अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत और अमेरिका के बीच ‘होमलैंड सिक्योरिटी डायलॉग’
- 13 Jan 2022
- 9 min read
प्रिलिम्स के लिये:होमलैंड सिक्योरिटी डायलॉग, QUAD, चार मूलभूत रक्षा समझौते, रक्षा अभ्यास, NISAR मेन्स के लिये:भारत-अमेरिका रक्षा और सुरक्षा सहयोग, भारत-अमेरिका संबंधों का महत्त्व, भारत-अमेरिका संबंधों के विभिन्न पहलू |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत और अमेरिका के अधिकारियों के बीच होमलैंड सिक्योरिटी डायलॉग का आयोजन किया गया था।
- अक्तूबर 2021 में रक्षा मंत्रालय ने विदेशी सैन्य बिक्री (FMS) के तहत भारतीय नौसेना के लिये एमके 54 टॉरपीडो और एक्सपेंडेबल (चफ एंड फ्लेयर्स) की खरीद के लिये अमेरिकी सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये।
- जुलाई 2021 में अमेरिकी विदेश मंत्री ने भारत का दौरा किया।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- भारत-अमेरिका मातृभूमि सुरक्षा वार्ता 2010 में भारत-अमेरिका की आतंकवाद विरोधी पहल पर हस्ताक्षर करने की अगली कड़ी के रूप में शुरू की गई थी।
- पहली होमलैंड सुरक्षा वार्ता मई 2011 में आयोजित की गई थी।
- नवीनतम आभासी बैठक मार्च 2021 के बाद हुई, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन ने होमलैंड सिक्योरिटी डायलॉग को फिर से शरु करने की घोषणा की थी जिसे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने बंद कर दिया था।
- इंडो-यूएस होमलैंड सिक्योरिटी डायलॉग के तहत छह उप-समूह बनाए गए हैं, जो निम्नलिखित क्षेत्रों को कवर करते हैं:
- अवैध वित्त, वित्तीय धोखाधड़ी और जालसाजी।
- साइबर जानकारी।
- मेगासिटी पुलिसिंग और संघीय, राज्य और स्थानीय भागीदारों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान।
- वैश्विक आपूर्ति शृंखला, परिवहन, बंदरगाह, सीमा और समुद्री सुरक्षा।
- क्षमता निर्माण।
- प्रौद्योगिकी उन्नयन।
- भारत-अमेरिका मातृभूमि सुरक्षा वार्ता 2010 में भारत-अमेरिका की आतंकवाद विरोधी पहल पर हस्ताक्षर करने की अगली कड़ी के रूप में शुरू की गई थी।
- भारत-अमेरिका संबंध:
- परिचय:
- भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंध एक ‘वैश्विक रणनीतिक साझेदारी’ के रूप में विकसित हुए हैं, जो साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और द्विपक्षीय, क्षेत्रीय तथा वैश्विक हितों के बढ़ते अभिसरण पर आधारित हैं।
- वर्ष 2015 में दोनों देशों ने ‘दिल्ली डिक्लेरेशन ऑफ फ्रेंडशिप’ की घोषणा की और ‘जॉइंट स्ट्रेटेजिक विज़न फॉर एशिया-पैसिफिक एंड इंडियन ओसियन रीज़न’ को अपनाया।
- असैन्य-परमाणु सौदा:
- द्विपक्षीय असैन्य परमाणु सहयोग समझौते पर अक्तूबर 2008 में हस्ताक्षर किये गए थे।
- ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन:
- PACE (पार्टनरशिप टू एडवांस क्लीन एनर्जी) के तहत एक प्राथमिकता पहल के रूप में अमेरिकी ऊर्जा विभाग (DOE) और भारत सरकार ने संयुक्त स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान एवं विकास केंद्र (JCERDC) की स्थापना की है, जिसे भारत तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के वैज्ञानिकों द्वारा स्वच्छ ऊर्जा नवाचारों को बढ़ावा देने हेतु डिज़ाइन किया गया है।
- लीडर्स क्लाइमेट समिट 2021 में ‘भारत-अमेरिका स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030’ पार्टनरशिप की शुरुआत की गई।
- रक्षा समझौते:
