वैश्विक मीथेन प्रतिज्ञा: GMCCA फोरम | 01 Oct 2022
प्रिलिम्स के लिये:जलवायु और स्वच्छ वायु गठबंधन, वैश्विक मीथेन पहल, मीथेन, ग्रीनहाउस गैसें, भारत ग्रीनहाउस गैस कार्यक्रम। मेन्स के लिये:वैश्विक मीथेन प्रतिज्ञा और मीथेन से संबंधित चिंता। |
चर्चा में क्यों?
ग्लोबल मीथेन, क्लाइमेट एंड क्लीन एयर (GMCCA) फोरम 2022 का आयोजन वाशिंगटन, डीसी, यूएसए में किया जा रहा है ताकि ग्लोबल मीथेन प्लेज का पालन करके मीथेन पर विशेष ध्यान देने के साथ जलवायु की रक्षा और वायु गुणवत्ता में सुधार के अवसरों पर चर्चा की जा सके।
फोरम का एजेंडा क्या है?
- यह फोरम ग्लोबल मीथेन इनिशिएटिव (GMI) तथा यूएनईपी-आयोजित जलवायु और स्वच्छ वायु गठबंधन (CCAC) द्वारा प्रायोजित एक संयुक्त कार्यक्रम है।
- GMI एक अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक-निजी भागीदारी है जो स्वच्छ ऊर्जा स्रोत के रूप में मीथेन के उपयोग के समक्ष उत्पन्न बाधाओं को कम करने पर बल देता है। यह विश्व में मीथेन-से-ऊर्जा परियोजनाओं को शुरु करने के लिये तकनीकी सहायता प्रदान करता है जो भागीदार देशों को मीथेन परियोजनाओं का उपयोग करने में सक्षम बनाता है।
- भारत GMI का भागीदार देश है।
- मीथेन और अन्य अल्पकालिक जलवायु प्रदूषकों को कम करने के वैश्विक प्रयासों पर उच्च स्तरीय सत्र आयोजित किये जाएंगे।
- यह फोरम मीथेन को कम करने की दिशा में वैश्विक स्तर पर अनुकूल नीति के साथ राजनीतिक और वैज्ञानिक तर्कों की रूपरेखा तैयार करेगा। इसका लक्ष्य आगे के मार्ग को परिभाषित करना भी है।
वैश्विक मीथेन प्रतिज्ञा क्या है?
- परिचय:
- मीथेन उत्सर्जन में कमी हेतु कार्रवाई को उत्प्रेरित करने के लिये नवंबर 2021 में COP (पार्टियों का सम्मेलन) 26 में वैश्विक मीथेन प्रतिज्ञा शुरू की गई थी।
- इसका नेतृत्व संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ ने किया था।
- इसमें 111 देश प्रतिभागी हैं जो मानव-जनित वैश्विक मीथेन उत्सर्जन के 45% हिस्से के लिये ज़िम्मेदार हैं।
- भारत, वैश्विक मीथेन प्रतिज्ञा का हिस्सा नहीं है लेकिन विश्व स्तर पर शीर्ष पाँच मीथेन उत्सर्जकों में से एक है। इसका अधिकांश उत्सर्जन कृषि क्षेत्र में देखा जा सकता है।
- इस प्रतिज्ञा में शामिल होकर देश वर्ष 2030 तक 2020 के स्तर से कम-से-कम 30% मीथेन उत्सर्जन को सामूहिक रूप से कम करने के लिये मिलकर काम करने के लिये प्रतिबद्ध हैं।
- चिंताएँ:
- मीथेन ने वर्तमान में मानवजनित ग्रीनहाउस गैस चालित वार्मिंग के लगभग एक-तिहाई में योगदान दिया है।
- मीथेन, वातावरण में तेल और गैस उद्योगों में रिसाव, पशुपालन एवं लैंडफिल में कचरे के अपघटन के कारण प्रवेश करती है।
- वर्तमान में वैश्विक जलवायु वित्त का केवल 2% मीथेन क्षेत्र में जाता है।
- यदि वैश्विक मीथेन प्रतिज्ञा का पालन नहीं किया जाता है, तो वर्ष 2030 तक मीथेन उत्सर्जन में 13% की वृद्धि होने की संभावना है।
- क्षेत्रवार मीथेन के शीर्ष बारह उत्सर्जक (2021 में):
