अंतर्राष्ट्रीय संबंध
I2U2 पहल
- 17 Jun 2022
- 4 min read
प्रिलिम्स के लिये:I2U2 पहल, अब्राहम समझौता, QUAD मेन्स के लिये:समूह और समझौते भारत को शामिल करते हैं और/या भारत के हितों को प्रभावित करते हैं |
चर्चा में क्यों?
I2U2 पहल के एक भाग के रूप में भारत, इज़रायल, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका जुलाई 2022 में अपना पहला आभासी शिखर सम्मेलन आयोजित करेंगे।
I2U2 पहल:
- पृष्ठभूमि:
- शुरुआत में I2U2 का गठन अक्तूबर 2021 में इज़रायल और यूएई के बीच अब्राहम समझौते के बाद किया गया था, ताकि इस क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा, बुनियादी ढाँचे और परिवहन से संबंधित मुद्दों से निपटा जा सके।
- उस समय इसे 'आर्थिक सहयोग के लिये अंतर्राष्ट्रीय मंच' कहा जाता था।
- इसे 'वेस्ट एशियन क्वाड' भी कहा जाता था।
- शुरुआत में I2U2 का गठन अक्तूबर 2021 में इज़रायल और यूएई के बीच अब्राहम समझौते के बाद किया गया था, ताकि इस क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा, बुनियादी ढाँचे और परिवहन से संबंधित मुद्दों से निपटा जा सके।
- परिचय:
- I2U2 पहल भारत, इज़रायल, यूएसए और यूएई का एक नया समूह है।
- समूह के नाम में 'I2' का अर्थ भारत और इज़रायल है, जबकि 'U2' का अर्थ संयुक्त राज्य अमेरिका एवं संयुक्त अरब अमीरात है।
- यह एक बड़ी उपलब्धि है जो इस क्षेत्र में होने वाले भू-राजनीतिक परिवर्तनों को दर्शाती है।
- यह न केवल दुनिया भर में गठबंधन और साझेदारी की प्रणाली को पुनर्जीवित एवं फिर से सक्रिय करेगा, बल्कि उन साझेदारियों को भी जोड़ देगा जो पहले मौजूद नहीं थीं या पूरी तरह से उपयोग नहीं की गई थीं।
- महत्त्व:
- सुरक्षा सहयोग:
- इससे देशों को इन नए समूहों के ढाँचे के भीतर चार देशों के बीच सुरक्षा सहयोग तलाशने में मदद मिलेगी।
- तकनीकी केंद्र:
- इनमें से प्रत्येक देश एक तकनीकी केंद्र है।
- जैव प्रौद्योगिकी निश्चित रूप से इन देशों में से प्रत्येक में प्रमुख है।
- इनमें से प्रत्येक देश एक तकनीकी केंद्र है।
- खाद्य सुरक्षा:
- यह पहल खाद्य सुरक्षा पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करती है।
- विभिन्न क्षेत्रों में एक साथ कार्य:
- ये देश कई स्तरों पर सहयोग कर सकते हैं, चाहे वह तकनीक हो, व्यापार हो, जलवायु हो, कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई हो या सुरक्षा।
- सुरक्षा सहयोग:
भारत के लिये I2U2 का महत्त्व:
- अब्राहम समझौते से लाभ:
- भारत को संयुक्त अरब अमीरात और अन्य अरब राज्यों के साथ अपने संबंधों को जोखिम में डाले बिना इज़रायल के साथ संबंधों को मज़बूत करने के लिये अब्राहम समझौते (Abraham Accords) का लाभ मिलेगा।
- बाज़ार को फायदा:
- भारत एक विशाल उपभोक्ता बाज़ार है। यह उच्च तकनीक और अत्यधिक मांग वाले सामानों का भी एक बड़ा उत्पादक स्थान है। इस ग्रुपिंग से भारत को फायदा होगा।
- गठबंधन:
- यह भारत को राजनीतिक और सामाजिक गठबंधन निर्मित करने में मददगार साबित होगा।