उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों पर वैश्विक रिपोर्ट 2024 | 18 May 2024
प्रिलिम्स के लिये:विश्व स्वास्थ्य सभा, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (NTD), HIV/AIDS, तपेदिक मेन्स के लिये:उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों पर वैश्विक रिपोर्ट 2024 की मुख्य विशेषताएँ, उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग और संबंधित पहलें |
स्रोत: डब्ल्यू.एच.ओ.
चर्चा में क्यों?
विश्व स्वास्थ्य सभा (World Health Assembly) के 77वें सत्र से पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization- WHO) ने 2024 की उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों (Neglected Tropical Diseases- NTD) पर अपनी वैश्विक रिपोर्ट जारी की।
- यह रिपोर्ट उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों के लिये रोडमैप 2021-2030 के कार्यान्वयन की दिशा में वर्ष 2023 में हुई प्रगति का विवरण प्रदान करती है।
WHO की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु क्या हैं?
- वैश्विक:
- वर्ष 2023 की स्थिति:
- दिसंबर 2023 तक कुल 50 देशों ने कम-से-कम एक NTD का सफलतापूर्वक उन्मूलन कर दिया है, जो 100 देशों द्वारा वर्ष 2030 के लिये निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति में आधा रास्ता तय करने के समान है।
- WHO द्वारा 5 देशों को एक NTD के उन्मूलन हेतु और 1 देश को दो NTDs के उन्मूलन हेतु मान्यता दी गई थी।
- जुलाई 2023 में इराक कम-से-कम एक NTD का उन्मूलन करने वाला 50वाँ देश बना।
- नोमा को वर्ष 2023 में NTDs की सूची में शामिल किया गया था।
- अक्तूबर 2023 में बांग्लादेश सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में आंत्र संबंधी लीशमैनियासिस (Leishmaniasis) के उन्मूलन हेतु WHO से मान्यता प्राप्त करने वाला पहला देश बना।
- वर्ष 2022 की स्थिति:
- वर्ष 2022 में 1.62 बिलियन लोगों को उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों (NTDs) के लिये उपचार की आवश्यकता थी, जो वर्ष 2010 की तुलना में 26% की कमी को दर्शाता है, लेकिन वर्ष 2030 तक 90% की कमी के रोडमैप के वैश्विक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये अभी भी समर्पित प्रयासों की आवश्यकता है।
- वर्ष 2022 में लगभग 848 मिलियन लोगों ने निवारक कीमोथेरेपी चिकित्सा के माध्यम से कम-से-कम एक NTD का उपचार प्राप्त किया, जो वर्ष 2021 की तुलना में 49 मिलियन कम लेकिन वर्ष 2020 की तुलना में 50 मिलियन अधिक है।
- वर्ष 2022 के अंत तक वेक्टर-जनित NTDs के कारण दर्ज की गई मौतों की संख्या में 22% की वृद्धि हुई है (वर्ष 2016 की तुलना में)।
- वर्ष 2023 की स्थिति:
- भारत:
- भारत को ड्रैकनकुलायसिस (गिनी-कृमि) और यॉज जैसे NTD से मुक्त प्रमाणित किया गया था।
- भारत जैसे देश जहाँ बीमारियों का बोझ सर्वाधिक है, वर्ष 2021 की तुलना में वर्ष 2022 में मृदा से फैलने वाले हेल्मिंथियासिस और लिम्फैटिक फाइलेरिया के लगभग 117 मिलियन कम मामलों का उपचार किया गया।
- भारत की 40.56% आबादी को वर्ष 2022 तक NTD के खिलाफ हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है।
- रिपोर्ट में चिह्नित की गई प्रमुख चुनौतियों में कोविड-19 के बाद की धीमी रिकवरी, वित्तपोषण की अनिश्चितताएँ, भू-राजनीतिक व्यवधान, जलवायु परिवर्तन, ज्ञान और उपकरणों में अंतराल तथा NTD को संबोधित करने में अपर्याप्त डेटा जैसे मुद्दे शामिल हैं।
उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों (Neglected Tropical Diseases- NTD) के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- परिचय:
- WHO के अनुसार, उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (NTD) विभिन्न प्रकार के रोगजनकों (वायरस, बैक्टीरिया, परजीवी, कवक और विषाक्त पदार्थों सहित) के कारण होने वाली स्थितियों का एक विविध समूह है तथा विनाशकारी स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक परिणामों से जुड़े हैं।
- NTD मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में गरीब समुदायों के बीच व्यापक रूप से देखे जाते हैं, हालाँकि कुछ का भौगोलिक वितरण बहुत विस्तृत है।
- इन बीमारियों में योगदान देने वाले कारकों को "उपेक्षित" किया जा रहा है:
- NTD का महामारी विज्ञान जटिल है, यह प्रायः पर्यावरणीय स्थितियों से संबंधित होता है।
- महामारी विज्ञान (Epidemiology) एक परिभाषित जनसंख्या में स्वास्थ्य और बीमारी के निर्धारकों, घटना और वितरण का अध्ययन है।
- इनमें से कई में जटिल जीवन चक्र ऐसे होते हैं, जो वेक्टर-बोर्न (Vector-Borne) होते हैं जबकि कुछ पशुओं में संग्रहीत होते हैं।
- HIV/AIDS, मलेरिया और तपेदिक जैसी बीमारियों की तुलना में NTD के उपचार के अनुसंधान और विकास के लिये काफी कम धन प्राप्त होता है।
- NTD का महामारी विज्ञान जटिल है, यह प्रायः पर्यावरणीय स्थितियों से संबंधित होता है।
NTD से निपटने के लिये वैश्विक और भारतीय पहलें क्या हैं?
