अंतर्राष्ट्रीय संबंध
G7 सम्मेलन: जलवायु लक्ष्य, गांधी प्रतिमा और क्वाड जलवायु पहल
- 23 May 2023
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प्रिलिम्स के लिये:G7 सम्मेलन, क्वाड लीडर्स समिट, G7 देश, नेट-ज़ीरो लक्ष्य, हिंद-प्रशांत क्षेत्र मेन्स के लिये:वैश्विक चुनौतियों के समाधान हेतु G7 सम्मेलन की भूमिका, क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने में क्वाड का महत्त्व, भारत की विदेश नीति, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक सुरक्षा के बीच संबंध |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में 49वें G7 सम्मेलन के दौरान सदस्य देशों ने वर्तमान में चल रहे अध्ययनों और रिपोर्टों के उत्तर में अपनी जलवायु संबंधी कार्य सूची के प्रमुख बिंदुओं को रेखांकित किया है। ये जलवायु परिवर्तन की बिगड़ती स्थिति के बारे में चेतावनी देने तथा तत्काल कार्यवाही का आग्रह करते हैं।
- इस शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री ने जापान के हिरोशिमा में महात्मा गांधी की एक प्रतिमा का अनावरण भी किया।
- इसके अतिरिक्त G7 सम्मेलन के मौके पर क्वाड लीडर्स समिट का आयोजन भी किया गया जिसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिये साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, रणनीतिक हितों और पहलों पर महत्त्वपूर्ण चर्चा की गई है।
G7 की प्रमुख जलवायु संबंधी कार्य सूची:
- वर्ष 2025 तक उत्सर्जन का वैश्विक स्तर:
- G7 ने वर्ष 2025 तक वैश्विक स्तर पर न्यूनतम उत्सर्जन की आवश्यकता पर बल दिया है।
- जबकि यह पेरिस समझौते के तहत अनिवार्य नहीं है और इसे प्राप्त करना संभव है।
- हालाँकि विकसित देशों के उत्सर्जन में गिरावट देखी जा रही है लेकिन यह कमी आवश्यक गति के साथ नहीं हो रही है, जबकि विकासशील देशों का उत्सर्जन अभी भी बढ़ रहा है।
- यदि सभी देश केवल अपनी मौजूदा प्रतिबद्धताओं को पूरा करते हैं, तो वर्ष 2030 में उत्सर्जन वर्ष 2010 के स्तर से लगभग 11 प्रतिशत अधिक होगा।
- G7 ने वर्ष 2025 तक वैश्विक स्तर पर न्यूनतम उत्सर्जन की आवश्यकता पर बल दिया है।
- जीवाश्म ईंधन के उपयोग को समाप्त करना:
- G7 जीवाश्म ईंधन के उपयोग को समाप्त करने के लिये एक विशिष्ट समय-सीमा निर्धारित नहीं करता है, लेकिन 1.5 डिग्री सेल्सियस प्रक्षेपवक्र के अनुरूप "असंतुलित जीवाश्म ईंधन" की चरणवार समाप्ति को तेज़ करने के लिये प्रतिबद्ध है।
- इनका लक्ष्य "अपर्याप्त सब्सिडी" की परिभाषा निर्दिष्ट किये बिना वर्ष 2025 या उससे पहले "अपर्याप्त जीवाश्म ईंधन सब्सिडी" को समाप्त करना है।
- G7 देशों का दावा है कि उन्होंने सीमित परिस्थितियों को छोड़कर नई जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा परियोजनाओं का वित्तपोषण करना बंद कर दिया है।
- नेट-ज़ीरो लक्ष्य:
- G-7 ने वर्ष 2050 तक नेट-ज़ीरो स्थिति प्राप्त करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया और अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से भी ऐसा करने का आग्रह किया।
- 1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य को पूरा करने के लिये सदी के मध्य तक संपूर्ण विश्व को नेट-ज़ीरो स्थिति प्राप्त कर लेनी चाहिये।
- चीन का लक्ष्य वर्ष 2060 तक नेट-ज़ीरो स्थिति प्राप्त करना है, जबकि भारत ने वर्ष 2070 को अपने लक्ष्य के रूप में निर्धारित किया है।
- प्रमुख विकासशील देश वर्ष 2050 के बाद विकसित प्रौद्योगिकियों और स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने की दिशा अपने लक्ष्यों में परिवर्तन कर सकते है।
G-7 जलवायु कार्य-सूची को लागू करने में क्या चुनौतियाँ हैं?
