जैव विविधता और पर्यावरण
दिल्ली में ग्राउंड लेवल ओज़ोन प्रदूषण
- 09 Jun 2023
- 6 min read
प्रिलिम्स के लिये:सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरनमेंट (CSE), केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board- CPCB), ओज़ोन प्रदूषण, वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index- AQI), NCAP मेन्स के लिये:दिल्ली में ग्राउंड लेवल ओज़ोन प्रदूषण |
चर्चा में क्यों?
सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरनमेंट (CSE) के एक नए विश्लेषण के अनुसार, दिल्ली-NCR क्षेत्र के कुछ हिस्सों में वर्ष 2023 में मार्च तथा मई के बीच 92 में से 87 दिनों में ग्राउंड लेवल ओज़ोन राष्ट्रीय मानकों से अधिक देखा गया।
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board- CPCB) के आँकड़ों के आधार पर किया गया विश्लेषण ओज़ोन प्रदूषण की अवधि एवं भौगोलिक प्रसार तथा विभिन्न मौसमों के दौरान इसके प्रभाव और अंतर्निहित कारणों पर प्रकाश डालता है।
नोट: CSE नई दिल्ली स्थित एक जनहित अनुसंधान एवं समर्थन संगठन है।
यह विकास की तात्कालिकता के लिये शोध करता है, शोध का समर्थन करता है और उसे संप्रेषित करता है जो टिकाऊ एवं न्यायसंगत दोनों है।
निष्कर्ष:
- अधिक ओज़ोन प्रदूषण की अवधि:
- हालाँकि दिल्ली-एनसीआर में ग्राउंड लेवल ओज़ोन प्रदूषण पिछले पाँच वर्षों की तुलना में वर्ष 2023 में कम था लेकिन इसकी अधिकता की अवधि में वृद्धि हुई है।
- यह घटना चिंता का विषय है क्योंकि उच्च ओज़ोन का स्तर आशा के विपरीत सूर्यास्त के कुछ घंटे बाद भी बना रहता है।
- इस ग्रीष्मकाल में जिन स्टेशनों पर रोलिंग 8 घंटे के औसत से अधिक होने की सूचना है, वे औसतन 4.9 घंटे के लिये मानक से ऊपर रहे है, जो कि पिछले ग्रीष्मकाल में देखे गए 4.6 घंटे से अधिक है।
- परिवेशी (बाहरी) ओज़ोन के लिये WHO वायु गुणवत्ता दिशा-निर्देश 100 μg/m3 (~50 ppb) है, जिसे एक दिन में 8 घंटे की अधिकतम औसत सामान्य गति के रूप में मापा जाता है।
- ऋतुओं के लिये विशिष्ट नहीं:
- ओज़ोन प्रदूषण विशिष्ट ऋतुओं तक ही सीमित नहीं है। शीत ऋतु के महीनों में जब ठंड और कोहरे की स्थिति ग्राउंड लेवल ओज़ोन के गठन को बाधित करती है, तब दिल्ली-NCR ने जनवरी 2023 में कई दिनों में ओज़ोन के स्तर में वृद्धि का अनुभव किया है।
- जनवरी 2023 में 26 दिनों में कई स्टेशनों पर ओज़ोन का स्तर मानक से अधिक हो गया।
- ओज़ोन प्रदूषण विशिष्ट ऋतुओं तक ही सीमित नहीं है। शीत ऋतु के महीनों में जब ठंड और कोहरे की स्थिति ग्राउंड लेवल ओज़ोन के गठन को बाधित करती है, तब दिल्ली-NCR ने जनवरी 2023 में कई दिनों में ओज़ोन के स्तर में वृद्धि का अनुभव किया है।
- कुछ विशिष्ट क्षेत्रों पर इसका प्रभाव:
- ग्राउंड लेवल के ओज़ोन प्रदूषण से सबसे अधिक प्रभावित नई दिल्ली और दक्षिण दिल्ली के क्षेत्र थे।
ग्राउंड लेवल ओज़ोन:
- परिचय:
- ग्राउंड-लेवल ओज़ोन, जिसे ट्रोपोस्फेरिक ओज़ोन के रूप में भी जाना जाता है, एक रंगरहित गैस है जिसका निर्माण पृथ्वी की सतह के निकट, आमतौर पर ज़मीन से दो मील ऊपर होता है।
- ग्राउंड लेवल ओज़ोन गैस का उत्सर्जन सीधे किसी विशिष्ट स्रोत से नहीं होता है। यह नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx), वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (VOC) और वाहनों, विद्युत संयंत्रों, कारखानों तथा अन्य दहन स्रोतों से निकलने वाले कार्बन मोनोऑक्साइड के बीच जटिल अंतःक्रियाओं के माध्यम से बनती है। ये यौगिक ग्राउंड लेवल ओज़ोन का निर्माण करने के लिये सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में चक्रीय प्रतिक्रियाओं से गुज़रते हैं।
- प्रभाव:
- जब नाइट्रोजन ऑक्साइड और वाष्पशील कार्बनिक यौगिक सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में परस्पर अभिक्रिया करते हैं, तब वे जटिल रासायनिक प्रतिक्रियाओं से गुज़रते हैं जिससे ग्राउंड लेवल ओज़ोन का निर्माण होता है। यह एक प्रमुख वायु प्रदूषक है तथा मानव स्वास्थ्य, वनस्पति और पारिस्थितिक तंत्र पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है।
- पहलें:
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2019)
फसल/जैव मात्रा अवशेषों के दहन के कारण वायुमंडल में उपर्युक्त में से कौन-से निर्मुक्त होते हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) |