- वैश्विक पहल:
- WHO का 2021-2030 रोडमैप: यह महत्त्वाकांक्षी योजना केवल NTD के इलाज के बजाय प्रभाव को प्राथमिकता देती है। यह स्वास्थ्य देखभाल, स्वच्छता और समुदायों के बीच सहयोग पर ज़ोर देती है। इसके अतिरिक्त यह देशों को अपने NTD कार्यक्रमों की ज़िम्मेदारी लेने के लिये प्रोत्साहित करती है।
- 2012 लंदन घोषणा: यह अंतर्राष्ट्रीय समझौता NTD के वैश्विक भार को चिह्नित करता है और उन्हें समाप्त करने के लिये एकीकृत दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है।
- भारतीय पहल:
- उन्मूलन कार्यक्रम:भारत ने गिनी कृमि, ट्रैकोमा और याज का सफलतापूर्वक उन्मूलन कर दिया है। हाथीपाँव के उन्मूलन के लिये त्वरित योजना (Accelerated Plan for Elimination of Lymphatic Filariasis- APELF) का उद्देश्य वर्ष 2027 तक इस बीमारी के लिये तय लक्ष्य को प्राप्त करना है।
- WHO का सहयोग: भारत क्षेत्रीय गठबंधनों में WHO का भागीदार है। उदाहरण के लिये बांग्लादेश और नेपाल के साथ 2005 में कालाज़ार के शीघ्र निदान और उपचार पर केंद्रित एक पहल ।
- मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (MDA): इस कार्यक्रम में NTD संचरण को रोकने के लिये उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में मुफ्त परजीवी निवारक दवाओं का नियमित वितरण शामिल है।
- वेक्टर नियंत्रण: कालाज़ार जैसे NTD के प्रसार को रोकने के लिये आंतरिक अवशिष्ट छिड़काव जैसे कार्यक्रम प्रारंभ करना जिसमें कीट प्रजनन स्थलों को लक्षित करना शामिल है।
- वित्तीय सहायता: वेतन मुआवज़ा योजनाएँ NTD से प्रभावित व्यक्तियों, विशेष रूप से कालाज़ार होने के उपरांत डर्मल लीशमैनियासिस रोग से ग्रसित व्यक्तियों के वित्तीय भार को कम करने में सहायता करती हैं।
निष्कर्ष:
वर्ष 2024 की WHO रिपोर्ट, उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों के विरुद्ध संघर्ष में प्रगति प्रदर्शित करती है। कई देशों ने 2023 में इन रोगों को समाप्त कर दिया, परंतु वैश्विक लक्ष्यों तक पहुँचने के लिये और भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। फंडिंग की कमी तथा कोविड-19 के लंबे समय तक बने रहने वाले प्रभाव जैसी चुनौतियाँ इस प्रगति के लिये बाधा उत्पन्न करती हैं। उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों से मुक्ति के लिये राष्ट्रीय एवं वैश्विक सहयोग बढ़ाना आवश्यक है।
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. WHO द्वारा उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों (NTD) पर वैश्विक रिपोर्ट, 2024 की मुख्य विशेषताओं पर चर्चा करें, साथ ही उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों तथा संबंधित पहलों का भी उल्लेख कीजिये। |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन-से 'राष्ट्रीय पोषण मिशन' के उद्देश्य हैं? (2017)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (a) मेन्स:प्रश्न. "एक कल्याणकारी राज्य की नैतिक अनिवार्यता के अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य संरचना धारणीय विकास की एक आवश्यक पूर्व शर्त है।" विश्लेषण कीजिये। (2021) प्रश्न. भारत में 'सभी के लिये स्वास्थ्य' को प्राप्त करने के लिये समुचित स्थानीय सामुदायिक स्तरीय स्वास्थ्य देखभाल का मध्यक्षेप एक पूर्वापेक्षा है। व्याख्या कीजिये। (2018) |