- अपर्याप्त क्रियान्वयन और विसंगतियाँ:
- वैश्विक उत्सर्जन में G-7 देशों का 20% का योगदान है लेकिन इस समूह ने प्रभावी तरीके से अपने वादों को पूरा नहीं किया है।
- 1.5 डिग्री सेल्सियस और 2 डिग्री सेल्सियस तापमान लक्ष्यों के साथ संरेखित करने के लिये पर्याप्त और सुसंगत क्रियान्वयन का अभाव है।
- G-7 सदस्य देश पेरिस समझौते के लक्ष्य के अनुरूप राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDCs) को अद्यतन करने में विफल रहे है।
- अपर्याप्त जलवायु वित्त सहायता:
- G-7 देश पेरिस समझौते के लक्ष्यों से सहमत विकासशील देशों को जलवायु वित्त प्रदान करने में कठिनाई से उपलब्ध और अपर्याप्त रहे हैं।
- विकासशील देश जो जलवायु प्रभावों से असमान रूप से प्रभावित हैं, उन विकासशील देशों को अनुकूलन और लचीलेपन के समर्थन की आवश्यकता है।
- ऑक्सफैम की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2019 में विकसित देशों ने जलवायु वित्त का केवल 20% अनुकूलन के लिये आवंटित किया था जिसकी अल्प विकासशील देशों तक पहुँच थी।
- जीवाश्म ईंधन पर निरंतर निर्भरता:
- जीवाश्म ईंधन विशेष रूप से कोयले पर उनकी निरंतर निर्भरता के लिये G-7 देशों की आलोचना की गई।
- जीवाश्म ईंधन विशेष रूप से कोयला अत्यधिक कार्बन-गहन ऊर्जा स्रोत है जो जलवायु परिवर्तन को बढ़ा रहा है।
- ऑयल चेंज इंटरनेशनल इस बात पर प्रकाश डालता है कि G-7 देशों ने स्वच्छ ऊर्जा में निवेश की सीमा को पार करते हुए जीवाश्म ईंधन के लिये महत्त्वपूर्ण सार्वजनिक वित्त प्रदान किया है।
- जीवाश्म ईंधन विशेष रूप से कोयले पर उनकी निरंतर निर्भरता के लिये G-7 देशों की आलोचना की गई।
भारत के प्रधानमंत्री ने हिरोशिमा में गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया:
- महात्मा गांधी बीसवीं सदी के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक थे जिन्होंने अहिंसा, शांति, न्याय और मानव गरिमा के सिद्धांतों का समर्थन किया। हिरोशिमा पीस मेमोरियल पार्क में उनकी प्रतिमा का अनावरण उनकी विरासत को श्रद्धांजलि और वर्तमान में दुनिया में उनकी प्रासंगिकता की याद दिलाने के रूप में किया गया।
- यह सांकेतिक रूप से एक और परमाणु तबाही को रोकने तथा परमाणु निरस्त्रीकरण एवं अप्रसार की दिशा में आगे बढ़ने की G-7 और उसके भागीदारों की साझा प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।
- साथ ही वर्ष 1945 में हिरोशिमा (Hiroshima) और नागासाकी (Nagasaki) में हुए परमाणु बम विस्फोटों में जीवित बचे हिबाकुशा (Hibakusha) की पीड़ा को महसूस करते हुए उनके प्रति संवेदनशीलता व्यक्त करना था।
- इस प्रतिमा को वैश्विक शांति और सुरक्षा में भारत की भूमिका और योगदान के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन सहित विभिन्न मुद्दों पर जापान के साथ साझेदारी के रूप में भी देखा गया।
- अनावरण समारोह में G7 नेताओं के साथ भारत के प्रधानमंत्री ने भाग लिया, जिन्हें ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका के अन्य नेताओं के साथ शिखर सम्मेलन में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।
क्वाड लीडर्स समिट के परिणाम:
- क्वाड लीडर्स समिट को 23 मई, 2023 को G7 शिखर सम्मेलन के अवसर पर आयोजित किया गया था। इसमें भारत के प्रधानमंत्री, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा शामिल हुए।
- क्वाड चार लोकतंत्रों के बीच एक अनौपचारिक रणनीतिक संवाद है जो भारत-प्रशांत क्षेत्र में समान हितों और मूल्यों को साझा करता है।
- क्वाड सदस्यों के बीच सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों में से एक जलवायु परिवर्तन है। नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी किया जिसमें पेरिस समझौते और इसके पूर्ण कार्यान्वयन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई।
- उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन, नवाचार, अनुकूलन और लचीलापन पर सहयोग बढ़ाने के लिये कई पहलों की भी घोषणा की। इनमें से कुछ पहलें हैं:
- घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय जलवायु नीतियों पर अपने प्रयासों का समन्वय करने के लिये एक नया क्वाड क्लाइमेट वर्किंग ग्रुप लॉन्च करना।
- तकनीकी सहायता, क्षमता निर्माण और वित्तपोषण तंत्र के माध्यम से हिंद-प्रशांत देशों में स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के परिनियोजन का समर्थन करने के लिये क्वाड क्लीन एनर्जी पार्टनरशिप की स्थापना करना।
- सूचना साझा करने, सर्वोत्तम प्रथाओं और मानकों के विकास के माध्यम से समुद्री परिवहन के डीकार्बोनाइज़ेशन को बढ़ावा देने हेतु क्वाड ग्रीन शिपिंग नेटवर्क का समर्थन करना।
- संयुक्त अभ्यास, प्रशिक्षण और सूचना साझा करने के माध्यम से आपदा जोखिम में कमी तथा प्रबंधन पर सहयोग का विस्तार करना।
- वनों, आर्द्रभूमियों तथा मैंग्रोव जैसे पारिस्थितिक तंत्रों के संरक्षण और बहाली के माध्यम से जलवायु शमन एवं अनुकूलन के लिये प्रकृति-आधारित समाधानों का समर्थन करना।
G7:
- यह एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसका गठन वर्ष 1975 में किया गया था।
- वैश्विक आर्थिक शासन, अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और ऊर्जा नीति जैसे सामान्य हित के मुद्दों पर चर्चा करने के लिये समूह की वार्षिक बैठक होती है।
- G-7 देश यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, फ्राँस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका हैं।
- सभी G-7 देश और भारत G20 का हिस्सा हैं।
- G-7 का कोई औपचारिक चार्टर या सचिवालय नहीं है। प्रेसीडेंसी जो प्रत्येक वर्ष सदस्य देशों के बीच आवंटित होती है, एजेंडा तय करने हेतु प्रभारी होती है। शिखर सम्मेलन से पहले शेरपा, मंत्री और दूत नीतिगत पहल करते हैं।
- 49वाँ G7 शिखर सम्मेलन जापान के हिरोशिमा में आयोजित किया गया।
क्वाड समूह:
- क्वाड- भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान का एक समूह है।
- सभी चारों राष्ट्र लोकतांत्रिक होने के कारण इनकी एक समान आधारभूमि है और निर्बाध समुद्री व्यापार एवं सुरक्षा के साझा हित का भी समर्थन करते हैं।
- इसका उद्देश्य "मुक्त, स्पष्ट और समृद्ध" इंडो-पैसिफिक क्षेत्र सुनिश्चित करना तथा उसका समर्थन करना है।
- क्वाड का विचार पहली बार वर्ष 2007 में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने रखा था। हालाँकि यह विचार आगे विकसित नहीं हो सका, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया पर चीन के दबाव के कारण ऑस्ट्रेलिया ने स्वयं को इससे दूर कर लिया।
- अंतत: वर्ष 2017 में भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान ने एक साथ आकर इस "चतुर्भुज" गठबंधन का गठन किया।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. "अभीष्ट राष्ट्रीय निर्धारित अंशदान (Intended Nationally Determined Contributions)" पद को कभी-कभी समाचारों में किस संदर्भ में देखा जाता है? (2016) (a) युद्ध-प्रभावित मध्य-पूर्व के शरणार्थियों के पुनर्वास के लिये यूरोपीय देशों द्वारा दिया गया वचन उत्तर: (b) प्रश्न. वर्ष 2015 में पेरिस में UNFCCC बैठक में हुए समझौते के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?(2016)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 3 उत्तर : b प्रश्न. निम्नलिखित में से किस समूह के सभी चार देश G20 के सदस्य हैं? (2020) (a) अर्जेंटीना, मेक्सिको, दक्षिण अफ्रीका और तुर्की उत्तर: (a) मेन्सप्रश्न. 'जलवायु परिवर्तन' एक वैश्विक समस्या है। भारत जलवायु परिवर्तन से किस प्रकार प्रभावित होगा? जलवायु परिवर्तन द्वारा भारत के हिमालयी और समुद्रतटीय राज्य किस प्रकार प्रभावित होंगे? ‘(2017) प्रश्न. संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मलेन (यू.एन.एफ.सी.सी.सी.) के सी.ओ.पी. के 26वें सत्र के प्रमुख परिणामों का वर्णन कीजिये। इस सम्मेलन में भारत द्वारा की गई वचनबद्धताएँ क्या हैं?(2021) |