अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत ने UNSC की अध्यक्षता ग्रहण की
- 02 Aug 2021
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प्रिलिम्स के लिये:संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद मेन्स के लिये:भारत द्वारा UNSC की अध्यक्षता ग्रहण करने के लाभ एवं वैशिक परिदृश्य में इसका महत्त्व |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत ने अगस्त 2021 के महीने के लिये संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता ग्रहण की।
- सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में वर्ष 2021-22 के कार्यकाल के दौरान यह की भारत की पहली अध्यक्षता होगी।
- भारत ने जनवरी 2021 में UNSC के एक अस्थायी सदस्य के रूप में अपना दो वर्ष का कार्यकाल शुरू किया।
- UNSC में यह भारत का आठवाँ कार्यकाल है।
प्रमुख बिंदु
भारत द्वारा UNSC की अध्यक्षता:
- भारत इस महीने के लिये संयुक्त राष्ट्र निकाय का एजेंडा तय करेगा और कई मुद्दों पर महत्त्वपूर्ण बैठकों का समन्वय करेगा।
- यह समुद्री सुरक्षा, शांति स्थापना और आतंकवाद विरोधी तीन प्रमुख क्षेत्रों में कार्यक्रम आयोजित करने जा रहा है।
- सुरक्षा परिषद के एजेंडे के तहत सीरिया, इराक, सोमालिया, यमन और मध्य पूर्व सहित कई महत्त्वपूर्ण बैठकें होंगी।
- सुरक्षा परिषद लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल सोमालिया, माली से संबंधित महत्त्वपूर्ण प्रस्तावों को भी अपनाएगी।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी UNSC की बैठक की अध्यक्षता करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे।
- पिछली बार जब कोई भारतीय पीएम इस प्रयास में लगा था तो वे वर्ष 1992 में तत्कालीन PM पीवी नरसिम्हा राव थे, जब उन्होंने UNSC की बैठक में भाग लिया था।
फ्राँस और रूस का समर्थन:
- फ्राँस ने कहा है कि वह समुद्री सुरक्षा, शांति स्थापना और आतंकवाद-निरोध जैसी सामरिक समस्याओं पर भारत के साथ सहयोग करने के लिये समर्पित है।
- रूस ने UNSC की अध्यक्षता प्राप्त करने वाले देश का स्वागत करते हुए कहा कि वह भारत के एजेंडे से बहुत प्रभावित है, जो महत्त्वपूर्ण वैश्विक चिंताओं पर बात करता है।
UNSC में भारत के लिये चुनौतियाँ:
- चीन की चुनौती:
- भारत ऐसे समय में UNSC में प्रवेश कर रहा है जब बीजिंग वैश्विक मंच पर पहले से कहीं अधिक मज़बूती से अपना दावा पेश कर रहा है। यह कम-से-कम छह संयुक्त राष्ट्र संगठनों का प्रमुख है और इसने वैश्विक नियमों को चुनौती दी है।
- भारत-प्रशांत के साथ-साथ भारत-चीन सीमा पर चीन का आक्रामक व्यवहार वर्ष 2020 के दौरान देखा गया।
- चीन ने UNSC में कश्मीर का मुद्दा उठाने की कोशिश की है।
- कोविड के बाद की वैश्विक व्यवस्था:
- वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी और स्वास्थ्य आपात स्थितियों का सामना कर रहे विभिन्न देशों के साथ जर्जर स्थिति में है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस व अस्थिर पश्चिम एशिया को संतुलित करना:
- अमेरिका और रूस के बीच बिगड़ते हालात तथा अमेरिका एवं ईरान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत के लिये इसे संभालना मुश्किल हो जाएगा।
- भारत को राष्ट्रीय हितों को सुनिश्चित करने वाले मानवाधिकारों के उचित सम्मान के साथ नियम आधारित विश्व व्यवस्था को बनाए रखने की आवश्यकता है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद
परिचय
- संयुक्त राष्ट्र चार्टर ने UNSC सहित संयुक्त राष्ट्र के छह मुख्य अंगों की स्थापना की। संयुक्त राष्ट्र चार्टर का अनुच्छेद 23 ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद’ की संरचना से संबंधित है।
- संयुक्त राष्ट्र के अन्य 5 अंगों में शामिल हैं- संयुक्त राष्ट्र महासभा, ट्रस्टीशिप परिषद, आर्थिक और सामाजिक परिषद, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय एवं सचिवालय।
- ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद’ को अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने की प्राथमिक ज़िम्मेदारी दी गई है और जब भी वैश्विक शांति पर कोई खतरा उत्पन्न होता है तब परिषद की बैठक आयोजित की जाती है।
- यद्यपि संयुक्त राष्ट्र के अन्य अंग सदस्य राज्यों के लिये सिफारिशें करते हैं, किंतु सुरक्षा परिषद के पास सदस्य देशों के लिये निर्णय लेने और बाध्यकारी प्रस्ताव जारी करने की शक्ति होती है।
मुख्यालय
- परिषद का मुख्यालय न्यूयॉर्क में स्थित है।
सदस्य
- UNSC का गठन 15 सदस्यों (5 स्थायी और 10 गैर-स्थायी) द्वारा किया जाता है।
- पाँच स्थायी सदस्य: अमेरिका, ब्रिटेन, फ्राँस, रूस और चीन।
- दस गैर-स्थायी सदस्य: इन्हें महासभा द्वारा दो वर्ष के कार्यकाल के लिये चुना जाता है।
- प्रतिवर्ष संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दो वर्षीय कार्यकाल के लिये पाँच अस्थायी सदस्यों (कुल दस में से) का चुनाव किया जाता है। दस अस्थायी सीटों का वितरण क्षेत्रीय आधार पर होता है।
- परिषद की अध्यक्षता प्रतिमाह 15 सदस्यों के बीच रोटेट होती है।
UNSC में मतदान और चर्चा:
- सुरक्षा परिषद के प्रत्येक सदस्य का एक मत होता है। सभी मामलों पर सुरक्षा परिषद के निर्णय स्थायी सदस्यों सहित नौ सदस्यों के सकारात्मक मत द्वारा किये जाते हैं, जिसमें सदस्यों की सहमति अनिवार्य है।
- पाँच स्थायी सदस्यों में से यदि कोई एक भी प्रस्ताव के विपक्ष में वोट देता है तो वह प्रस्ताव पारित नहीं होता है।
- संयुक्त राष्ट्र का कोई भी सदस्य जो सुरक्षा परिषद का सदस्य नहीं है, बिना वोट के सुरक्षा परिषद के समक्ष लाए गए किसी भी प्रश्न की चर्चा में भाग ले सकता है, यदि सुरक्षा परिषद को लगता है कि उस विशिष्ट मामले के कारण उस सदस्य के हित विशेष रूप से प्रभावित होते हैं।
भारत एक स्थायी सदस्य के रूप में:
- भारत UNSC में अपनी स्थायी सीट का दावा प्रस्तुत करता रहा है।
- स्थायी सदस्य की सीट हेतु भारत के निम्नलिखित मानदंड हैं, जैसे जनसंख्या, क्षेत्रीय आकार, सकल घरेलू उत्पाद, आर्थिक क्षमता, सांस्कृतिक विरासत और विविधता, राजनीतिक व्यवस्था तथा संयुक्त राष्ट्र की गतिविधियों में विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में अतीत एवं वर्तमान में भारत का योगदान।