जैव विविधता और पर्यावरण
बच्चों पर हीटवेव का प्रभाव: UNICEF
- 28 Oct 2022
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प्रिलिम्स के लिये:यूनिसेफ, COP-27, हीटवेव्स, जलवायु परिवर्तन, UNFCCC मेन्स के लिये:बच्चों पर हीटवेव का प्रभाव |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में UNICEF (संयुक्त राष्ट्र बाल कोष) ने ‘कोल्डेस्ट ईयर ऑफ द रेस्ट ऑफ देयर लाइव्स- प्रोटेक्टिंग चिल्ड्रेन फ्रॉम द एस्केलेटिंग इम्पैक्ट ऑफ हीटवेव’ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें कहा गया है कि वर्ष 2050 तक दुनिया भर में लगभग सभी बच्चे बार-बार अधिक गंभीर हीटवेव से प्रभावित होंगे।
- UNICEF संयुक्त राष्ट्र (यूएन) का एक विशेष कार्यक्रम है जो बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और कल्याण में सुधार के लिये किये जाने वाले राष्ट्रीय प्रयासों की सहायता हेतु समर्पित है।
यूनिसेफ की रिपोर्ट के निष्कर्ष:
- वर्तमान परिदृश्य:
- लगभग 559 मिलियन बच्चे उच्च हीटवेव आवृत्ति के दायरे में हैं और लगभग 624 मिलियन बच्चे अन्य तीन उच्च हीट उपागमों- उच्च हीटवेव अवधि, उच्च हीटवेव गंभीरता एवं अत्यधिक उच्च तापमान में से एक के दायरे में हैं।
- वर्ष 2020 के अनुसार, चार में से एक बच्चा ऐसे क्षेत्रों में रहता है जहाँ औसत हीटवेव 4.7 दिन या उससे अधिक समय तक रहती है।
- यह प्रतिशत वर्ष 2050 तक कम उत्सर्जन वाले परिदृश्य में भी चार में से तीन बच्चों तक विस्तारित हो जाएगा।
- दक्षिणी, पश्चिमी और दक्षिण-पूर्वी एशिया, पूर्वी एवं दक्षिणी यूरोप तथा उत्तरी अफ्रीका के बच्चे लंबी अवधि की हीटवेव का सामना करते हैं।
- भविष्य के प्रभाव:
- उच्च हीटवेव के संपर्क में आने वाले बच्चों की संख्या वर्ष 2050 तक चार गुना बढ़कर दो बिलियन से अधिक हो जाएगी, जो वर्ष 2020 की तुलना में 24% अधिक है।
- यह लगभग 1.5 बिलियन बच्चों की वृद्धि के बराबर है।
- वर्ष 2050 में अनुमानित 1.7 डिग्री सेल्सियस वार्मिंग के साथ आंशिक रुप से पृथ्वी पर लगभग हर बच्चा कम ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन परिदृश्य के तहत भी गंभीर हीटवेव का सामना करेगा।
- केवल दक्षिणी अमेरिका, मध्य अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया/Australasia और एशिया के कुछ क्षेत्र, जो लंबी अवधि की हीटवेव का सामना नहीं करते हैं, 2.4 डिग्री वार्मिंग पर 94% बच्चे इससे प्रभावित होंगे।
- बच्चों की उच्च संवेदनशीलता:
- लंबी अवधि वाली हीटवेव बच्चों के लिये अधिक जोखिम पैदा करती हैं क्योंकि बच्चे खेल और अन्य गतिविधियों में वयस्कों की तुलना में अधिक समय बाहर बिताते हैं जो उन्हें गर्मी से होने वाले जोखिमों में डालते हैं।
- स्वास्थ्य पर प्रभाव:
- बच्चों और किशोरों में पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) तथा अवसाद जैसे मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों में वृद्धि, उच्च तापमान से संबंधित हैं।
- अत्यधिक गर्मी के कारण मुख्य रूप से बच्चों की शिक्षा और भविष्य की आजीविका प्रभावित होगी।
- स्वास्थ्य संबंधी हीटवेव जोखिमों में शामिल हैं- हीट स्ट्रोक, हीट स्ट्रेस, एलर्जी, z, अस्थमा, मच्छर जनित रोग, हृदय रोग, अल्पपोषण और दस्त की शिकायत।
- बच्चों की सुरक्षा के लिये खतरा:
- जैसे-जैसे चरागाहों और घरेलू आय में कमी आती जाती है, समुदायों को भोजन एवं पानी की आपूर्ति की तलाश में प्रतिस्पर्द्धा करने के लिये मजबूर होना पड़ता है। प्रवास, विस्थापन तथा संघर्ष के परिणामस्वरूप बच्चों को शारीरिक नुकसान व अनेक जोखिमों का सामना करना पड़ता है।
नोट:
- जुलाई 2022 में संयुक्त राष्ट्र समर्थित एजेंसियों ने जलवायु परिवर्तन के कारण विस्थापित हुए बच्चों की सुरक्षा के लिये पहली वैश्विक नीति ढाँचा प्रदान करने हेतु दिशा-निर्देश जारी किये।
- इसमें नौ सिद्धांत शामिल हैं जो विस्थापित हुए बच्चों की कमजोरियों को संबोधित करते हैं।
- ये सिद्धांत बाल अधिकारों पर सम्मलेन पर आधारित हैं और मौज़ूदा परिचालन दिशा-निर्देशों तथा रूपरेखाओं द्वारा सूचित किये जाते हैं।
सिफारिशें:
- यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि कमज़ोर लोगों के पास उनकी सुरक्षा के लिये आवश्यक महत्त्वपूर्ण सामाजिक सेवाओं को अपनाने हेतु संसाधन हों।
- यह उचित समय है जब देशों को निम्नलिखित कार्य करना चाहिये:
- सामाजिक सेवाओं को बढ़ावा देकर बच्चों को जलवायु ज़ोखिम से बचाना।
- बच्चों को जलवायु-परिवर्तित दुनिया में रहने के लिये तैयार करना।
- जलवायु वित्त और संसाधनों में बच्चों एवं युवाओं को प्राथमिकता देना।
- ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करके जलवायु आपदा को रोकना।
- जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन की पार्टियों के 27वें सम्मेलन (COP-27) की कार्रवाई और समर्थन पर चर्चा के केंद्र में बच्चों एवं उनके समुदायों के लचीलेपन को रखते हुए नुकसान और क्षति में हुई वृद्धि ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिये।
अन्य संबंधित सूचकांक:
- चिल्ड्रेन क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स: यूनिसेफ:
- यह आवश्यक सेवाओं तक बच्चों की पहुँच के आधार पर जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय घटनाओं, जैसे कि चक्रवात एवं हीटवेव आदि के प्रति बच्चों की भेद्यता के आधार पर विभिन्न देशों को रैंक प्रदान करता है।
- नोट्रे डेम ग्लोबल एडाप्टेशन इनिशिएटिव’ (ND-GAIN) इंडेक्स:
- यह दुनिया भर के बच्चों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को दर्शाता है।
- यह बताता है कि बच्चे भोजन की कमी, बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य खतरों जैसे- पानी की कमी या बढ़ता जलस्तर जोखिम या इन कारकों के संयोजन से प्रभावित होंगे।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के संदर्भ में निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2010)
उपर्युक्त में से कौन-सा/से बच्चे का/के अधिकार है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (d) |