भारतीय राजव्यवस्था
OCI कार्ड धारक और मौलिक अधिकार
- 01 Feb 2020
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प्रीलिम्स के लिये:OCI, सूचना का अधिकार, विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम, 2010, मौलिक अधिकार मेन्स के लिये:मौलिक अधिकार से संबंधित मुद्दे |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में सूचना के अधिकार के तहत दायर एक याचिका के जवाब में कहा है कि भारत के समुद्रपारीय नागरिकों (Overseas Citizen of India- OCI) को मौलिक अधिकार प्राप्त नहीं हैं।
मुख्य बिंदु
- सरकार की यह प्रतिक्रिया रैनबैक्सी के पूर्व कार्यकारी अधिकारी द्वारा सूचना के अधिकार (Right To Information- RTI) के तहत दायर याचिका के संदर्भ में आई है।
क्या है याचिका?
- याचिकाकर्त्ता ने संविधान द्वारा प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के संदर्भ में विदेशी नागरिकों के लिये विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम, 2010 (Foreign Contribution Regulation Act- FCRA) के तहत धार्मिक और धर्मार्थ संस्थाओं को दान करने की अनुमति लेने से छूट मांगी थी।
केंद्र सरकार का पक्ष:
- केंद्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा है कि OCI कार्ड-धारकों को नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 7B के अंतर्गत प्रदत्त अधिकार केवल वैधानिक अधिकार हैं न कि संवैधानिक या मौलिक।
- केंद्र सरकार ने यह जवाब OCI कार्ड-धारक को भारत में धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार के संबंध में नहीं दिया है, हालाँकि सरकार ने यह कहा है कि उन्हें कोई मौलिक अधिकार प्राप्त नहीं है।
- ध्यातव्य है कि सरकार का यह रुख वर्ष 2018 में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा OCI कार्ड-धारकों के संदर्भ में दिये गए उस निर्णय, जिसमें उच्च न्यायालय ने कहा था कि OCI कार्ड-धारकों को भी भारतीय नागरिकों की भाँति समानता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है, के बावजूद है।
इस संदर्भ में पूर्व के घटनाक्रम
- वर्ष 2018 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने डॉ. क्रिस्टो थॉमस फिलिप बनाम भारत संघ एवं अन्य (Dr. Christo Thomas Philip vs Union Of India & Others) मामले में डॉ. क्रिस्टो थॉमस फिलिप के OCI कार्ड को बहाल करते हुए कहा था कि एक विदेशी नागरिक को भी संविधान के तहत व्यक्तियों को दिये गए मौलिक अधिकार प्राप्त हैं।
- ध्यातव्य है कि भारत में मिशनरी गतिविधियों में शामिल होने के कारण डॉ. फिलिप के OCI कार्ड को सरकार ने रद्द कर दिया था।
भारत में नागरिकों और विदेशियों को प्राप्त मौलिक अधिकार
- भारतीय संविधान में प्राप्त मौलिक अधिकारों में से कुछ अधिकार केवल भारतीय नागरिकों तक सीमित हैं जबकि कुछ अधिकार भारतीय नागरिकों के साथ विदेशियों को भी प्रदान किये गए हैं।
केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त मौलिक अधिकार | भारतीय नागरिकों के साथ विदेशियों को भी प्राप्त मौलिक अधिकार |
• अनुच्छेद 15: धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद से निषेध। |
• अनुच्छेद 14: विधि के समक्ष समता। |