बांग्लादेश ने वर्ष 2011 से दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (SAFTA) के अंतर्गत भारत को बांग्लादेश द्वारा निर्यात की गई वस्तुओं को शुल्क-मुक्त और कोटा मुक्त करने की सराहना की है।
- कनेक्टिविटी में सहयोग:
- मार्च 2021 में भारत में सबरूम और बांग्लादेश में रामगढ़ को मिलाने वाली फेनी नदी पर बने 1.9 किमी के मैत्री सेतु का भी उद्घाटन किया गया।
- अंतर्देशीय जल पारगमन और व्यापार पर प्रोटोकॉल (PIWTT)।
- बांग्लादेश-भूटान-भारत-नेपाल (BBIN) मोटर वाहन समझौते पर वार्ता जारी है।
- बहुपक्षीय मंचों पर साझेदारी:
- अन्य विकास:
- लाइन ऑफ क्रेडिट:
- भारत ने पिछले 8 वर्षों में बांग्लादेश को सड़कों, रेलवे, शिपिंग तथा बंदरगाहों सहित कई क्षेत्रों में बुनियादी ढांँचे के विकास के लिये 8 बिलियन अमेरिकी डाॅलर की 3 लाइन ऑफ क्रेडिट (LoC) प्रदान की है।
- कोविड-19 समर्थन:
- बांग्लादेश, मेड इन इंडिया कोविड-19 वैक्सीन खुराक का सबसे बड़ा प्राप्तकर्त्ता है, जो कुल आपूर्ति का 16% है।
- भारत ने चिकित्सा विज्ञान में साझेदारी तथा टीका उत्पादन में सहयोग की भी पेशकश की।
- लाइन ऑफ क्रेडिट:
- उभरते विवाद:
- बांग्लादेश ने पहले ही असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के रोल आउट पर चिंता जताई है, जिसमें असम में रहने वाले मूल भारतीय नागरिकों की पहचान करने और अवैध बांग्लादेशियों को बाहर निकालने के लिये एक विवरण तैयार किया गया है।
- वर्तमान में बांग्लादेश, बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का एक सक्रिय भागीदार है, जिस पर दिल्ली ने हस्ताक्षर नहीं किये हैं।
- सुरक्षा क्षेत्र में बांग्लादेश भी पनडुब्बियों सहित चीनी सैन्य का एक प्रमुख प्राप्तकर्त्ता है।
आगे की राह
- पानी के बँटवारे, बंगाल की खाड़ी में महाद्वीपीय शेल्फ मुद्दों को हल करने, सीमा की घटनाओं को शून्य पर लाने और मीडिया को प्रबंधित करने से संबंधित लंबित मुद्दों को हल करने के प्रयास होने चाहिये।
- संस्कृति, संगीत, खेल, फिल्म जैसे क्षेत्रों के आधार पर युवा उद्यमियों और नागरिक समाज के बीच नियमित आदान-प्रदान, सतत् विकास, मानव पूंजी विकास, लिंग समानता विकास व अन्य में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने की आवश्यकता है।
- दोनों ओर से चुनिंदा सीमावर्ती स्थानों पर पर्यटकों की भीड़ बढ़ाना और सीमा पर एक सामान्य मनोरंजन क्षेत्र के निर्माण के माध्यम से आदान-प्रदान की व्यवस्था को सुविधाजनक बनाने से सौहार्द को मज़बूत करने में मदद मिल सकती है।
- साझा सीमाओं पर सुरक्षा के नए प्रतिमान की दिशा में संयुक्त रूप से काम करने की आवश्यकता है। एक ऐसा प्रतिमान जो सीमाओं पर न मोटी दीवार बनाता है और न ही राष्ट्रीय सीमाओं का सीमांकन करता है बल्कि समावेशी विकास एवं समृद्धि के लिये "कनेक्टर ज़ोन" के रूप में कार्य करता है।
विगत वर्ष का प्रश्न:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) व्याख्या:
अतः विकल्प (b) सही है। |