मीथेन:
- परिचय:
- मीथेन गैस पृथ्वी के वायुमंडल में कम मात्रा में पाई जाती है। यह सबसे सरल हाइड्रोकार्बन है, जिसमें एक कार्बन परमाणु और चार हाइड्रोजन परमाणु (CH4) शामिल होते हैं। मीथेन एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस (Greenhouse Gas) है। यह एक ज्वलनशील गैस है जिसे पूरे विश्व में ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है।
- इसका निर्माण कार्बनिक पदार्थ के टूटने या क्षय होने से होता है। यह आर्द्रभूमियों, मवेशियों, धान के खेत जैसे प्राकृतिक एवं कृत्रिम माध्यमों द्वारा वातावरण में उत्सर्जित होती है।
- मीथेन का प्रभाव:
- मीथेन कार्बन की तुलना में 84 गुना अधिक शक्तिशाली गैस है और यह वायुमंडल में लंबे समय तक नहीं रहती है। इसके उत्सर्जन को अन्य ग्रीनहाउस गैसों की तुलना में कम करके ग्लोबल वार्मिंग में और अधिक कमी की जा सकती है।
- यह ज़मीनी स्तर के ओज़ोन (Ozone) को खतरनाक वायु प्रदूषक बनाने के लिये ज़िम्मेदार है।
वायु प्रदूषण से निपटने के लिये भारत की पहल:
आगे की राह
- डीकार्बोनाइजेशन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये मीथेन और अन्य अल्पकालिक जलवायु प्रदूषकों को कम करना आवश्यक है।
- राष्ट्रीय कार्ययोजनाओं या रणनीतियों का विकास करना जो उत्सर्जन में कमी को प्रोत्साहित करने, समयसीमा को परिभाषित करने व आवश्यक संसाधनों का आकलन करने के लिये विशिष्ट कार्यों की पहचान करते हैं।
- मीथेन उत्सर्जन के उद्देश्य से नई नीतियों या विनियमों का प्रस्ताव, जिसमें रिसाव का पता लगाने और मरम्मत कार्य, प्रौद्योगिकी एवं उपकरण मानकों, फ्लेयरिंग और वेंटिंग पर सीमा, मापन तथा रिपोर्टिंग आवश्यकताओं जैसे उपाय शामिल हों।
- राजनीतिक प्रतिबद्धता स्थापित करने, अपेक्षाओं को चिंह्णित करने और बेहतर योजना बनाने के लिये राष्ट्रीय न्यूनीकरण लक्ष्यों को अपनाना, चाहे वह अर्थव्यवस्था-व्यापक हो या क्षेत्रीय।
- सैटेलाइट डिटेक्शन पर आधारित सुपर-एमिटर रैपिड रिस्पांस सिस्टम में भाग लेना, जो बड़े उत्सर्जन की घटनाओं को उचित समय पर संबोधित करने के लिये संचार चैनल स्थापित करेगा।
- अनुदान, लक्षित वित्त या अन्य प्रोत्साहनों के माध्यम से उपशमन और मानक प्रौद्योगिकियों पर अनुसंधान एवं विकास की दिशा में वित्तपोषण तथा सत्यापन योग्य शमन परियोजनाओं का समर्थन करना।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. ‘मीथेन हाइड्रेट’ के निक्षेपों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-से सही हैं? भूमंडलीय तापन के कारण इन निक्षेपों से मीथेन गैस का निर्मुक्त होना प्रेरित हो सकता है। नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) व्याख्या:
अतः विकल्प (d) सही है। प्रश्न: निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2019)
फसल/बायोमास अवशेषों के जलने से उपर्युक्त में से कौन-से वातावरण में उत्सर्जित होटे है? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) |