- वर्ष 2005 में 'भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों के लिये नए ढाँचे' पर हस्ताक्षर के साथ रक्षा संबंध भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी के एक प्रमुख स्तंभ के रूप में उभरा है, जिसे वर्ष 2015 में और10 वर्षों के लिये अद्यतन किया गया था।
- भारत और अमेरिका ने पिछले कुछ वर्षों में महत्त्वपूर्ण रक्षा समझौते किये तथा क्वाड (भारत, अमेरिका, जापान एवं ऑस्ट्रेलिया) के चार देशों के गठबंधन को भी औपचारिक रूप दिया।
- इस गठबंधन को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के लिये एक महत्त्वपूर्ण प्रतिकार के रूप में देखा जा रहा है।
- नवंबर 2020 में मालाबार अभ्यास ने भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों में एक उच्च बिंदु को स्पर्श किया, यह 13 वर्षों में पहली बार था कि ‘क्वाड’ के सभी चार देश एक साथ चीन का प्रतिरोध कर रहे थे।
- भारत की पहुँच अब अफ्रीका में जिबूती से लेकर प्रशांत क्षेत्र के गुआम में अमेरिकी सैन्य अड्डों तक है। भारत अमेरिकी रक्षा क्षेत्र में उपयोग की जाने वाली उन्नत संचार तकनीक का भी उपयोग कर सकता है।
- भारत और अमेरिका के बीच चार मूलभूत रक्षा समझौते हैं:
- भू-स्थानिक खुफिया के लिये बुनियादी विनिमय और सहयोग समझौता (BECA)।
- सैन्य सूचना समझौते पर सामान्य सुरक्षा (GSOMIA)।
- लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (LEMOA)।
- संचार संगतता और सुरक्षा समझौता (COMCASA)।
- वर्ष 2010 में आतंकवाद का विरोध करने, सूचना साझा करने और क्षमता निर्माण सहयोग का विस्तार करने के लिये भारत-अमेरिका आतंकवाद-रोधी सहयोग पहल पर हस्ताक्षर किये गए थे।
- एक त्रि-सेवा अभ्यास- टाइगर ट्रायम्फ- नवंबर 2019 में आयोजित किया गया था।
- द्विपक्षीय और क्षेत्रीय अभ्यासों में शामिल हैं: युद्ध अभ्यास (सेना); वज्र प्रहार (विशेष बल); रिमपैक; रेड फ्लैग।
- व्यापार:
- अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है तथा भारत की वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात के लिये एक प्रमुख गंतव्य है।
- अमेरिका ने 2020-21 के दौरान भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के दूसरे सबसे बड़े स्रोत के रूप में मॉरीशस को पीछे छोड़ दिया है।
- पिछली अमेरिकी सरकार ने भारत की विशेष व्यापार स्थिति (GSP निकासी) को समाप्त कर दिया और कई प्रतिबंध भी लगाए, भारत ने भी 28 अमेरिकी उत्पादों पर प्रतिबंध लगाए।
- वर्तमान अमेरिकी सरकार ने पिछली सरकार द्वारा लगाए गए सभी प्रतिबंधों को हटाने की अनुमति दी है।
- विज्ञान प्रौद्योगिकी:
- इसरो और नासा पृथ्वी अवलोकन के लिये एक संयुक्त माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग उपग्रह को स्थापित करने हेतु मिलकर काम कर रहे हैं, जिसका नाम NASA-ISRO सिंथेटिक एपर्चर रडार (NISAR) है।
- भारतीय प्रवासी:
- अमेरिका में सभी क्षेत्रों में भारतीय प्रवासियों की उपस्थिति बढ़ रही है। उदाहरण के लिये अमेरिका की वर्तमान उपराष्ट्रपति (कमला हैरिस) का भारत से गहरा संबंध है।
- परिचय:
आगे की राह
- अमेरिका के साथ भारत की साझेदारी में बदलाव के लिये मंच तैयार किया गया है। अफगानिस्तान भारत और अमेरिका दोनों के लिये निरंतर चिंता का एक प्रमुख क्षेत्र बना हुआ है तथा दोनों पक्षों की नज़र अब चीन के उदय एवं दावे से प्रेरित हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उभर रही बड़ी चुनौतियों पर है।
- विशेष रूप से दोनों देशों में चीन विरोधी भावना बढ़ने के कारण देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने की बहुत अधिक संभावना है।