भारत, अमेरिका, UAE और सऊदी अरब बुनियादी ढाँचा पहल पर चर्चा | 09 May 2023
प्रिलिम्स के लिये:I2U2 पहल, अब्राहम समझौते मेन्स के लिये:भारत सहित समूह और समझौते और भारत के हित को प्रभावित करने वाले |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सऊदी अरब सरकार ने भारत, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (NSAs) की एक विशेष बैठक की मेज़बानी की।
बैठक की मुख्य विशेषताएँ:
- चर्चा का उद्देश्य देशों के बीच संबंधों को मज़बूत करना है ताकि क्षेत्र के विकास और स्थिरता में वृद्धि हो।
- यह बैठक बुनियादी ढाँचे को लेकर क्षेत्रीय पहल पर केंद्रित थी।
- बैठक में भारत और दुनिया से जुड़ाव के साथ एक अधिक सुरक्षित और समृद्ध मध्य-पूर्व क्षेत्र के साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की मांग की गई।
- परियोजनाओं पर चर्चा के दौरान खाड़ी देशों को रेलवे नेटवर्क के माध्यम से जोड़ने और क्षेत्र को "दो बंदरगाहों" से शिपिंग लेन द्वारा भारत से जोड़ने की योजना पर प्रकाश डाला गया है।
- यह चीन की बेल्ट एंड रोड पहल तथा क्षेत्र में अन्य अतिक्रमणों के खिलाफ स्थिरता प्रदान करने के लिये आवश्यक है।
- इस पहल का विचार I2U2 द्वारा पिछले 18 महीनों में आयोजित वार्ता के दौरान सामने आया।
- I2U2 क्वाड, "दक्षिण एशिया को मध्य-पूर्व से संयुक्त राज्य अमेरिका तक जोड़ने का काम करता है जो आर्थिक प्रौद्योगिकी और कूटनीति को बढ़ावा देता है"।
I2U2 क्वाड:
- परिचय:
- I2U2 भारत, इज़रायल, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका द्वारा गठित एक नया समूह है।
- इसे वेस्ट एशियन क्वाड भी कहा जाता है।
- उद्देश्य:
- यह मध्य-पूर्व और एशिया में आर्थिक एवं राजनीतिक सहयोग के विस्तार पर केंद्रित है।
- इस ढाँचे का उद्देश्य अवसंरचना, प्रौद्योगिकी और समुद्री सुरक्षा हेतु समर्थन एवं सहयोग को बढ़ावा देना है।
- I2U2 का गठन:
- I2U2 की शुरुआत अब्राहम समझौते के बाद अक्तूबर 2021 में हुई थी।
- अब्राहम समझौते ने इज़रायल और कई अरब खाड़ी देशों के बीच संबंधों को सामान्य किया है।
- I2U2 की शुरुआत अब्राहम समझौते के बाद अक्तूबर 2021 में हुई थी।
- I2U2 का पहला शिखर सम्मेलन:
- I2U2 का पहला आभासी शिखर सम्मेलन 14 जुलाई, 2022 को हुआ।
- यह शिखर सम्मेलन यूक्रेन में संघर्ष के परिणामस्वरूप वैश्विक खाद्य और ऊर्जा संकट पर केंद्रित था।
भारत हेतु I2U2 का महत्त्व:
- अब्राहम समझौते से लाभ:
- भारत को संयुक्त अरब अमीरात और अन्य अरब राज्यों के साथ अपने संबंधों को जोखिम में डाले बिना इज़रायल के साथ संबंधों को मज़बूत करने हेतु अब्राहम समझौते का लाभ मिलेगा।
- बाज़ार का लाभ:
- भारत एक विशाल उपभोक्ता बाज़ार है। यह हाई-टेक और अत्यधिक मांग वाले सामानों का एक विशाल उत्पादक है। इस समूह से भारत को लाभ होगा।
- गठबंधन:
- यह भारत को राजनीतिक गठबंधन, सामाजिक गठबंधन बनाने में मदद करेगा।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. I2U2 (भारत, इज़रायल, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका) समूहन वैश्विक राजनीति में भारत की स्थिति को किस प्रकार रूपांतरित करेगा? (2022) |